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जबलपुर में पहले गायब हुआ करोड़ों का यूरिया, अब मिल रहा, सीएम के निर्देश पर हुई एफआईआर

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जबलपुर, 09 सितंबर: मप्र में यूरिया घोटाला उजागर होने के बाद जब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सख्ती दिखाई तो अब गायब 890 टन यूरिया की पतासाजी में पूरा महकमा जुट गया हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद तीन लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई हैं। इन पर आरोप है कि साजिश तहत अपराधिक उद्देश्य से सैकड़ों टन यूरिया गोदामों में छिपाकर रखवाया। शुक्रवार को छापेमारी कार्रवाई में गायब यूरिया में से लगभग 200 टन यूरिया का पता लगा लिया गया। यह जबलपुर में ही अलग-अलग जगहों पर वेयरहाउस में रखा मिला।

इनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर

इनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर

यूरिया वितरण के गड़बड़झाले की तस्वीर उजागर होने के बाद सरकार एक्शन मोड में हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद 890 टन गायब यूरिया के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई हैं। जिला विपणन अधिकारी रोहित सिंह बघेल की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड के मार्केटिंग डायरेक्टर राजेन्द्र चौधरी, ट्रांसपोर्टर डीपीएमके फर्टिलाइजर द्वारिका गुप्ता और रैक हैंडलर स्टेट मैनेजर जयप्रकाश सिंह के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

पड़ोसी कई जिलों में भेजा जाना था यूरिया

पड़ोसी कई जिलों में भेजा जाना था यूरिया

बताया जा रहा है कि पिछले महीने जबलपुर में किसानों को भिजवाने के लिए यूरिया की जो खेप आई थी, उसमें से करीब हजार टन यूरिया सिवनी, मंडला, डिंडोरी और दमोह जिले पहुंचाना था। लेकिन वहां यूरिया का यह स्टॉक नहीं पहुंचा और अधिकारी टाल-मटोल करते रहे। किसानों के पूछे जाने पर जिम्मेदार विभाग और मार्कफेड के सेंटर बहानेबाजी कर रहे थे। जब इस बात का हल्ला हुआ कि किसानों के हक़ का 890 टन यूरिया गायब है, तो अब प्रशासन हरकत में आया। स्थिति यह बन गई कि मामला राजधानी पहुंचते ही सीएम शिवराज को तक अफसरों की आपात बैठक बुलाना पड़ी।

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CM शिवराज के एक्शन के बाद यूरिया हो रहा बरामद
गायब यूरिया में से 200 टन यूरिया का पता चला

गायब यूरिया में से 200 टन यूरिया का पता चला

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर संभाग के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस की। उनसे गायब यूरिया के बारे में सवाल-जबाब किए, जिसके बाद प्रशासन को यूरिया का हरहाल में पता लगाने के निर्देश दिए। सीएम की फटकार के बाद हरकत में आए प्रशासन ने जबलपुर के कई वेयरहॉउस में छापे मारे। जिसमें जबलपुर के आरछा और खजरी खिरिया बायपास स्थित वेयरहॉउस में लगभग 200 टन यूरिया रखा मिला। अधिकारी अब इस बात की जांच कर रहे है इतनी तादात में इन वेयरहॉउस तक यह यूरिया आखिर पहुंचा तो पहुंचा कैसे? बरामद किए गए इस यूरिया को तत्काल मंडला, डिंडोरी और दमोह जिले के लिए रवाना किया गया।

कहाँ है बाकी यूरिया?

कहाँ है बाकी यूरिया?

इस यूरिया कांड ने सरकार के भी कान खड़े कर दिए हैं। जिस मात्रा में यूरिया गायब हुआ, उससे स्थानीय स्तर पर जिम्मेदार विभाग के अफसरों की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में हैं। को-ऑपरेटिव सोसायटी और रैक हैंडलर के जिम्मे यूरिया वितरण की व्यवस्था की निगरानी करने वाले अफसर आखिर कौन है? थोड़ा बहुत नहीं गायब यूरिया करीब तीन करोड़ रुपये का बताया जा रहा हैं। सूत्र बताते है कि मंडला में 82, डिंडोरी में 28 और जबलपुर में आवंटित 853 टन यूरिया में से 144 टन यूरिया ही सप्लाई हुआ। कृषक संगठनों ने कृषि विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईदर्ज करने की मांग की हैं।

ये भी पढ़े-जबलपुर में यूरिया खाद पर मची अफरा-तफरी, CM शिवराज ने दिए दोषियों के विरूद्ध FIR के निर्देश

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English summary
Jabalpur urea disappeared scam Case registered against accused after cm shivraj instruction
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