मध्य प्रदेश का मिस्त्री सुमित विश्वकर्मा बना IAS, 53वीं रैंक से पास की UPSC परीक्षा, जानिए सच्चाई क्या है?
Seoni News सिवनी। 5 अप्रैल 2019 को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सर्विसेज एग्जाम (cse) 2018 का फाइनल रिजल्ट घोषित किया। इसके बाद से कई सफल उम्मीदवारों की प्रेरणादायक स्टोरी खूब देखने व पढ़ने को मिल रही हैं। बात चाहे मध्य प्रदेश के इंदौर में पेट्रोल पंप पर काम करने वाले के बेटे प्रदीप सिंह की हो या फिर राजस्थान के झुंझुनूं शहर के टेलर के दो बेटों के एक साथ IAS बनने की, मगर इन सबके बीच एक खबर जो सबसे तेजी से वायरल हुई वो थी मध्यप्रदेश के जबलपुर के पड़ोसी जिले सिवनी के गांव बम्हौड़ी के सुमित विश्वकर्मा की।
कई नामी वेबसाइटों ने प्रकाशित की सुमित की स्टोरी
कई नामी मीडिया संस्थानों ने सुमित विश्वकर्मा की खबर, तस्वीर और इंटरव्यू के वीडियो को प्रमुखता से प्रकाशित किया। मीडिया रिपोटर्स में दावा किया गया कि राज मिस्त्री का काम करने वाले सुमित विश्वकर्मा (Sumit Vishvakarma) ने यूपीएससी में 53वीं रैंक हासिल की है। सुमित के संघर्ष और कामयाबी को किसी ने दिन में मजदूरी, रात में घंटों पढ़ाई तो किसी ने मजदूरी करने वाले सुमित ने UPSC में हासिल की 53वीं रैंक शीर्षक से प्रकाशित किया।
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सुमित विश्वकर्मा ने मीडिया को दिए इंटरव्यू
यहीं नहीं बल्कि खुद सुमित विश्वकर्मा ने मिस्त्री का काम करते हुए फोटो खिंचवाए और मीडिया को अपनी सफलता को लेकर इंटरव्यू भी दिए। खबर को पाठकों ने हाथों-हाथ लिया और यह सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हुई। सुमित विश्वकर्मा के घर बधाई देने वालों का तांता लग गया। हर कोई उनकी कामयाबी को सैल्यूट करता दिखा।
सुमित कुमार की एफबी पोस्ट से सामने आई सच्चाई
यूपीएससी का रिजल्ट आने के दो दिन बाद 7 अप्रैल को एक फेसबुक पोस्ट ने पूरी कहानी में टवीस्ट ला दिया और सच्चाई पर्दा भी उठा दिया। फेसबुक पर यह पोस्ट थी बिहार के जमुई सिकंदराबाद के सुमित कुमार की। बिहार के सुमित ने अपनी पोस्ट में लिखा कि एमपी के सुमित विश्वकर्मा के बारे में एक न्यूज मीडिया में वायरल हो रही है, जिसमें कथित तौर पर दावा किया जा रहा है कि सुमित विश्वकर्मा ने सिविल सर्विसेज एग्जाम (cse) 2018 में 53वीं रैंक हासिल की है जबकि यह न्यूज फेक है। यूपीएससी में 53वीं रैंक मध्य प्रदेश के सुमित विश्वकर्मा ने नहीं बल्कि बिहार के सुमित कुमार ने हासिल की है।
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बिहार के सुमित ने दी पूरी डिटेल
बिहार के सुमित कुमार ने फेसबुक पोस्ट में अपनी डिटेल देते हुए लिखा कि उन्होंने बोकारो के गुरु गोविन्द सिंह पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की और कानपुर आईआईटी से बीटेक किया। इसके बाद एक निजी कम्पनी में काम करने लगे। इसी दौरान सिविल सर्विसेज की भी तैयारी करते रहे। यही नहीं बल्कि सुमित कुमार ने अपने रोल नम्बर और रिजल्ट की डिटेल भी पोस्ट की। तब जाकर इस फर्जी खबर की सच्चाई सामने आई। हकीकत का पता लगने के बाद से सुमित विश्वकर्मा गायब हो गया। यह भी जानकारी में आया है कि सुमित विश्वकर्मा ने यूपीएससी का एग्जाम दिया था। वह जबलपुर के जिस कॉलेज से पढ़ाई की उसी में राज मिस्त्री का काम करता है।