छोटी बहन की जान बचाने के लिए मगरमच्छ से भिड़ गया भाई, जबड़े से खींच बचाई जिंदगी
मनीला। भाई और बहन के बीच प्यार आपको रक्षाबंधन के तौर पर सिर्फ भारत में देखने को मिले ऐसा नहीं है। भारत से करीब पांच हजार किलोमीटर दूर फिलीपींस में भी इसी तरह की एक ऐसी घटना हुई है जिसके बाद इस प्यार पर विश्वास और बढ़ गया है। यहां पर अपनी बहन को खतरनाक मगरमच्छ के जबड़े से छुड़ाने के लिए 15 साल का लड़का बिना हथियार उससे भिड़ गया। अपनी जान की परवाह किए बिना इस लड़के ने मगरमच्छ का सामना किया और अपनी छोटी बहन की जान बचा ली। इस लड़के ने जिस तरह से मगरमच्छ का सामना किया उसकी कहानी को डेली मेल ने प्रमुखता से छापा है।
अचानक मगरमच्छ ने पकड़ लिया पैर
12 साल की हाइना लिसा जो हाबी फिलीपींस के पालावान में एक छोटी नदी को पार कर रही थी। उसका भाई 15 साल का हाशिम भी उसके साथ था। जैसे ही वे दोनों नदी के किनारे पर पहुंचे मगरमच्छ ने हाबी को उसके पैर से पकड़ लिया। वह चिल्लाने लगी और भाई से अपनी बहन की यह हालत देखी नहीं गई। वह मगरमच्छ पर पत्थर फेंकने लगा और एक झटके में उसने अपनी बहन को मगरमच्छ के जबड़े से छुड़ा लिया। हाबी के पैर में हालांकि गहरे घाव हो गए हैं और मगरमच्छ ने काफी गहरे तक अपने दांत लगा दिए हैं, मगर वह खतरे से बाहर है।
भाई की हर कोई कर रहा तारीफ
हाशिम की अब हर कोई तारीफ कर रहा है। लोग कह रहे हैं कि उसने जो हिम्मत दिखाई, उसी तरह की हिम्मत सभी को दिखानी चाहिए। हाबी ने इस घटना के बारे में डेली मेल को बताया। उसने कहा, 'मगरमच्छ मुझसे भी ज्यादा बड़ा था और मैं बहुत डर गई थी। मैं डरकर रोने लगी थी। फिर मैंने उसके दांत देखे और उसके मुंह के अंदर देखा।' हाबी ने कहा कि उसने चिल्लाना शुरू किया और हाशिम उसकी मदद के लिए आगे आया।
भाई ने बचाई है मेरी जिंदगी
हाबी ने कहा, 'हाशिम ने मगरमच्छ पर पत्थर फेंकने शुरू किए और फिर मगरमच्छ के मुंह से मुझे बाहर खींच लिया। मैं उसे बहुत प्यार करती हूं। उसने मेरी जिंदगी बचाई है।' वहीं हाशिम ने इस पर कहा कि उसने पहले पुल पार कर लिया और कुछ मिनटों बाद उसे अहसास हुआ कि उसकी बहन उसके पीछे नहीं है। शुरुआत में उसे लगा कि वह नदी में गिर गई है। कुछ सेकेंड्स के बाद पता लगा कि मामला इससे भी ज्यादा गंभीर है।
भाई की बहादुरी से बची जिंदगी
लेफ्टिनेंट कर्नल सोक्राटीज फालटाडो ने इस पर कहा, 'मगरमच्छ यहां पर रहने वाले लोगों के लिए खतरा बन गए हैं। छोटी बच्ची की जान अगर बच सकी है तो इसमें यह भाई की बहादुरी का नतीजा है।' कर्नल ने आसपास के लोगों को सलाह भी दी है कि वे तब तक सावधानी बरतें जब तक कि जानवर को पकड़कर कहीं और छोड़ नही दिया जाता।