ईरान के साथ परमाणु समझौते से अमरीका अलग होगा या नहीं?
ईरान के साथ हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते से अमरीका अलग होगा या नहीं, राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप मंगलवार को इसकी घोषणा करेंगे.
राष्ट्रपति बनने के बाद से ही डोनल्ड ट्रंप, ईरान के साथ हुए अंतरराष्ट्रीय समझौते के मुखर विरोधी रहे हैं.
अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन के अलावा जर्मनी के साथ हुए इस समझौते के मुताबिक ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम बंद करने के लिए राज़ी हुआ था.
ईरान के साथ हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते से अमरीका अलग होगा या नहीं, राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप मंगलवार को इसकी घोषणा करेंगे.
राष्ट्रपति बनने के बाद से ही डोनल्ड ट्रंप, ईरान के साथ हुए अंतरराष्ट्रीय समझौते के मुखर विरोधी रहे हैं.
अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन के अलावा जर्मनी के साथ हुए इस समझौते के मुताबिक ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम बंद करने के लिए राज़ी हुआ था. बदले में ईरान पर लंबे समय से लगे आर्थिक प्रतिबंधों में ढील दी गई थी.
समझौते पर दस्तख़त करने वाले ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी का कहना है कि वे राष्ट्रपति ट्रंप से कहेंगे कि वो इस समझौते से अलग न हो.
इन देशों ने ये संकेत भी दिया है कि राष्ट्रपति ट्रंप चाहे जो फ़ैसला करें, वे ईरान के साथ हुए समझौते पर कायम रहेंगे.
ब्रिटेन की कोशिश, परमाणु समझौता न तोड़े अमरीका
'अमरीका को पछताना होगा'
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी कह चुके हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के साथ परमाणु समझौता खत्म किया तो अमरीका को ऐतिहासिक रूप से पछताना होगा.
लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप कहते रहे हैं कि ये समझौता बहुत उदार था और ईरान 'मौत, तबाही और अराजकता' फैला रहा है.
राष्ट्रपति ट्रंप इस बात पर ज़ोर देते रहे हैं कि अमरीका के पास इस समझौते को कभी भी छोड़ने का अधिकार है.
अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों का कहना रहा है कि तीन साल पहले हुए समझौते का ईरान ठीक से ठीक से पालन कर रहा है.
लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ये कहते रहे हैं कि ईरान इस समझौते के मूल-भाव का पालन नहीं कर रहा है और असल में प्रतिबंधों का फ़ायदा उठा रहा है.