जाकिर नाईक को बड़ा झटका, मालदीव ने नहीं दी घुसने की इजाजत
नई दिल्ली। विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक को शुक्रवार उस समय बड़ा झटका लगा जब द्वीपीय देश मालदीव ने उसे शरण देने से इंकार कर दिया। मालदीव के संसद के स्पीकर मोहम्मद नशीद ने राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को बताया, 'जाकिर नाइक मालदीव आना चाहता है, लेकिन हमने उसे इजाजत नहीं दी। मालदीव के इस कदम की प्रशंसा करते हुए पीएम मोदी ने धन्यवाद दिया है।
संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आए पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने कहा, 'वह (जाकिर नाइक) ने मालदीव आने की कोशिश की थी, लेकिन हमने उसे अनुमति नहीं दी। यह पूछे जाने पर कि क्या नाइक के प्रत्यर्पण को लेकर मलेशिया और मालदीव के बीच कोई बातचीत हुई थी, नशीद ने कहा कि हाल ही में उसे मालदीव आने की अनुमति नहीं दी गई थी। भारत में प्रवर्तन निदेशालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी को 53 वर्षीय नाइक की तलाश है।
पूर्व राष्ट्रपति और स्पीकर नौशीद ने संसद से पारित नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को भारत का आतंरिक मामला करार दिया। उन्होंने भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में गहरी आस्था जताते हुए कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो हमेशा से दूसरे देशों में उत्पीडि़त होने वाले अल्पसंख्यकों की मदद करता रहा है।
जाकिर के खिलाफ भारत में मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है। इसके अलावा ढाका अटैक के संबंध में भी उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उसने मलेशिया में पिछले तीन सालों से शरण ले रखी। भारत ने उसके प्रत्यर्पण की औपचारिक अपील की है लेकिन मलेशिया ने यह अपील ठुकरा दी है।
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