जबलपुर आदित्य हत्याकांड : किडनैपर्स मांगते रहे 2 करोड़, सुनें ऑडियो कॉल और जानिए हत्या की वजह
जबलपुर। पूरे मध्य प्रदेश को झकझोर देने वाले जबलपुर आदित्य लाम्बा हत्याकांड के मुख्य आरोपी राहुल उर्फ मोनू की पुलिस कस्टडी में मौत हो चुकी है। आरोपी की मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की वजह सामने आ सकेगी। आदित्य के पिता मुकेश लांबा और अपहरण करने वालों के बीच फिरौती की रकम को लेकर हुई बातचीत के कॉल रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया में वायरल हो रही है।
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किडनैपर्स और आदित्य के पिता के बीच बातचीत
वायरल कॉल रिकॉर्डिंग में आदित्य का अपहरण करने वाली आरोपी उसके पिता से बेटे की सलामती के लिए दो करोड़ की फिरौती मांगते हैं। बेबस पिता दो करोड़ रुपए बड़ी रकम बताकर दस लाख रुपए का इंतजाम करने को तैयार होता है, मगर आरोपी दो करोड़ से कम में मानने को तैयार नहीं होते हैं।
आरोपियों ने स्कूटी लेकर बुलाया
आरोपियों ने आदित्य लाम्बा के पिता को फिरौती के रुपए लेकर स्कूटी से आने को कहा। साथ ही यह कहा कि वे स्कूटी के नंबर उन्हें मैसेज कर दे। इसके अलावा अपहरण करने वाले और आदित्य के पिता बीच हुई बातचीत में आरोपियों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि पीड़ित परिवार की ओर से पुलिस को बता दिया गया। इसके बाद आरोपियों ने 8 लाख रुपए फिरौती की राशि भी ले ली थी।
...तो क्या ये थी हत्या की वजह
जबलपुर के बहुचर्चित आदित्य लाम्बा हत्याकांड के आरोपियों ने फिरौती के रुपए के बावजूद आदित्य की हत्या कर दी थी। पुलिस की शुरुआती जांच में आदित्य की हत्या की एक वजह सामने आई है। एक यह कि आरोपी राहुल उर्फ मोनू पीड़ित परिवार का परिचित है। अपहरण के बाद आदित्य ने उसे पहचान लिया था। आदित्य ने अपहरण करने वाले से कहा था कि 'अंकल मैं आपको जानता हूं...।' यह कहना ही आदित्य के लिए जानलेवा साबित हुआ।
क्या है आदित्य हत्याकांड जबलपुर
बता दें कि जबलपुर के खनन व्यवसायी मुकेश लांबा के 13 साल के बेटे आदित्य का 15 अक्टूबर की शाम अपहरण कर लिया गया था। तब वो घर के नजदीक की एक दुकान पर बिस्किट लेने गया था। इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने परिजनों को कॉल कर दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। परिजनों ने इस बारे में पुलिस को भी कॉल कर घटना की जानकारी दे दी थी। 8 लाख रुपए फिरौती की रकम लेने के बाद शव पनागर के बिछुआ गांव स्थित नहर में फेंक दिया था।
जबलपुर आदित्य हत्याकांड के आरोपी
मध्य प्रदेश पुलिस ने इस वारदात में शामिल राहुल विश्वकर्मा, मलय राय और करण नाम के तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जबलपुर की सड़क पर जुलूस निकाला। हालांकि बाद में राहुल विश्वकर्मा की मौत हो गई। अब बच्चे की मौत के बाद किडनैपर्स को पकड़ कर पुलिस ने उनका सड़क पर जुलूस निकाल कर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश जरूर की है, लेकिन फोन सर्विलांस से लेकर टैपिंग तक के बावजूद बच्चे को नहीं बचा पाने के कारण पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जबलपुर में फिरौती की रकम देने के बाद व्यापारी के 13 वर्षीय बेटे की हत्या कर शव नहर में डाला