...जब हवा ने छुड़ा दिए थे वैज्ञानिकों के पसीने, 100, 200, 300 नहीं इतने किलोमीटर प्रतिघंटे थी रफ्तार
नई दिल्ली: पूरी दुनिया में 15 जून को विश्व हवा दिवस (World Wind Day) मनाया जाता है। इस दिन को Global Wind Day के नाम से भी जाना जाता है। विश्व वायु दिवस को मनाने का मकसद लोगों को हवा की ताकत के बारे में जागरुक करना है, ताकी लोग ज्यादा से ज्यादा पवन ऊर्जा का इस्तेमाल करें। 2007 में यूरोपियन विंड एनर्जी एसोसिएशन ने World Wind Day को मनाने का फैसला लिया था, जिसे 2009 में ग्लोबल विंड डे कर दिया गया। आइए जानते हैं हवा से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें-
यहां चली थी सबसे तेज हवा
भारत में जब भी कोई तूफान आता है, तो 100 से 150 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलती हैं। जिससे भारी तबाही मचती है। अब आप सोचिए अगर कहीं पर 300-400 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने लगे, तो क्या होगा। आप भरोसा करें या ना करें दुनिया में ऐसी भी कई जगहें हैं, जहां पर इतनी तेज हवाएं चलती हैं। अभी तक सबसे तेज हवा का रिकॉर्ड बैरो आइलैंड के नाम है। ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पश्चिमी तट पर स्थित ये जगह तेज हवाओं के लिए जानी जाती है। विश्व मौसम विज्ञान संस्थान (WMO) के मुताबिक 10 अप्रैल 1996 को यहां पर 408 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चली थी। इसे अब तक दुनिया की सबसे तेज हवा का रिकॉर्ड माना जाता है। उस दौरान हवा की रफ्तार देखकर वैज्ञानिक भी हैरान रह गए थे।
क्या थी वजह?
WMO के मुताबिक उस दौरान तेज हवा चलने की वजह ओलिविया नामक ट्रॉपिकल साइक्लोन था। ट्रॉपिकल साइक्लोन को आम भाषा में उष्णकटिबंधीय चक्रवात भी कहा जाता है। ये तूफान तब उठता है, जब समुद्र की सतह पर वाष्प कम दबाव का क्षेत्र बनाता है। साथ ही हवा विषुवत्त रेखा की ओर सफर करती है। अगर ये तेज हवाएं दक्षिण प्रशांत महासागर की ओर जाएंगी तो साइक्लोन कहलाएंगी। वहीं अगर उत्तरी प्रशांत महासागर की ओर गईं तो इसे टायफून कहेंगे। इससे पहले 1961 में टायफून नैंसी आया था, उस दौरान 346 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चली थीं। एक रिपोर्ट के मुताबिक जब नैंसी जापान के तट से टकराया, तो 170 लोगों की मौत हुई थी।
भारत में भी चली तेज हवाएं
पिछले महीने भारत में अम्फान तूफान आया था। जब ये तूफान पश्चिम बंगाल के तट से टकराया था तो उस दौरान हवा की रफ्तार 185 किलोमीटर प्रतिघंटे तक जा पहुंची थी। इस तूफान ने सुंदरबन इलाके में खासी तबाही मचाई थी। साथ ही 24 परगना, कोलकाता, हावड़ा, मिदनापुर में भी तेज हवाएं चली थीं। पश्चिम बंगाल की सरकार के मुताबिक इस तूफान ने 70 से ज्यादा लोगों की जान ली, साथ ही बंगाल में आर्थिक रूप से भी बड़ा नुकसान किया था। बंगाल के अलावा ओडिशा में भी अम्फान ने तबाही मचाई थी।
(तस्वीरें- प्रतीकात्मक)
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