WTO: अमेरिका की तरफ से दायर केस में भारत को मिली हार, निर्यात सब्सिडी को बताया गैर-कानूनी
नई दिल्ली। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (डब्लूटीओ ) ने अपने एक फैसले में भारत को करारा झटका देते अमेरिका के एक फैसले का समर्थन किया है। अमेरिका के साथ भारत के ट्रेड विवाद के बीच ही संस्था ने भारत को आदेश दिया है कि उसे अगले चार माह के अंदर अपनी सभी निर्यात संबंधी योजनाओं को बंद करना होगा। इसके साथ ही संस्था ने भारत को अगले छह माह के अंदर सभी सेज स्कीमों को बंद करने का आदेश भी दिया है। डब्लूटीओ ने भारत की तरफ से निर्यात सब्सिडी को पूरी तरह से गैर-कानूनी करार दे दिया है। इस तरह से भारत को निर्यात सब्सिडी से जुड़ी अपनी एक याचिका में अमेरिका के सामने हार का मुंह देखना पड़ा है।
क्या कहा संस्था ने और क्या थे अमेरिका के आरोप
डब्लूटीओ की विवाद निपटान समिति (डेस्प्यूट सेटलमेंट बॉडी) की तरफ से गुरुवार को कहा गया है कि ये योजनाएं अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के अनुरूप नहीं है। इस बीच, भारत ने कहा है कि वह डब्लूटीओ की विवाद निपटान समिति के निर्णय के खिलाफ अपील करेगा। अमेरिका ने भारत पर आरोप लगाया था कि ये स्कीम अमेरिकी कंपनियों के हितों को नुकसान पहुंचा रही है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ईओयू, इलेक्ट्रानिक्स हार्डवेयर टेक्नोलॉजी पार्क स्कीम, ईपीसीजी और एमईआईएस सब्सिडी और प्रतिपूरक उपायों पर डब्ल्यूटीओ समझौता के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है। समिति ने कहा है कि भारत को रिपोर्ट स्वीकार के 90 दिनों के भीतर प्रतिबंधित सब्सिडी को वापस लेना चाहिए।
फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है भारत
इस फैसले के बाद भारत को प्रोत्साहन योजनाओं को इस रूप से तैयार करना होगा जिससे वह डब्लूटीओ व्यवस्था के अनुरूप हो। भारत संस्था की विवाद निपटान प्रणाली के अपीलीय निकाय की व्यवस्था के खिलाफ अपील दायर कर सकता है। अमेरिका ने पिछले साल 14 मार्च को भारत की भारत वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस), निर्यात उन्मुख इकाइयां तथा निर्यात संवर्द्धन पूंजीगत सामान (ईपीसीजी) योजना और शुल्क मुक्त आयात योजना जैसी निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं को लेकर उसे डब्ल्यूटीओ की विवाद निपटान प्रणाली के तहत आरोप दायर किया था।