एमपी हाईकोर्ट नहीं करेगा आरक्षण सम्बन्धी 62 याचिकाओं की सुनवाई, सरकार को लगाई फटकार
जबलपुर, 13 सितंबर: ओबीसी आरक्षण से जुड़ी 62 याचिकाओं पर सुनवाई करने से मप्र हाईकोर्ट ने फिलहाल इंकार कर दिया है। दरअसल इसी तरह के मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। लिहाजा अदालत ने मौजूदा परिस्थितियों में सुनवाई करना उचित नहीं समझा है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए है कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिकाओं का जल्द निराकरण कराए या फिर मप्र हाईकोर्ट में विचाराधीन याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कराए। अदालत ने लंबित याचिकाओं के संबंध में जानकारी ना बताए जाने पर नाराजगी भी जताई।
ओबीसी आरक्षण से संबंधित 62 विचाराधीन याचिकाओं पर 13 सितंबर से मप्र हाईकोर्ट में नियमित सुनवाई होना था। इसके पहले 22 अगस्त से चल रही सुनवाई को छह सितंबर को हाई कोर्ट ने स्थगित कर दिया था। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन याचिकाओं की पेपर बुक का अध्ययन करते हुए 62 याचिकाओं पर सुनवाई करना न्यायसंगत नहीं माना, लिहाजा वर्तमान में हाईकोर्ट में विचाराधीन याचिकाओं पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया हैं। अदालत ने सरकार को निर्देश दिए है कि सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन इसी तरह की याचिकाओं का जल्द निराकरण कराए या फिर मप्र हाईकोर्ट की इन याचिकाओं को वहां ट्रांसफर कराए। इस कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट ने चार सप्ताह का समय दिया हैं।
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राज्यपाल द्वारा नियुक्त अधिवक्ता की ओर से मांग की गई कि पिछले चार सालों से रुकी नियुक्तियों की भर्ती प्रक्रिया के आदेश दिए जाए। साथ ही अंतरिम आदेशों को संसोधित किया जाए।। जिस पर कोर्ट ने कहा कि किसी भी भर्ती प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाईं गई है। सभी नियुक्तियां याचिका के निर्णय के अधीन ही होगी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि 27 फ़ीसदी OBC आरक्षण को लेकर फ़िलहाल MP की सरकारी भर्तियों पर कोई रोक नहीं हैं। जिन भर्तियो पर कोर्ट की रोक है, वह यथावात रहेगी। अब मामले की अगली सुनवाई 13अक्टूबर को होगी।