WHO का बड़ा बयान, कहा-कोरोना के संग जीना सीखना होगा, युवाओं में भी मौत का खतरा
पेरिस। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का तांडव जारी है, इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अब लोगों को कोरोना के साथ जीना सीख लेना चाहिए क्योंकि इसकी वैक्सीन बनाने में अभी वक्त लगेगा। WHO के प्रमुख टेड्रॉस अडहॉनम गीब्रीएसुस ने गुरुवार को कहा कि अब दुनिया को करोना वायरस के साथ 'जीना सीखना होगा', अगर युवागण ये समझ रहे हैं कि उन्हें वायरस से खतरा नहीं तो ऐसा सोचना उनका सरासर गलत है कि क्योंकि युवाओं की न तो सिर्फ कोरोना संक्रमण से मौत हो सकती है, बल्कि वे कई कमजोर वर्गों तक इसे फैलाने का काम भी कर रहे हैं, जिससे संक्रमण फैल रहा है।
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इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता डॉक्टर मार्गरेट हैरिस ने एक बयान में चेतावनी देते हुए कहा था कि दुनिया कोरोना संक्रमण के पहली 'बड़ी लहर' के बीच से ही गुजर रही है, कोरोना वायरस इन्फ्लुएंज़ा की तरह नहीं है, जिनका प्रकोप मौसमी किस्म का होता है। उन्होंने कहा कि लोग अभी भी यह सोच रहे हैं कि यह एक मौसमी बीमारी की तरह है और मौसम बदलने के साथ यह अपने आप खत्म हो जाएगी। उन्होंने एक बार फिर आगाह करते हुए कहा, हमें ये बात अपने दिमाग से निकाल देनी चाहिए, क्योंकि कोरोना एक नया वायरस है और यह अलग तरह से बर्ताव कर रहा है।
कोरोना से सर्वाधिक मौत के मामले में भारत दुनिया का पांचवा देश बना
देश में कोरोना का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब हर रोज तकरीबन 50 हजार लोग इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या के लिहाज से भारत अब दुनिया का पांचवा देश बन चुका है, जहां कोरोना से सबसे अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत जैसे घनी आबादी वाले देश के लिए हर्ड इम्युनिटी रणनीतिक विकल्प नहीं हो सकता, क्योंकि इससे अधिक लोगों की जान जाएगी और लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।
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