क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

‘मुसलमान नया देश बनाने का नहीं देखे ख्वाब, जिस देश में रहते हैं, उस देश का बनकर रहें वफादार’

मिस्र के मंत्री गोमा ने मैरीलैंड विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि, दुनिया भर में आतंकवादी घटनाओं में सबसे ज्यादा नुकसान मुसलमानों को ही हुआ है।

Google Oneindia News

अबूधाबी, मई 10: संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में एक कॉन्फ्रेंस के दौरान मिस्र के एक मंत्री ने दुनियाभर के मुसलमानों से अपील की है, कि वो जिस देश में रहते हैं, उस देश का वफादार बनकर रहे और उस देश के झंडे का सम्मान करें, ना कि अलग देश बनाने का ख्वाब देखें। मिस्र के मंत्री ने ये बयान उस वक्त दिया है, जब इस्लामोफोबिया को लेकर कई मुस्लिम देश आवाज उठा रहे हैं।

मिस्र के मंत्री का बयान

मिस्र के मंत्री का बयान

मिस्र के मंत्री डॉ. मोहम्मद मोख्तार गोमा ने अबू धाबी में आयोजित वर्ल्ड मुस्लिम कम्युनिटीज काउंसिल की दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस के दौरान बातें कही हैं। इस कॉन्फ्रेंस में संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, सीरिया, मिस्र, और अजरबैजान के साथ साथ कई और मुस्लिम देशो के मंत्रियों ने भाग लिया था, लेकिन मिस्र के मंत्री डॉ. मोहम्मद मोख्तार गोमा का भाषण लगातार सुर्खियां बटोर रहा है। कार्यक्रम में मिस्र के मंत्री गोमा ने कहा कि, यह व्यर्थ बात है कि, राष्ट्रीय स्तर पर "कमजोर" करने और गैर-मुस्लिम समुदायों में रहने वाले मुस्लिम अल्पसंख्यकों को अलग-थलग करने का प्रयास किया जाता है।

गोमा ने कॉन्फ्रेंस में क्या कहा?

गोमा ने कॉन्फ्रेंस में क्या कहा?

मिस्र के मंत्री गोमा ने मैरीलैंड विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि, दुनिया भर में आतंकवाद पर 2016 के एक अध्ययन किया गया, जिसमें पाया गया कि, एक दशक में 70,767 आतंकवादी हमले किए गये हैं। इसमें पाया गया कि आईएसआईएस और अल कायदा से जुड़े समूहों ने 85 प्रतिशत हमले मुस्लिम-बहुल देशों में ही किए हैं, जिनमें से अधिकांश पीड़ित मुस्लिम हैं। उन्होंने कहा, "कुरान की आयतों को, समय, स्थान और उसके संदर्भ में समझना भी आवश्यक है, जिसके लिए वे बने थे, न कि इस तरह से कि आतंकवादी समूह अपने मकसद को पूरा करने के लिए उनका शोषण करते हैं।"

‘मुस्लिम समुदाय को समझने की जरूरत’

‘मुस्लिम समुदाय को समझने की जरूरत’

वहीं, इस कार्यक्रम में विश्व मुस्लिम समुदाय परिषद के महासचिव मोहम्मद बेचारी ने द नेशनल को बताया कि एकता की हमारी समझ को मॉडर्न करने की यात्रा एक ही कदम से शुरू होती है जैसे सम्मेलन द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है। उन्होंने कहा कि, "मुस्लिम दुनिया के भीतर ही फ्रैक्चर हैं जिन्हें सुधारने की जरूरत है। आपको बता दें कि, यूएई की राजधानी अबूधाबी में दो दिनों के लिए, अंतरराष्ट्रीय मुस्लिम समुदाय के धार्मिक नेताओं ने उम्माह की अवधारणा, कुरान पर आधारित इसके अर्थ और समझ, पैगंबर मोहम्मद की जीवन कहानी (सीरह), और इस्लामी फ़िक़ह, या न्यायशास्त्र पर चर्चा की है, जिसमें मिस्र के मंत्री ने मुस्लिम समाज को कैसे एकजुट किया जा सकता है, इसपर बात की है।

‘मुस्लिमों को एकजुट करने के दो तरीके’

‘मुस्लिमों को एकजुट करने के दो तरीके’

मिस्र के मंत्री गोमा ने कहा कि, इस्लामिक एकता पर बोलते हुए कहा कि, मुस्लिम समाज में एकता लाने के लिए दो तरीके हैं। पहला तरीका विवेकशील तरीका है, जिसमें तर्कसंगत बाते की जाएं और दूसरा तरीका काल्पनिक और असंभव तरीका है, जिसका इस्तेमाल आतंकवादी समूह, चरमपंथी ताकतें अपने अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं। इनकी कोशिश दुनियाभर के मुसलमानों को एक झंडे के नीचे लाने की है, जो एक असंभव तरीका है और ये संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि, मुसलमानों को पूरी दुनिया को एक झंडे के नीचे लाने के असंभव तरीके को छोड़कर, जिस देश में वो रहते हैं, उस देश का सम्मान करना चाहिए, उस देश के कानून को मानना चाहिए और उस देश के झंडे के प्रति उन्हें वफादार रहना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, चरमपंथी ताकतें जब अलग राष्ट्र बनाने की कोशिश करते हैं, तो राष्ट्र और कमजोर हो जाता है और उस राष्ट्र में रह रहे मुस्लिमों को अलग-थलग कर देता है।

चरमपंथियों को किया जाए बेनकाब

चरमपंथियों को किया जाए बेनकाब

उन्होंने दुनियाभर के विद्वानों और विशेषज्ञों से इन चरमपंथी समूहों को सबके सामने बेनकाब करने का आह्वान करते हुए कहा कि, फतवे को जगह और समय की परिस्थितियों के अनुसार बदलना चाहिए। विश्व मुस्लिम समुदाय परिषद के अध्यक्ष डॉ. अली राशिद अल नूमी ने कहा कि सम्मेलन इस्लामी राष्ट्र और दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों के प्रकाश में आता है।

‘विज्ञान बने आधार’

‘विज्ञान बने आधार’

वहीं, यूएई के सहिष्णुता मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक ने कहा कि, विज्ञान को मुस्लिम दुनिया में एकता का आधार होना चाहिए। रविवार को एकता के बैनर तले शुरू हुए इस कार्यक्रम में यूएई, रूस, तुर्की, सीरिया, मिस्र और अजरबैजान के मुस्लिम धार्मिक नेता शामिल थे। सम्मेलन के दौरान, विशेषज्ञों ने मुस्लिम उम्मा, या समुदाय को एकजुट करने के धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक घटकों में तल्लीन किया। उन्होंने कहा कि, "मैं विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन इस्लाम विज्ञान और ज्ञान का धर्म है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि विज्ञान और अनुसंधान मुस्लिम एकता की नींव बने"।

'जब मैंने धर्म परिवर्तन के खिलाफ आवाज उठाई, तो...' पाकिस्तानी हिंदू क्रिकेटर के सनसनीखेज आरोप'जब मैंने धर्म परिवर्तन के खिलाफ आवाज उठाई, तो...' पाकिस्तानी हिंदू क्रिकेटर के सनसनीखेज आरोप

Comments
English summary
Egypt's minister at the World Muslim Communities Council has appealed to Muslims around the world to be loyal to the country they live in.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X