क्या भारत-चीन विवाद में डोनाल्ड ट्रंप करेंगे हस्तक्षेप, सवाल पर व्हाइट हाउस की ओर से आया बड़ा बयान
नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर चल रहे तनाव में देश के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो चुके हैं। दोनों ही देशों के बीच तनाव लगातार बरकरार है। इस बीच अमेरिकी की ओर से इस पूरे मसले को लेकर बयान आया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कायली मैकेनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एलएसी और पूर्वी लद्दाख पर जो हो रहा है उसकी हमे जानकारी है। भारत चीन के बीच जोकुछ भी हो रहा है हम उसपर नजर बनाए हुए हैं। हमने भारतीय सेना का बयान देखा है, जिसमे उन्होंने कहा कि 20 जवानों की मौत हुई है, हम उनके प्रति अपनी संवेदना जाहिर करते हैं। वहीं क्या अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत-चीन विवाद में हस्तक्षेप करेंगे इसपर भी प्रेस सेक्रेटरी की ओर से बयान आया है।
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कोई योजना नहीं
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब प्रेस सेक्रेटरी से सवाल पूछा गया कि क्या डोनाल्ड ट्रंप इस मसले पर हस्तक्षेप करेंगे, इसपर उन्होंने कहा कि अभी इसकी कोई औपचारिक योजना नहीं है। बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने की कोशिशें तेज हो गई हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के हवाले से न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने दावा किया है कि, चीन ने भारत के साथ सीमा पर झड़प का मुद्दा निष्पक्ष तरीके से सुलझाने पर सहमति जताई है।
भारत ने चीन को दिया सख्त संदेश
चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह जितनी जल्दी संभव हो पीछे हटने और तनाव कम करने की कोशिश करेगा। इसी बीच सीमा पर जारी तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने समकक्ष चीनी विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर इस घटनाक्रम को लेकर बातचीत की है। गलवान घाटी में हिंसा पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी को सख्त संदेश दिया है। जयशंकर ने यी से कहा- गलवान में जो हुआ, वह पूर्वनियोजित और योजनाबद्ध था, इसी के वजह से सारी घटनाएं हुईं।
चीन की अपील
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत से अपील की है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दे, भारत को अपने जवानों पर नियंत्रण करने की भी दी सलाह। हालांकि भारत की ओऱ से भी चीन से इस मामले में की जांच करने के लिए कहा है। वांग ने जयशंकर से कहा कि भारत और चीन को उन महत्वपूर्ण सहमतियों का पालन करना चाहिए, जिन पर दोनों देशों के नेता सहमत हुए हैं। वांग ने जोर देते हुए कहा कि दोनों पक्षों को मतभेदों को सुलझाने के लिए मौजूदा तंत्र के माध्यम से संचार और समन्वय मजबूत करना चाहिए।