बहुत चौंकाने वाला है चीन का ये सच, ऐसा शायद ही कोई देश हो
चीन के बारे में कहा जाता है कि उसके अपने सभी छोटे पड़ोसी देशों से सीमा को लेकर विवाद चल रहा है।
नई दिल्ली। चीन और भारत के बीच सीमा विवाद कोई नया नहीं है। हाल ही एक बार फिर से चीन ने सिक्किम में सीमा विवाद को लेकर कई बार धमकी भरे लहजे में भारत को घेरने की कोशिश की है। एक तरह से देखें तो ये चीन का भारत पर दबाव बनाने का नया पैंतरा था। चीन का सीमा को लेकर ये विवाद महज भारत से नहीं है आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 23 देशों से ये विवाद चल रहा है। इसमें चौंकाने वाला तथ्य ये है कि चीन की जमीनी सीमा महज 13 देशों को छूती है, वहीं जलीय सीमा 6 देशों तक है। इन सबके बावजूद चीन का सीमा विवाद 23 देशों से है।
13 ही नहीं 23 देशों से हैं चीन के सीमा को लेकर विवाद
23 देशों से चीन का है सीमा विवाद
चीन के बारे में कहा जाता है कि उसके अपने सभी छोटे पड़ोसी देशों से सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। जिन देशों से चीन का सीमाई विवाद है उनमें मध्य एशिया के देश जैसे तजाकिस्तान और किर्गिस्तान हैं, दक्षिण एशिया में वियतनाम, लाओस और कंबोडिया और पूर्वी एशिया में ताइवान और जापान का नाम शामिल है। इन सभी देशों पर चीन दबाव डाल रहा है कि वो उनके दावे को स्वीकार करे, जिससे चीन उन्हें अधिक ब्याज दर पर लोन दे सके। चीन की रणनीति है कि वो लोन चुकाने की स्थिति में उन प्रोजेक्ट्स और जमीन का मालिकाना हक हासिल कर सके।
13 पड़ोसी देशों तक फैली है चीन की सीमा
चीन की 22 हजार किमी की जमीनी सीमा 13 पड़ोसी देशों से साझा करती है... इनमें डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया, रूस, मंगोलिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, अफगानिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान, म्यांमार, लाओस और वियतनाम शामिल हैं।
चीन की इस रणनीति की क्या है वजह
इनके अलावा जिन देशों के साथ चीन का सीमा को लेकर विवाद है उनमें ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, मंगोलिया, फिलीपींस, रूस, सिंगापुर, ताइवान के नाम शामिल हैं। अब सीपीईसी के जरिए चीन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अपना दखल बढ़ा कर पाकिस्तान से भी सीमा को जोड़ना चाहता है।
अपने नागरिकों में प्रभाव के लिए चीन की है ये रणनीति
चीन की हमेशा कोशिश होती है कि वह अपने पड़ोसी देशों पर अपने नियम लागू करे लेकिन उसकी कोशिश होती है कि कोई भी उसका विरोध नहीं करें। हालांकि अब भारत ही नहीं दूसरे देश भी चीन को उसकी करतूत का मुंह तोड़ जवाब दे रहे हैं। हालांकि चीन यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य देशों में शामिल है। बावजूद इसके चीन हमेशा विरोधी खेमे में रहता है। चीनी सरकार की कोशिश दूसरे देशों का विरोध करके अपने नागरिकों का ध्यान अपनी ओर खींचने की होती है। चीन की सरकार को लगता है कि इससे चीन के लोगों में उनका प्रभाव मजबूत होता है।
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