Budget 2023: बजट पर एमपी महाकौशल अंचल की मिली जुली प्रतिक्रिया, कांग्रेस बोली- ये अमीरों का है बजट
वित्तीय वर्ष 2023-24 का आम बजट पेश हो गया। मध्य प्रदेश के महाकौशल अंचल की झोली में कितना क्या नसीब होगा, यह तो आहिस्ता आहिस्ता पता चलेगा। फिलहाल कई क्षेत्रों से जुड़े लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई है।
MP Mahakaushal Zone's mixed reaction on budge:केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश कर दिया। बजट के पिटारे से निकली सौगातों पर बीजेपी जनता का हितकारी बजट बता रही है तो वही कांग्रेस तंज कसने के हर रास्ते तलाशने में जुटी है। एमपी के महाकौशल अंचल की बात करें तो हर क्षेत्र से जुड़े लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई। व्यासायिक औद्योगिक संगठनों ने जहां कुछ लोगों ने महंगाई को कोसा तो वही कुछ लोगों ने रेलवे, इनकम टैक्स में राहत का स्वागत किया। दूसरी तरफ मप्र के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस विधायक तरुण भनोत ने इस बजट को ख़ास उद्योगपतियों का बजट करार दिया।
सभी
के
लिए
कुछ
अच्छा
करने
का
प्रयास
किया
गया
है,
9
हजार
करोड़
एमएसएमई
के
लिए
रखना,
स्किल
डेवलपमेंट,
माइनस
प्वाइंट
यही
है
कि
महंगाई
को
कम
करने
का
उचित
प्रयास
नहीं
किया
गया।
एक
प्रकार
से
लुभावना
बजट
है।
गोवर्धन
योजना
में
जबलपुर
अच्छा
ग्रो
कर
सकता
है।
रेलवे
के
बजट
में
एतिहासिक
बढ़ोतरी
स्वागत
योग्य
है।
हिमांशु
खरे
यूनियन
बजट
सुनने
में
तो
ऊंचाइयों
पर
ले
जाने
वाला
बजट
लग
रहा
है।
एक
दिन
कह
देने
से
अच्छा
तो
लगता
है,
करेंगे
कैसे,
पैसा
कैसे
आएगा
उसके
लिए
इस
बजट
में
कुछ
खास
नहीं
है।
आम
जन
के
बारे
में
इस
बजट
में
कहीं
कोई
सहयोग
या
सहायता
नहीं
दी
गई
है।
बेरोजगारी
और
महंगाई
को
लेकर
कोई
योजना
नहीं
लाई
गई।
इंकमटैक्स
में
7
लाख
की
सालाना
आय
को
टैक्स
से
राहत
तो
दी
गई
लेकिन
महंगाई
के
हिसाब
से
यह
कोई
उपलब्धि
नहीं
है।
लुभावना
बजट
है
लेकिन
जनता
को
इससे
कोई
लाभ
नहीं
मिला
है।
मदन
मोहन
नेमा,
पूर्व
अध्यक्ष
आम
आदमी
के
लिए
कुछ
नहीं
है,
ट्रांसपोर्टर
होने
के
नाते
डीजल-पेट्रोल
को
जीएसटी
के
अंतर्गत
क्यों
नहीं
लाया
जा
रहा
यह
बड़ा
सवाल
है।
स्क्रेप
नीति
का
विरोध
करते
हैं।
हमसे
टोल,
ईंधन
और
रोड
टैक्स
के
जरिए
3
प्रकार
का
टैक्स
लिया
जाता
है।
नरिंदर
सिंह
पांधे,
कांग्रेस
नेता
सर्राफा
व्यापारियों
के
लिए
मजबूत
स्वर्ण
नीति
की
अपेक्षा
थी,
लेकिन
हर
बार
आयात
शुल्क
बढ़ाया
जा
रहा
है।
जिससे
सराफा
व्यापारी
निराश
हैं।
बजट
में
सराफा
व्यापार
को
निगलेक्ट
किया
गया
है।
अजय
बख्तावर,
सराफा
व्यापारी
बजट
में
जैसी
उम्मीद
थी,
उनका
ध्यान
रखा
गया
है।
एमएसएमई
को
लेकर
की
गई
घोषणा
अच्छी
पहल
है।
नई
पीढ़ी
को
ध्यान
में
रखते
हुए
अच्छी
पहल
की
गई
है।
दीपक
सेठी,
ये भी पढ़े-MODI सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश, CM Shivraj ने बताया राज्य कल्याण का बजट