गहलोत गुट के 10 से 15 MLA आना चाहते हैं पायलट के खेम में, अभी है यह दिक्कत-हेमाराम चौधरी
जयपुर। राजस्थान की सियासी तस्वीर तेजी से रंग बदल रही है। फिलहाल यह तय नहीं है कि अशोक गहलोत अपनी सरकार बचाने में कामयाब हो जाएगी या सचिन पालयट खेमा उनका सरकार गिरा देगा।
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11 जुलाई से चल रहे राजस्थान के राजनीतिक संकट का नतीजा विधायकों की संख्या बल पर टिका है। यही वजह है कि आमने-सामने हुए अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने अपने-अपने खेमे के विधायकों की बाड़ाबंधी कर रखी है। 27 जुलाई को सचिन पायलट के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी ने जो दावा किया उससे गहलोत सरकार पर संकट अधिक मंडरा सकता है। सरकार को बचाना अधिक मुश्किल हो जाएगा।
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न्यूज एजेंसी एनएनआई के हवाले से खबर है कि हेमाराम चौधरी ने दावा किया है कि अशोक गहलोत गुट के 10-15 विधायक उनके सम्पर्क में हैं और वे सचिन पायलट गुट में आना चाहते हैं। फिलहाल उन पर गहलोत ने पाबंदी लगा रखी है, मगर जैसे ही वो फ्री होंगे तब सचिन पायलट के खेमे में शामिल हो जाएंगे।
कौन हैं हेमाराम चौधरी
राजस्थान के बाड़मेर जिले के बायतू चिमंजी में 18 जनवरी 1948 को जन्मे हेमाराम चौधरी कद्दावर नेता हैं। हेमाराम चौधरी बाड़मेर के गुड़ामालानी से 6 बार विधायक चुने जा चुके हैं। राजस्थान सरकार में राजस्व मंत्री व नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। बता दें कि इनकी पत्नी भीखी देवी के नाम अनूठा रिकॉर्ड है। भीखी देवी लगातार छह बार सरपंच चुनी जा चुकी हैं। राजस्थान पंचायती राज चुनाव 2020 में भी हर बार की तरह भीखी देवी को निर्विरोध सरपंच चुना गया।