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कैंसर का नाटक कर महिला ने डोनेशन में इकट्ठा किए लाखों रुपये, जानिए क्या हुआ जब लोगों को पता चली सच्चाई

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ब्रिटेन। हम अक्सर अपने सोशल मीडिया हैंडल्स, अखबारों में और अन्य कई जगहों पर इलाज के लिए मदद मांगने से संबंधित विज्ञापन देखते हैं। लेकिन हर बार इस तरह के विज्ञापन सही ही हों, ये जरूरी नहीं है। ऐसा ही कुछ इस समय ब्रिटेन में देखने को मिला है, जहां एक महिला ने खुद को ओवेरियन कैंसर से ग्रसित बताकर 45 हजार पाउंड यानी 44 लाख से अधिक रुपये इकट्ठा कर लिए। लेकिन हैरानी इस बात की रही कि इस महिला ने ये सारा पैसा अपने महंगे लाइफस्टाइल पर खर्च कर दिया। ये पैसा उसने जुआ खेलने और फुटबॉल मैच देखने में लगाया।

महिला ने धोखाधड़ी की बात नकारी

महिला ने धोखाधड़ी की बात नकारी

ये पैसे महिला को अपने शुभचिंतकों और दुनिया के बाकी लोगों ने दान किए थे। महिला की पहचान 42 साल की निकोल एक्लाबास के तौर पर हुई है। जिसने कथित तौर पर दावा किया था कि उसे अपने इलाज के लिए पैसे की जरूरत है और अमेरिकी चैरिटेबल प्लैटफॉर्म गोफंडमी (GoFundMe) की ओर से उसके बैंक अकाउंट में डोनेशन की रकम डाली गई। हालांकि महिला ने किसी भी तरह की धोखाधड़ी की बात को नकार दिया है। लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि महिला को 2018 में 5 फरवरी से 9 अगस्त के बीच 45,350 पाउंड मिले हैं।

कहां-कहां खर्च किए पैसे?

कहां-कहां खर्च किए पैसे?

कोर्ट को प्रासीक्यूटर बेन इरविन ने बताया कि एक्लाबास को कैंसर के इलाज के लिए पैसे की जरूरत नहीं थी और ना ही वह कभी इस बीमारी से ग्रसित हुई है। उन्होंने ज्यूरी को बताया कि एक्लाबास ने पैसा ऑनलाइन जुआ खेलने, पुराना कर्ज चुकाने, यात्रा करने, रेस्त्रां बिल भरने, सबसे ज्यादा महंगे टॉटनहैम हॉटस्पर (फुटबॉल क्लब) के टिकट खरीदने और अपने महंगे लाइफस्टाइल पर खर्च किया है। मामले की सुनवाई इंग्लैड की कैंटेबेरी क्राउन कोर्ट में हुई। उसने 3,593 पाउंड की एक पेमेंट तो उत्तरी लंदन फुटबॉल क्लब को ही की है। 'निकोल को इलाज के लिए हमारी मदद की जरूरत है' नामक शीर्षक से फंडरेजिंग पेज पर एक्लाबास की मां और बेटे की ओर से किसी अन्य शख्स ने भावुक संदेश लिखकर मदद मांगी थी।

पुरानी तस्वीर शेयर की गई

पुरानी तस्वीर शेयर की गई

इसमें लिखा गया कि एक्लाबास एक बहुत अच्छी बेटी और 11 साल के बेटे की मां है। इसके साथ ही एक्लाबास की एक तस्वीर भी साझा की गई। जिसमें वह अस्पताल के पलंग पर लेटी दिख रही है। लेकिन ये तस्वीर दिसंबर 2017 की है, जब उसका पित्ताशय का ऑपरेशन हुआ था। इन सभी बातों की जानकारी कोर्ट को दी गई। ये सर्जरी केंट के मार्गेट में स्पेंसर प्राइवेट हॉस्पिटल में हुई थी। इसके लिए पैसा भी प्राइवेट हेल्थकेयर इंश्योरेंस से दिया गया। 10 पुरुषों और दो महिलाओं की ज्यूरी को बताया गया कि तीन सर्जनों को मुकदमे में गवाह के तौर पर बुलाया जाएगा और एल्काबास के कैंसर के दावों के लिए उसके टेस्ट के रिजल्ट दिखाए जाएंगे।

गवाह के तौर पर स्त्रीरोग विशेषज्ञ पेश हुईं

गवाह के तौर पर स्त्रीरोग विशेषज्ञ पेश हुईं

एल्काबास को लोगों ने काफी पैसा दान किया था। वहीं उसने एक पुलिस अधिकारी को बताया कि वह कैंसर के इलाज के लिए मेडिटेशन ले रही थी। कैंटरबरी पुलिस स्टेशन में उसने बार बार दोहराया कि उसे कैंसर है। पहले गवाह के तौर पर पेश हुईं स्त्रीरोग विशेषज्ञ निकोलस मॉरिस ने कहा कि एल्काबास उनकी मरीज नहीं है, ना ही उन्होंने पहले कभी उसका इलाज किया है और ना ही उसके स्वास्थ्य के बारे में बात की है। हालांकि वह 2017 में एल्काबास से मिली थीं। फिलहाल इस मामले की सुनवाई अभी भी जारी है।

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English summary
woman faked ovarian cancer to collect lakhs of money know what happened when people know about this
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