MP Election: पियक्कड़ों की चांदी, प्रत्याशियों की आफत, इस वजह से वोटर कर रहे शराब की डिमांड
छिंदवाड़ा, 28 जून: मप्र के नगरीय निकाय चुनाव में किस्मत आजमा रहे नेताओं के चुनावी खर्च में शामिल 'शराब' ने पियक्कड़ों की किस्मत खोल दी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) द्वारा चुनाव आयुक्त को की गई शिकायत से तो यही लग रहा है। छिंदवाड़ा में आबकारी विभाग द्वारा जारी शराब के ब्रांड और उनकी दरों की लिस्ट के आधार पर भी यही दावा किया जा रहा है। जैसे ही इस फरमान की शराबियों को भनक लगी, उन्होंने अपने सारे काम छोड़ चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों और प्रचार करने वाले समर्थकों के पीछे लग गए है। शराब के शौक़ीन मतदाता, अब खुले आम शराब की डिमांड करने लगे है।

पहले शराब दो, फिर वोट देंगे
इस बार मप्र के नगरीय निकाय चुनाव में हर जगह कड़ी टक्कर है। प्रत्याशी हो या उनके समर्थक जीत के लिए दिन-रात एक कर रहे है। लेकिन इसी बीच छिंदवाड़ा में एक फरमान ने प्रत्याशी और प्रचार कर रहे नेताओं का सिर दर्द बढ़ा दिया है। नेताजी के पीछे समर्थकों से ज्यादा पियक्कड़ों की लाइन लग रही है, शराब के शौक़ीन कई मतदाता कह रहे है कि जब चुनावी खर्च में निर्वाचन विभाग ने शराब को शामिल कर दिया है तो प्लीज शराब दीजिए। उसका खर्च आयोग को बता देना। प्रत्याशी और उनका प्रचार करने वाले समर्थकों का ऐसी स्थिति में दिमाग ही काम नहीं कर रहा कि क्या करे?

ब्रांड के नाम और उनकी दरें भी जारी
मप्र के छिंदवाड़ा में चुनाव संबंधी दिशा-निर्देशों के साथ अधिकारियों ने प्रत्याशियों को एक्सपेंडीचर की मार्गदर्शिका भी सौपी। जिसमें देशी-विदेशी शराब के 883 ब्रांड और चुनाव में उनकी प्राइज समेत 30 पन्नो की लिस्ट शामिल है। स्पष्ट रूप से निर्देश में लिखा गया है कि अलग-अलग दरों के हिसाब से प्रत्येक व्यय की जानकारी निर्वाचन विभाग के एक्सपेंडीचर सेल को देना अनिवार्य है। निर्वाचन कार्य में लगे निचले स्तर के अधिकारी-कर्मचारी भी इस मामले को लेकर हैरान है।

कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयुक्त को शिकायत
चुनाव के दौरान छिंदवाड़ा में शराब को लेकर मची खलबली की अब खिल्ली भी उड़ रही है। मप्र कांग्रेस कमेटी ने चुनावी खर्चों में शामिल शराब को गलत ठहराया है। इस सिलसिले में कांग्रेस के प्रदेश चुनाव प्रभारी जेपी धनोपिया चुनाव आयुक्त को लिखित शिकायत भी की है। जिसमें छिंदवाड़ा के सहायक आबकारी आयुक्त माधुसिंह भयढिया पर कार्रवाई की मांग की गई है। कांग्रेस का कहना है कि प्रत्याशियों के चुनावी खर्च में शराब को शामिल करने का मतलब है कि प्रत्याशी किसी को भी शराब पिला सकता है और उसके खर्च का ब्यौरा दिया जा सकता है। जबकि चुनाव के दौरान इस तरह का कृत्य आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के दायरे में आता है।

असमंजस में कई प्रत्याशी
अजीबों-गरीब तरह की निर्मित हुई इस स्थिति से छिंदवाड़ा में कई प्रत्याशी असमंजस में है। उनके पास शराब की डिमांड लेकर पहुँच रहे लोगों को समझाया जा रहा है। लेकिन शराब के शौक़ीन अपने मोबाइल पर चुनावी खर्चो की दिशा-निर्देशिका खोलकर रख दे रहे है। यह बात भी समझ से परे है कि इस तरह के दिशा-निर्देश आयोग के जरिए जारी कराए गये या फिर संबंधित विभाग ने अपने स्तर पर मनमाना आदेश जारी कर दिया।