कर्ज में डूबे अफ्रीकी देश के एयरपोर्ट पर चीन ने किया कब्जा, जांबिया ने रिपोर्ट को नकारा
लूसाका। जांबिया की सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि चीन की कंपनियों ने कर्ज में डूबे अफ्रीकी देश को सरकारी संपति बेचने की बात कही गयी थी। चीफ गवर्नमेंट स्पोक्सपर्सन दोरा सिलिया ने मीडिया रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा कि उनकी सरकार चीनी प्रोजेक्ट के लिए किसी भी सरकारी संपति को नहीं बेच रही है। बता दें कि चीन अपने बीआरआई और अन्य प्रोजेक्ट्स के जरिए अफ्रीका में बड़े स्तर पर निवेश कर रहा है।
जांबिया सरकार के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा, 'सरकार उन सभी दावों को खारिज करती है, जिसमें कहा गया है कि चीन ने ZNBC (स्टेट ब्रॉडकास्टर) केन्नेथ कौंडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और ZESCO (पावर यूटिलिटी) पर कब्जा कर रही है।' प्रवक्ता ने कहा कि कोई इसे लोन डिफॉल्ड के रूप में कैसे देख सकता है, जब ZNBC और केन्नेथ कौंडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम तो अभी पूरा भी नहीं हुआ है।
बता दें कि पिछले सप्ताह एक अफ्रीकी अखबार में दावा किया गया था कि कर्ज में डूबने की वजह से जांबिया की सरकारी संपत्तियों पर चीनी कंपनियां कब्जा करने की योजना बना रही है। गौरतलब है कि पूरे अफ्रीका महाद्वीप पर चीन की नजर है, जहां कई बिलियन डॉलर का निवेश हो रहा है। इसमें चीन कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है, जिसमें शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट बीआरआई भी शामिल है।
पिछले सप्ताह चीन में अफ्रीका के 54 देशों के प्रतिनिधियों ने मीटिंग की थी। अफ्रीका में बढ़ती चीन की गतिविधियों से अमेरिका से लेकर पूरे पश्चिमी चिंता में है। विशेषज्ञों ने कई बार सवाल खड़े करते हुए कहा है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि चीन के निवेश से किसके हितों को असल में फायदा हो रहा है।
पश्चिमी देश हैरान है कि चीन ने अफ्रीकी देशों को हाल ही में जो 60 बिलियन डॉलर का कर्ज देने की योजना बनाई है, इससे पूरे महाद्वीप को कर्ज संकट में धकेलना जैसा जोखिम पैदा हो सकता है। हालांकि, बीजिंग ने अफ्रीका को भरोसा दिलाया है कि उनके नए 60 बिलियन डॉलर पैकेज से ऐसा कुछ नहीं होने वाला है, जिससे कि अफ्रीकी महाद्वीप को कर्ज संकट का सामना करना पड़े।
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