क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

ज़िम्बाब्वे चुनाव: 'जादुई उल्लू' बैन, भूतिया वोटर साफ़

1980 में ज़िम्बाब्वे के वजूद में आने के बाद से सिर्फ़ एक ही व्यक्ति प्रत्येक चुनाव में जीतता रहा है- रॉबर्ट मुगाबे. पहले वह प्रधानमंत्री थे और फिर 1987 में ज़िम्बाब्वे में प्रेसिडेंशियल व्यवस्था आ गई, जिसके बाद वह राष्ट्रपति रहे.

लेकिन 94 वर्षीय मुगाबे ने जब अपनी पत्नी को राजनीतिक विरासत सौंपने की कोशिशें शुरू कीं तो सैन्य प्रतिष्ठान और उनकी अपनी ही पार्टी के नेताओं ने मिलकर उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News

दक्षिण अफ्रीकी देश ज़िम्बाब्वे के पचास लाख से ज़्यादा लोग 30 जुलाई को होने वाले ऐतिहासिक चुनावों में मतदान करेंगे.

लेकिन वे कौन सी बातें हैं जो इसे पिछले चुनावों से अलग बनाती हैं?

1) मुगाबे के बिना पहला चुनाव

रॉबर्ट मुगाबे अपनी पत्नी के साथ
AFP
रॉबर्ट मुगाबे अपनी पत्नी के साथ

1980 में ज़िम्बाब्वे के वजूद में आने के बाद से सिर्फ़ एक ही व्यक्ति प्रत्येक चुनाव में जीतता रहा है- रॉबर्ट मुगाबे. पहले वह प्रधानमंत्री थे और फिर 1987 में ज़िम्बाब्वे में प्रेसिडेंशियल व्यवस्था आ गई, जिसके बाद वह राष्ट्रपति रहे.

लेकिन 94 वर्षीय मुगाबे ने जब अपनी पत्नी को राजनीतिक विरासत सौंपने की कोशिशें शुरू कीं तो सैन्य प्रतिष्ठान और उनकी अपनी ही पार्टी के नेताओं ने मिलकर उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया.

नवंबर में सेना के तख़्तापलट के कुछ हफ़्ते पहले ही मुगाबे ने अपने डिप्टी एमर्सन ग्वानगाग्वा को पद से हटा दिया और उनकी जगह अपनी पत्नी को पद देने की कोशिशें करने लगे. लेकिन अंतत: उन्हें ख़ुद सत्ता से बेदख़ल कर दिया गया और ग्वानगाग्वा राष्ट्रपति बन गए. अब वह ज़ानु-पीएफ पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं.

इस बार वहां चुनाव अभियान भी अलग हैं क्योंकि सभी दल बिना धमकी और दबाव के अपनी रैलियां निकाल सकते हैं. 2002 के बाद पहली बार यूरोप और अमरीका के चुनाव पर्यवेक्षकों को बुलाया गया है.

2) सबसे लंबा बैलट पेपर

रॉबर्ट मुगाबे के राजनीतिक पतन ने नए अरमानों को जगह दी है और प्रेसिडेंशियल बैलट पर इस बार 23 नाम होंगे.

https://twitter.com/MatricksDeCoder/status/1017706523244580864

कुल 55 पार्टियां संसदीय चुनाव लड़ रही हैं. कुछ राजनीतिक टिप्पणीकारों के मुताबिक, यह बताता है कि अपने 37 साल के शासन ने पूर्व राष्ट्रपति मुगाबे को कितना भयभीत बना दिया था. मुख्य मुक़ाबला सत्ताधारी ज़ानु-पीएफ के नेता एमर्सन ग्वानगाग्वा और विपक्षी एमडीसी गठबंधन के नेता नेल्सन चमीसा के बीच है.

3) फर्ज़ी वोटर साफ

विपक्ष के कई नेता अब भी चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हैं
AFP
विपक्ष के कई नेता अब भी चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हैं

ज़िम्बाब्वे के चुनाव आयोग ने वोटरों के रजिस्ट्रेशन के लिए फिंगरप्रिंट आईडी सिस्टम शुरू किया है, जिसके ज़रिये अब एक से ज़्यादा बार रजिस्टर करने वाले वोटरों की पहचान की जा सकती है.

नए सिस्टम के तहत सभी वोटरों का रजिस्ट्रेशन नए सिरे से किया जा रहा है. चुनाव आयोग का दावा है कि अब मतदाताओं की सूची फर्जीवाड़े और सभी 'भूत मतदाताओं' से मुक्त है.

4) जादू-टोने वाले जानवरों को नहीं बना सकते निशान

कोबरा, उल्लू
Getty Images
कोबरा, उल्लू

चुनाव आयोग ने कुछ जानवरों और हथियारों की एक पूरी सूची बनाई है, जिन्हें कोई उम्मीदवार अपना चुनाव चिह्न नहीं बना सकता. हालांकि बंदूकों को इस सूची में नहीं रखा गया है.

इसमें चीता, हाथी, तेंदुआ, शेर, भैंस, मिथकीय जीव ग्रिफॉन, उल्लू, कोबरा, तलवार, गैंडा और कुल्हाड़ी आदि शामिल हैं.

इन निशानों को क्यों बैन किया गया, इसकी आधिकारिक तौर पर कोई वजह नहीं बताई गई है. इतिहासकार पथिसा न्याथी ने ज़िम्बाब्वे के सरकारी क्रॉनिकल अख़बार को बताया कि कुछ मामलों में जादू-टोना एक वजह हो सकती है.

अफ्रीकी नज़रिय़े से उल्लू और सांप जैसे जानवरों को जादू-टोने से जोड़ा जाता है.

इसी तरह ज़िम्बाब्वे के राष्ट्रीय फूल फ्लेम लिली को भी चुनाव निशान बनाने की इजाज़त नहीं है क्योंकि उसका राष्ट्रीय महत्व है.

5) समलैंगिकता-विरोधी भाषणों में कमी

समलैंगिक कार्यकर्ता
EPA
समलैंगिक कार्यकर्ता

समलैंगिक अधिकारों के लिए काम करने वाले एक समूह के निदेशक कहते हैं कि चुनाव अभियान में एलजीबीटी समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत वाले भाषणों और उत्पीड़न की घटनाओं में ख़ासी कमी आई है. ज़िम्बाब्वे में समलैंगिकता पर प्रतिबंध है.

पूर्व राष्ट्रपति मुगाबे ने एक बार अपने कुख्यात बयान में कहा था कि समलैंगिक लोग सुअरों और कुत्तों से भी बदतर हैं.

गेज़ एंड लेस्बियंस ऑफ ज़िम्बाब्वे के चेस्टर सम्बा कहते हैं, "एलजीबीटी समुदाय का इस्तेमाल इस्तेमाल लोगों को दूसरे मुद्दों से भटकाने के लिए किया जाता रहा है. यह बेरोज़गारी, राजनीतिक अस्थिरता और ख़राब अर्थव्यवस्था से जूझते देश के राजनेताओं के लिए एक सुविधाजनक चाल है."

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Zimbabwe Election Magical Owl Ban Ghostly Voter Clear
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X