हफ्ते में बस 3 दिन काम, वॉट एन आइडिया सर जी!
हलांकि भारत में ह्यूमन रिसॉर्स से जुड़े अधिकारी इस बात को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं हैं। दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति मेक्सिको के उद्योगपति स्लिम और ब्रिटिश उद्योगपति ब्रैन्सन कंपनियों में थ्री-डी वीक के मॉडल का खूब प्रमोशन कर रहे हैं। अ गर से मॉर्डल लागू हो जाता है तो कर्मचारी हफ्ते में तीन दिन रोजाना 11-11 घंटे काम करेंगे। उसके बाद उन्हें चार दिन की छुट्टी मिलेगी। इस मॉडल के समर्थकों का मानना है कि कम दिन ज्यादा घंटे काम करने से कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ेगी।
जहां दुनिया की टॉप कंपनियां इसे कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने का रास्ता मानती है तो वहीं भारत के विशेषज्ञ ज्यादा खुश नहीं हैं। उन्हें लगता है कि भारतीय माहौल में यह मॉडल व्यवहारिक नहीं होगा। वहीं कुछ विशेषज्ञों को इससे आय में कमी हो जाने का डर भी सता रहा है। उनका कहना है जिन लोगों को घंटे के हिसाब से पैसा मिलता है, उनकी आय कम हो जाएगी और अपने खर्चे पूरे करने के लिए उन्हें दूसरी नौकरी भी करनी पड़ सकती है।