चीन की पहली कोरोना वैक्सीन सिनोपार्म को WHO ने दी आपातकालीन उपयोग की मंजूरी
चीन की पहली कोरोना वैक्सीन सिनोपार्म को WHO ने दी आपातकालीन उपयोग की मंजूरी
नई दिल्ली, 08 मई: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार (07 मई) को चीन की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन 'सिनोपार्म' को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। चीन के लिए यह एख राहत भरी बात है। चीन की ये पहली कोविड-19 वैक्सीन है, जिसे सभी देशों में इस्तेमाल के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंजूरी दी है। यह कदम कई देशों में कोरोना वायरस वैक्सीनेशन अभियान को बढ़ाने में मदद करेगा। चीन की 'सिनोपार्म' वैक्सीन को दुनिया भर के दर्जनों देशों ने मंजूरी दी है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है, 'विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों में आपातकालीन उपयोग के लिए सिनोपार्म कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी दी है। इससे सभी देशों में कोवैक्स रोलआउट करने में मदद मिलेगी।' कोवैक्स डब्ल्यूएचओ द्वारा चलाया जा रहा एक वैक्सीनेशन अभियान है, जिसके तहत दुनियाभर के सभी गरीब देशों को वैक्सीनेट किया जा रहा है।
कोरोना वायरस वैक्सीन 'सिनोपार्म' को बीजिंग बायो-इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स कंपनी लिमिटेड ने विकसित किया है। ये कंपनी चीन नेशनल बायोटेक ग्रुप (CNBG) की सहायक कंपनी है। चीन ने अपने यहां फिलहाल पांच कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। जिसमें से 'सिनोपार्म' और 'सिनोवैक' वैक्सीन का ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "आज दोपहर को डब्ल्यूएचओ ने 'सिनोपार्म' बीजिंग के कोविड-19 वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी है। ये डब्ल्यूएचओ द्वारा मंजूर किया जाने वाला छठा टीका है। हमने इसकी सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता की जांच की है।''
डब्ल्यूएचओ ने चीनी वैक्सीन सिनोपार्म से पहले फाइजर-बायोएनटेक, जॉनसन एंड जॉनसन, मॉडर्ना, एस्ट्राजेनेका और भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई एस्ट्राजेनेका वैक्सीन कोविशील्ड को मंजूरी दी है।