840 लोगों की आबादी वाला ये है दुनिया का सबसे छोटा देश, जहां मौजूद है खुद की सेना और करेंसी
नई दिल्ली: आज विश्व जनसंख्या दिवस है। हर साल 11 जुलाई को ये दिन दुनियाभर में बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोगों को मानवाधिकार, लैंगिक समानता और परिवार नियोजन पर भी जानकारी दी जाती है। दुनियाभर में 1989 से विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है। इस दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ के विकास कार्यक्रम के तहत हुई थी। दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन को तो सब जानते हैं, आइए जानते हैं सबसे कम आबादी वाले देश की रोचक बातें-
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वेटिकन सिटी की आबादी सबसे कम
भारत में एक छोटे से गांव की आबादी 1000 से ज्यादा होती है। वहीं अगर जिले की बात करें तो वहां की आबादी लाखों में होती है, लेकिन दुनिया का एक ऐसा देश है, जिसकी जनसंख्या सिर्फ 840 है। इस देश का नाम है वेटिकन सिटी। मौजूदा वक्त में ये दुनिया का सबसे छोटा देश है, जो यूरोप महाद्वीप में स्थित है। इतनी कम आबादी के बाद भी इस देश को मान्यता मिल रखी है। ईसाई समुदाय के कैथोलिक चर्च और धर्म गुरु पोप की वजह से ये पूरी दुनिया में फेमस है। साथ ही इसकी खूबसूरती का भी जवाब नहीं। ये देश सिर्फ 44 हेक्टेयर में फैला है, जहां पर कई चर्च, संग्रहालय और ऐतिहासिक इमारते हैं।
दुश्मन से लड़ने के लिए खुद की सेना
वेटिकन सिटी इटली के रोम शहर के अंदर बसा एक स्वतंत्र देश है, जहां पर लैटिन भाषा बोली जाती है। कम आबादी के बाद भी यहां पर सारी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां पर भी जनता के लिए रेडिया स्टेशन, डाकघर समेत सभी चीजें हैं। सबसे खास बात ये है कि 840 की जनसंख्या वाले देश की अपनी करेंसी भी है, जो इटली में भी मान्य है। वहीं इस देश की अपनी खुद की सेना है, जो दुश्मनों से देश की रक्षा के लिए हर वक्त तैयार रहती है। वेटिकन सिटी में स्थित सेंट पीटर गिरिजाघर UNESCO की विश्व धरोहर लिस्ट में शामिल है।
नहीं होता यहां पर चुनाव
आमतौर पर जो अधिकार दूसरे देशों के नागरिकों को मिलते हैं, वही अधिकारी वेटिकन सिटी में नागरिकों को भी मिलते हैं। उनको भी विदेश जाने के लिए वेटिकन सिटी का पासपोर्ट बनवाना पड़ता है, हालांकि यहां पर लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं है। यहां अभी भी राजशाही व्यवस्था चलती है। इस देश को पोप का निवास स्थान माना जाता है, ऐसे में पोप ही यहां के राजा होते हैं। जिनके पास न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका की शक्तियां होती हैं। राजा होने के बावजूद पोप प्रशासनिक काम नहीं करते, वो पांच साल के लिए एक राष्ट्रपति नियुक्त करते हैं, जो सारा कामकाज देखते हैं।
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