Special Report: QUAD देशों के खिलाफ ‘व्यापारिक लड़ाई’ शुरू करेगा चीन?
हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की विस्तारवादी नीति की हवा निकालने में लगे QUAD देशों की मीटिंग के बाद चीन भड़क गया है। QUAD के खिलाफ आर्थिक लड़ाई का ऐलान कर सकता है चीन
बीजिंग: हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की विस्तारवादी नीति की हवा निकालने में लगे QUAD देशों की मीटिंग के बाद चीन भड़क गया है। QUAD देशों की मीटिंग के बाद बौखलाए चीन ने QUAD मेंबर्स को आर्थिक तौर पर चोट पहुंचाने की धमकी देनी शुरू कर दी है। चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि QUAD देश अगर चीन के खिलाफ कार्रवाई करते हैं तो चीन इन्हें आर्थिक चोट देगा।
QUAD से परेशान चीन
Quadrilateral
Security
Dialogue
विश्व
की
चार
महाशक्तियों
का
संगम
जिसका
मकसद
एक
दूसरे
को
मिलिट्री
और
आर्थिक
तौर
पर
सहयोग
करना
है
उसकी
बैठक
के
बाद
चीन
भड़क
गया
है।
अमेरिका,
भारत,
जापान
और
ऑस्ट्रेलिया
QUAD
देशों
के
चार
एक्टिव
मेंबर
हैं,
जिसकी
बैठक
को
लेकर
चीन
भड़क
गया
है।
QUAD
की
बैठक
को
लेकर
चीन
ने
कहा
है
कि
उसकी
नजर
हिंद
प्रशांत
क्षेत्र
में
होने
वाले
हर
डेवलपमेंट
पर
है
और
अगर
QUAD
देश
हिंद
प्रशांत
क्षेत्र
में
चीन
को
नुकसान
पहुंचाने
की
कोशिश
करता
है
तो
फिर
QUAD
देशों
को
माकूल
दबाव
दिया
जाएगा।
QUAD
देशों
की
मीटिंग
के
साथ
अमेरिका
के
विदेश
मत्री
एंटनी
ब्लिंकेन
भारत,
ऑस्ट्रेलिया
और
जापान
के
विदेश
मंत्रियों
से
बात
कर
इंडो
पैसिफिक
रीजन
को
लेकर
रणनीति
बनाने
की
शुरूआत
करेंगे
ताकि
इंडो-पैसिफिक
क्षेत्र
में
चीन
के
बढ़ते
प्रभुत्व
को
खत्म
किया
जा
सके।
अमेरिका
के
विदेश
मंत्रालय
के
प्रवक्ता
नेड
प्राइस
ने
कहा
है
कि
QUAD
की
मीटिंग
में
कोविड-19
संक्रमण
से
निजात
पाने
और
हिंद
प्रशांत
क्षेत्र
में
चारों
देशों
की
सामूहिक
लक्ष्य
की
पूर्ति
को
लेकर
रणनीति
तैयार
किए
जा
रहे
हैं।
इंडो पैसिफिक क्षेत्र के लिए QUAD लगातार एक बड़े स्तर की रणनीति पर काम कर रहा है और यही बात चीन को परेशान कर रही है। पिछले साल QUAD देशों की मीटिंग को जापान ने होस्ट किया था जिसमें मालाबार नेवल एक्सरसाइज को लेकर फैसला लिया गया। QUAD मीटिंग के बाद ही भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की नेवी ने हिंद प्रशांत क्षेत्र के मालाबार में नेवल एक्सरसाइज को अंजाम दिया था, जिसका असर चीन पर अब तक देखा जा रहा है। इसके साथ ही इसी साल 9 फरवरी को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और भारत के विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर के बीच भी हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने को लेकर मीटिंग हुई थी, जिसपर चीन की नजर है। अब QUAD देशों की इस बैठक बाद चीन भारी परेशान होकर धमकी देने पर उतारू हो गया है।
QUAD पर चीन की धमकी
चीनी विशेषज्ञों के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने QUAD के सभी देशों को आर्थिक चोट पहुंचाने की धमकी दी है। इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिकन स्टडीज के डिप्टी डायरेक्टर Ni Feng ने कहा है कि जो बाइडेन के शासनकाल में चीन को काबू में करने के लिए QUAD को और मजबूत किया जा सकता है और जो बाइडेन प्रशासन ने भी इंडो पैसिफिक रीजन के लिए डोनाल्ड ट्रंप के रास्ते पर ही चलने का फैसला किया है। वहीं, चायना इंस्टीट्यूज ऑफ इंटरनेशनल स्डडीज की एग्जक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट Ruan Zongze का कहना है कि जो बाइडेन एशिया महाद्वीप में रिबैलेंसिंग की कोशिश करने के तौर पर जाने जाते हैं और इस बार भी वो एशिया महाद्वीप में शांति की कोशिश करेंगे लेकिन उसके बाद भी जो बाइडेन का मकसद चीन को रोकना ही होगा। Ruan Zongze का कहना है कि जो बाइडेन का QUAD को लेकर पहुपक्षीय उद्येश्य है और वो QUAD डिप्लोमेसी के जरिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को एशिया पैसिफिक क्षेत्र में तब्दील कर खुद को 'कैप्टन अमेरिका' साबित करने की कोशिश में होंगे।
QUAD से क्यों डर गया है चीन?
