World Whisky Day 2020: जब दाम बढ़ने पर 1794 में लोगों ने कर दिया था व्हिस्की विद्रोह
नई दिल्ली: दुनिया में शराब का चलन पिछले कई सदियों से चला आ रहा है। शराब प्रेमी व्हिस्की को सबसे ज्यादा पंसद करते हैं। जिस वजह से मई के तीसरे शनिवार को वर्ल्ड व्हिस्की डे मनाया जाता है। इस दिन को मानने की शुरूआत 2012 में हुई थी। भारत में भी व्हिस्की को पसंद करने वाले बड़ी संख्या में लोग हैं। व्हिस्की इकलौता ऐसा पेय पदार्थ है, जिसको लेकर 17वीं सदी में लोगों ने विद्रोह कर दिया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक 12वीं सदी में आयरलैंड और स्कॉटलैंड में डिस्टिलेशन का प्रसार हुआ था। जिसे देखकर ब्रिटेन ने भी शराब बनाने की कोशिश की, लेकिन उसके पास अंगूर ज्यादा नहीं थे। फिर ब्रिटेन ने जौ से बीयर बनाने का काम शुरू किया। जिसके बाद व्हिस्की का विकास हुआ। कुछ दिनों के अंदर दुनियाभर में इसकी धूम मच गई। अमेरिकी क्रांति के दौरान व्हिस्की को मुद्रा के रूप में प्रयोग किया जाता था। जिससे इसकी मांग ज्यादा बढ़ गई। मांग बढ़ते ही इस पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लागू किया गया, जिस वजह से 1794 में व्हिस्की विद्रोह हुआ था।
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फायदे
और
नुकसान
दोनों
व्हिस्की
को
लेकर
दुनियाभर
में
अगल-अलग
विचार
हैं।
कोई
इसे
सेहत
के
लिए
फायदेमंद,
तो
कोई
इसे
नुकसानदायक
बताता
है।
अगर
व्हिस्की
उचित
मात्रा
में
ली
जाए,
तो
डायबिटीज
से
बचा
जा
सकता
है।
वहीं
व्हिस्की
वजन
घटाने
और
चेहरे
की
चमक
बढ़ाने
में
मददगार
साबित
होती
है।
कुछ
लोगों
का
मानना
है
कि
व्हिस्की
तनाव
दूर
करने
में
भी
सहायक
है।
इसके
उल्टी
लोगों
की
एक
और
विचारधारा
है,
जो
मानते
हैं
कि
व्हिस्की
कैंसर
और
लिवर
की
बीमारियों
को
बढ़ावा
देती
है।