कौन हैं जूलियन असांजे, जिनके खुलासों ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था
लंदन। अपने गोपनीय खुलासों से पूरी दुनिया में खलबली मचाने वाले विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे (47) को गुरुवार को ब्रिटिश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। असांजे ने 2012 से इक्वाडोर के दूतावास में शरण ले रखी थी। इक्वाडोर के राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समझौतों के लगातार उल्लंघन के चलते हमने असांजे को शरण देने से इनकार कर दिया। इक्वाडोर के इस फैसले के बाद 2012 में जारी वारंट के तहत असांजे को गिरफ्तार किया गया।
चलिए विस्तार से जानते हैं कि आखिर ये असांजे हैं कौन और इन पर क्यों और किस तरह के आरोप लगे हैं...
जूलियन असांजे का जन्म ऑस्ट्रेलिया में हुआ
जूलियन असांजे का पूरा नाम जूलियन पॉल असांजे है, उनका जन्म 3 जुलाई 1971 को ऑस्ट्रेलिया में हुआ था। असांजे विकीलीक्स के संस्थापक हैं। विकीलीक्स पर काम करने से पहले वे एक कंप्यूटर प्रोग्रामर और हैकर थे। जूलियन असांजे ने ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिर्वसिटी और मेलबर्न यूनिर्वसिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की थी, यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई के दौरान ही जूलियन असांजे हैकिंग की दुनिया में कदम रख चुके थे, साल 2006 में जूलियन असांजे ने विकीलीक्स की स्थापना की थी।
विकीलीक्स पर हुए सनसनीखेज खुलासे
दरअसल विकीलीक्स एक वेबसाइट है, जिस पर असांजे ने कई खुफिया दस्तावेज़ों को गंभीरता से छापा था, ये वो दस्तावेज़ थे, जिन्हें देश के नागरिकों से सरकार और सेना छुपा कर रखती है, 12 जुलाई, 2012 में अमेरिकी सेना की ओर से की गई बगदाद एयर स्ट्राइक से संबंधित अहम दस्तावेज़ जुलियन असांजे ने उजागर करके तहलका मचा दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिकी सेना ने बगदाद में जितने भी हवाई हमले किए हैं, वो एक तरीके से प्री प्लांड थे, इतना ही नहीं, रिपोर्ट में अमेरिकी सेना के कई दावों की पोल खोली गई थी, जूलियन असांजे को ये सभी दस्तावेज़ चेल्सिया मेनिंग ने उपलब्ध कराए थे, जो खुद कभी अमेरिकी आर्मी में तैनात थीं हालांकि चेल्सिया को बाद में यूएस आर्मी ने गिरफ्तार कर, देशद्रोह के आरोप में जेल में भेज दिया था।
असांजे पर लगा रेप और यौन शोषण का आरोप
लेकिन इनकी वेबसाइट का गोपनीय जानकारी को प्रकाशित करना जारी रहा, हालांकि असांजे को उनकी निडरता और काम के लिए टाइम मैगजीन ने 'पर्सन ऑफ द ईयर' के खिताब से भी नवाजा था यही नहीं विकीलीक्स को बढ़िया काम के लिए 'इकॉनोमिस्ट फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन अवार्ड' और सेम एडम्स अवार्ड' से भी नवाजा जा चुका है लेकिन साल 2012 में असांजे के ऊपर स्वीडन की दो महिलाओं ने रेप और यौन शोषण के आरोप लगाए और उनके खिलाफ स्वीडन ने अरेस्ट वारंट जारी कर दिया। असांजे ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
यह भी पढ़ें: सोनिया गांधी के रोड शो में लहराए गए दो झंडे, जानिए क्यों?
असांजे के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था
जिसके बाद ये सवालों के घेरे में आ गए, अंतरराष्ट्रीय लोक अभियोजन अधिकारी ने असांजे के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, 2012 में ब्रिटेन द्वारा स्वीडन को प्रत्यपर्ति किए जाने से बचने के लिए, उन्होंने इक्वाडोर के दूतावास से शरण की गुहार लगाई और तब से लंदन में शरणार्थी के तौर पर रह रहे थे।
असांजे ने कंप्यूटरों से दस्तावेज चोरी किए!
असांजे के ऊपर साल 2016 में यह भी आरोप लगा कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हैकर्स की मदद से क्लिंटन और डेमोक्रेटिक पार्टी के कंप्यूटरों से दस्तावेज चोरी किए हैं।