विश्व बैंक का दावा- वैश्विक अर्थव्यवस्था की हालत सुधरने में लगेंगे 5 साल
नई दिल्ली: चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस दो-तीन महीने में ही पूरी दुनिया में फैल गया था। इस वजह से फरवरी से लेकर मई के बीच में कई देशों ने सख्त लॉकडाउन लागू किया। जिस वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी इसका काफी बुरा असर पड़ा। अब धीरे-धीरे ज्यादातर देश अनलॉक के जरिए अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस बीच विश्व बैंक ने एक चिंताजनक खबर दी है।
विश्व बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री कारमेन रेनहार्ट ने स्पेन की राजधानी मैड्रिड में गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कोरोना और वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में विस्तार से बताया। उनके मुताबिक अगर सभी देश लॉकडाउन के प्रवाधानों को हटा भी लेते हैं, तो पहले जैसी स्थित आने में पांच साल तक का वक्त लग सकता है। इसके अलावा कुछ देशों में मंदी ज्यादा दिनों तक चलेगी। उनके मुताबिक इस मंदी का प्रभाव अमीर देशों के गरीबों पर ज्यादा पड़ेगा, क्योंकि वहां पर असमानताएं बढ़ जाएंगी।
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रेनहार्ट के मुताबिक गरीब देशों के लिए कोरोना और ज्यादा मुश्किलें लेकर आया है। वहां पर अमीर देशों की तुलना स्थिति ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगी। इसके अलावा 20 साल में ऐसा पहली बार होगा, जब वैश्विक स्तर पर गरीबी दर में तेजी आएगी। एक नजर में देखें तो वर्ल्ड बैंक की ये रिपोर्ट काफी चिंताजनक है, क्योंकि मौजूदा वक्त में करोड़ों लोग कोरोना की वजह से अपना रोजगार गंवा चुके हैं।
जीडीपी
दे
चुकी
है
झटका
कोरोना
वायरस
ने
सबसे
ज्यादा
भारतीय
अर्थव्यवस्था
को
नुकसान
पहुंचाया
है।
जहां
सकल
घरेलू
उत्पाद
(GDP)
में
23.9
फीसदी
की
ऐतिहासिक
गिरावट
आई
है।
वहीं
ब्रिटेन
की
जीडीपी
में
21.7
फीसदी,
फ्रांस
में
18.9
फीसदी
और
अमेरिका
में
9.1
फीसदी
की
गिरावट
दर्ज
की
गई
है।
कोरोना
वायरस
पूरी
दुनिया
में
फैलाकर
चीन
ने
जीडीपी
को
संभाल
लिया
है।
वहां
की
जीडीपी
में
प्लस
3.2
फीसदी
की
ग्रोथ
दर्ज
की
गई
है।