कोरोनावायरस पर कथित 'झूठ' पर चीनी पलटवार के बाद चीन और अमेरिका के बीच छिड़ा वर्ड वार
नई दिल्ली। नोवल कोरोनोवायरस प्रकोप से निपटने के आरोपों पर चीन ने अमेरिकी राजनेताओं द्वारा फैलाए गए '24 झूठ' पर अभी तक का सबसे बड़ा पलटवार किया है। चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर शनिवार को पोस्ट किए गए 11,000 शब्दों के एक लेख ने अमेरिकी राजनेताओं द्वारा लगाए गए 24 आरोपों और झूठ का बिंदुवार खंडन किया है।
चीन द्वारा प्रकाशित लेख में कहा गया है कि Covid-19 को जवाब देने में अक्षम रहे अमेरिकी राजनेताओं और वहां की मीडिया द्वारा चीन पर दोष मढ़ने के लिए उक्त झूठ को गढ़ा गया है। उक्त लेख को चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने भी रविवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा किया है।
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गौरतलब है प्रकोप से निपटने के लिए चीन के बचाव में किया गया लंबा-चौड़ा खंडन बीजिंग द्वारा किया गया नवीनतम प्रयास है, क्योंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय जांच के तहत आता है और चीन को वायरस से निपटने और उसके बढ़ती जवाबदेही के लिए एक स्वतंत्र जांच सामना करना पड़ सकता है।
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दरअसल, हाल के हफ्तों में अमेरिका ने वायरस के प्रसार के लिए चीन को दोषी ठहराने के आरोपों को दोगुना कर दिया था। चीन पर विशेष रूप से प्रकोप के प्रारंभिक चरणों में महत्वपूर्ण जानकारी को छुपाने का आरोप लगाया और उसकी मृत्यु टोल पर सवाल उठाए थे।
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उल्लेखनीय है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भी साक्ष्य उपलब्ध कराए बिना दावा किया है कि यह वायरस चीनी शहर वुहान में एक लैब से उत्पन्न हुआ था, जहां पिछले दिसंबर में पहली बार प्रकोप की सूचना मिली थी।
चीनी मीडिया ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ द्वारा बिना सबूत दिए नोवल कोरोनावायरस के एक चीनी प्रयोगशाला से उत्पन्न होने के दावे पर हमला किया। बीजिंग ने अमेरिकी दावों को खारिज करते हुए ट्रम्प प्रशासन पर आरोप लगाया है कि वह अमेरिका के भीतर वायरस को रोकने में अपनी विफलता के लिए दोषारोपण करते है।
साथ ही, चीन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दोबारा चुने जाने के अवसरों को बढ़ाने के लिए ट्रम्प प्रशासन चीन पर आरोपों का धब्बा लगा रहा है।
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