पीएम मोदी और राष्ट्रपति ओबामा के बीच हुई ‘चीन पर भी चर्चा’
वाशिंगटन। भारत ने पहली बार अमेरिका के साथ खड़े होकर चीन को इशारों में चेतावनी भरे संकेत दिये हैं। वहीं अमेरिकी प्रशासन ने साफ किया है कि हिंद महासागर और एशिया प्रशांत इलाके में किसी एक की दादागिरी नहीं चलेगी।
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कई अहम मुद्दों के बीच शामिल चीन
चौथी बार अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ लंच पर मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच हुई सातवीं मुलाकात में न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की सदस्यता, आपसी सहयोग, मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजिम (एमटीसीआर) समेत कई मुद्दों पर बात हुई। इन मुद्दों पर 'चीन पर चर्चा' भी शामिल थी।
एनएसजी पर चीन के रुख का भी जिक्र
आपको बता दें कि भारत और अमेरिका दोनों ही एनएसजी पर चीन के रुख से असहज हो रहे हैं। एशिया-प्रशांत इलाके में दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी रहती है। चीन यहां कारोबार, समुद्री परिवहन, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में अपना अधिकार जताता आया है।
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चीन में भी हुई अमेरिका पर बातचीत
पीएम मोदी के साथ मुलाकात से पहले बीजिंग में चीन और अमेरिका के बीच भी द्विपक्षीय वार्ता भी हुई। लेकिन दोनों के बीच कोई सकरात्मक नतीजा नहीं निकल सका है।
अमेरिका और चीन के बीच अक्सर ही साउथ चाइना सी को लेकर तनातनी बनी रहती है। ऐसे में भारत और अमेरिका की ओर से चीन को दी गई चेतावनी काफी अहम मानी जा रही है। दोनों देशों के रिश्तों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ भी मानने लगे हैं कि अमेरिका, एशिया में चीन को पछाड़ने के लिए भारत पर पूरी तरह से निर्भर है।