मेयर की चेयर: एक रुपये में हवा नहीं, महापौर मिलेगा, VIP की जगह होगी प्लास्टिक कुर्सी
जबलपुर, 29 जून: बेतहाशा महंगाई के इस ज़माने में आपके लिए एक रुपए की कीमत भले ही कुछ न हो, लेकिन चुनावी मौसम में मप्र के जबलपुर में 'एक रुपए' महीने में महापौर (mayor) मिलने का दावा किया जा रहा है। नगरीय निकाय चुनाव है तो भाजपा महापौर प्रत्याशी के इस ऐलान के साथ कांग्रेस प्रत्याशी भी पीछे कहाँ रहने वाले थे। उन्होंने महापौर बनने पर अपना सर्वस्व न्यौछावर करने की घोषणा कर दी। इसी तरह अन्य महापौर प्रत्याशी भी अपने ढंग से मतदाताओं को लुभाने में जुटे है।

1 रूपया में हवा नहीं, ‘महापौर’ मिलेगा !
मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के दौरान प्रत्याशी एक से बढ़कर एक घोषणाए कर रहे है। भले ही बढ़ती महंगाई के ज़माने में एक रुपए में साइकिल के एक चके में हवा न मिले, लेकिन जनता को रिझाने जबलपुर में बीजेपी से महापौर प्रत्याशी डॉ. जितेन्द्र जामदार ने ऐलान किया है कि वह सिर्फ एक रुपए प्रतिमाह के मानदेय पर 5 वर्षों तक तक काम करेंगे। पेशे से ख्यातिलब्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. जामदार का कहना है कि उनकी यह प्रतिज्ञा जनसेवा के लिए समर्पित, संकल्पित रहेंगी।

सर्वस्व न्यौछावर, होगी प्लास्टिक की कुर्सी
चुनाव मैदान में बीजेपी महापौर प्रत्याशी की प्रतिज्ञा का हल्ला मचते ही कांग्रेस महापौर प्रत्याशी जगत बहादुर सिंह 'अन्नू' ने तो महापौर निर्वाचित होने पर अपना सर्वस्व न्यौछावर करने की घोषणा कर दी। उनका कहना है कि मैं जमीन से जुड़ा व्यक्ति रहा हूँ, जो भी कुछ मेरा है, वह जनता के लिए समर्पित है। अवसर मिलेगा तो शहर का चारों दिशाओं से विकास किया जाएगा। अन्नू यह भी घोषणा कर चुके है कि वह महापौर बनने पर VIP कुर्सी नहीं, बल्कि प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठेंगे।

यहाँ हो जाएगा सब कुछ ‘फ्री’
इधर भारतीय गरीब पार्टी से महापौर प्रत्याशी श्रीमति शशी स्टेला लुईस यदि महापौर बनी तो वो अपने काम के जरिए मध्यपप्रदेश के नगरीय निकायों में ऐसा रिकॉर्ड कायम करेंगी जिसके बारे में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। जबलपुर से प्रत्याशी लुईस ने जो पंपलेट छपवाया है, उसे पढ़कर आने वाले पांच सालों में किसी को कुछ भी करने की जरुरत नही। घर बैठे, सब कुछ मुफ्त मिलेगा । बिजली, पानी, राशन, पेंशन, बेरोजगारी भत्ता समेत कई घोषणाए की है। ये महापौर बनी तो आपको पैसों की किल्लत से मुक्ति मिल जाएगी। ये दावा कर रही है कि पैसों की कमी होने पर विश्व बैंक से कर्ज लेंगे और आपकी हर जरुरत की पूर्ति करेंगे।

प्रदेश का पहला नगर-निगम है जबलपुर
मध्यप्रदेश में पहली नगर-निगम होने का दर्जा जबलपुर को हासिल है। यहाँ नगर नगर निगम चुनाव फिर निर्वाचित हुए अब तक के महापौर का इतिहास कई यादों को समेटे हुए है। बताया जाता है कि पूर्व महापौर स्व. रामेश्वरप्रसाद गुरु ने भी सिर्फ एक रुपए प्रतिमाह मानदेय लेकर अपना कार्यकाल पूरा किया था। शासकीय सुविधाएँ मिलने के बाबजूद वह साइकिल से ही नगर भ्रमण करते थे। साइकिल पर महापौर को देख उस वक्त लोग आश्चर्यचकित रह जाते थे, कि शहर का प्रथम नागरिक साधारण जीवन शैली में जनता के बीच है। भूतपूर्व महापौर स्व. विश्वनाथ दुबे भी उन्ही में से थे, जिन्होंने अपने कार्यकाल में एक रुपए मानदेय भी नहीं लिया।
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