हैंगिंग ट्रेन में उल्टा लटककर सफर करते हैं लोग, जानिए क्या है पूरा सच
आपने हमेशा ट्रेनों को पटरी पर सीधी चलते हुए देखा होगा। फिर चाहे भारत की आम ट्रेनों हों या मेट्रो, या फिर दुनिया की तेज बुलेट ट्रेन। सभी ट्रेनें पटरी पर सीधी दौड़ती हैं, लेकिन एक ट्रेन ऐसी है जो पटरी के ऊपर नहीं, बल्कि उसके नीचे लटक कर चलती है। इस ट्रेन को हैंगिंग ट्रेन भी कहा जाता है।
वुपर्टल। आपने हमेशा ट्रेनों को पटरी पर सीधी चलते हुए देखा होगा। फिर चाहे भारत की आम ट्रेनों हों या मेट्रो, या फिर दुनिया की तेज बुलेट ट्रेन। सभी ट्रेनें पटरी पर सीधी दौड़ती हैं, लेकिन एक ट्रेन ऐसी है जो पटरी के ऊपर नहीं, बल्कि उसके नीचे लटक कर चलती है। इस ट्रेन को हैंगिंग ट्रेन भी कहा जाता है। जितना रोचक इस ट्रेन का नाम है, उतना ही रोमांच ट्रेन के सफर में हैं। इस ट्रेन के बारे में कहा जाता है कि लोग इसमें उल्टा लटक कर सफर करते हैं। क्या है इस उल्टी ट्रेन का सच, जानिये
क्या वाकई उल्टा लटककर सफर करते हैं लोग?
इस उल्टी ट्रेन के बारे में सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है। किसी को यकीन ही नहीं होता कि कोई ट्रेन भला ऐसे लटककर भी चल सकती है, लेकिन ऐसा वाकई होता है। जर्मनी में ये ट्रेन न जाने कितने सालों से चल रही है। इस ट्रेन का सफर बाकी ट्रेन से काफी अलग होता है क्योंकि ये पटरी के ऊपर नहीं, बल्कि उसके नीचे लटककर चलती है। लोगों को लगता है कि इस ट्रेन में लोग उल्टा लटककर सफर करते हैं, मगर ऐसा नहीं है।
तो ऐसे चलती है हैंगिंग ट्रेन!
ट्रेन भले ही पटरी से लटककर चलती हो, लेकिन लोग इसमें सीधा ही बैठते हैं। इस ट्रेन हैंगिंग ट्रेन या Wuppertal Suspension Railway भी कहा जाता है। ये ट्रेन रोजाना 13.3 किलोमीटर का सफर करती है और इस रास्ते में कुल 20 स्टेशन पड़ते हैं। ट्रेन जमीन से 39 मीटर की ऊंचाई पर चलती है। इसे चलाने के लिए बिजली का इस्तेमाल किया जाता है।
जर्मनी जाने पर इस ट्रेन में जरूर बैठते हैं लोग
कहते हैं कि ये दुनिया की सबसे पुरानी मोनोरेल में से एक है। जर्मनी में इस ट्रेन को बनाने की शुरुआत 117 साल पहले 1901 में हुई थी। जर्मनी आने वाले लोग अपनी ट्रिप यादगार बनाने के लिए इस ट्रेन में जरूर सफर करते हैं।
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