चीनी एक्सपर्ट्स ने कहा है कि QUAD का मकसद कुछ भी हो लेकिन चीन को पूरी तरह से सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि इस वक्त QUAD सिर्फ एक संगठन के तौर पर दिख रहा है मगर आने वाले वक्त में QUAD को अमेरिका एक एंटी चायना ग्रुप के तौर पर एक्टिव कर सकता है जिसका खामियाजा चीन को भुगतना पड़ सकता है, लिहाजा अभी ही चीन को सावधान हो जाना चाहिए। वहीं कुछ चीनी एक्सपर्ट्स ये भी कहते हैं कि चीन को QUAD का जबाव देने के लिए RECP का निर्माण कहना चाहिए, जिसके अंतर्गत इंडो पैसिफिक क्षेत्र में आने वाले देशों को लेकर एक ग्रूप का निर्माण करना चाहिए और उन देशों को आर्थिक और व्यापारिक मदद करनी चाहिए।
QUAD देशों को धमकी देते हुए चीनी एक्सपर्ट आंकड़ा पेश करते हुए कहते हैं कि चीन ने यूरोपीय यूनियन से व्यापारिक रिश्तों के क्षेत्र में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है वहीं चीन और यूरोपीयन यूनियन के बीच कॉम्प्रेहेन्सिव एग्रीमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एग्रीमेंट भी प्रोग्रेस में है, जिसकी वजह से चीन और EU के बीच के रिश्तों में और मजबूती आ रही है, जिसका इस्तेमाल चीन QUAD के खिलाफ कर सकता है।
चीनी एक्सपर्ट्स का कहना है कि जापान पिछले चार सालों से लगातार चीन का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक पार्टनर रहा है वहीं चीन पिछले 12 सालों से जापान का सबसे बड़ा व्यापारिक पार्टनर रहा है। वहीं चीन भारत के लिहाज से सबसे बड़ा इम्पोर्टर है और तीसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है, लिहाजा अगर QUAD का इस्तेमाल चीन के खिलाफ होता है तो चीन इन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है। चीनी एक्सपर्ट्स कहते हैं कि चीन अपने व्यापारिक मजबूती का पूरी तरह से फायदा उठा सकता है ताकि QUAD चीन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सके और चीन से व्यापारिक लड़ाई में उलझने का नतीजा क्या होता है वो ऑस्ट्रेलिया से बेहतर कौन समझ सकता है।
यानि, चीन की धमकी से साफ है कि वो इंडो पैसिफिक रीजन में QUAD से डरा हुआ है और अपनी पुरानी धमकाने की नीति से QUAD पर जबाव बनाने की कोशिश कर रहा है लेकिन QUAD को अपनी रफ्तार में बढ़ना ही होगा क्योंकि कम्यूनिस्ट देश चीन के मुखिया शी जिनपिंग किसी भी हाल में चीन को व्यापारिक युद्ध में झोंककर नुकसान नहीं करा सकते हैं। अगर चीन को व्यापार में नुकसान होता है तो इसका डायरेक्ट असर शी जिनपिंग को होगा लिहाजा चीन सिर्फ धमकी देकर QUAD से बचने की कोशिश कर रहा है।