ज़ैनब की मौत पर महिला एंकर ने इस तरह जताया रोष, सोशल मीडिया पर उबला पाकिस्तान
पाकिस्तान में लोग सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक पर ज़ैनब के लिए इंसाफ मांग रहे हैं.
पाकिस्तान में एक छह साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या से पूरा देश ग़ुस्से में है और सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक पर लोग बच्ची के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं.
पाकिस्तान में क़सूर की रहने वाली ज़ैनब अंसारी के रेप और हत्या के बाद दूसरे दिन भी देश में विरोध प्रदर्शन जारी रहे और लोगों ने एक सरकारी दफ़्तर में आग लगा दी.
बच्ची के पिता ने अपना दुख ज़ाहिर करते हुए बीबीसी से कहा, ''जैसे दुनिया ही ख़त्म हो गई.... मेरे पास शब्द नहीं हैं.''
क़सूर में पुलिस का कहना है कि पिछले दो सालों में ऐसे ही 12 मामले सामने आ चुके हैं.
सोमालीलैंड में रेप पहली बार बना अपराध
बलात्कार पीड़िताओं के कपड़ों की प्रदर्शनी
इनमें से पांच मामले एक ऐसे संदिग्ध से जुड़े हैं जिसे सैकड़ों अधिकारी ढूंढ रहे हैं. 90 संदिग्धों के डीएनए सैंपल लिए जा चुके हैं.
पिता ने पुलिस पर उठाए सवाल
ज़ैनब के पिता अमीन अंसारी ने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों की हिंसा का समर्थन नहीं करते लेकिन वो पुलिस पर उनके ग़ुस्से को समझते हैं.
उन्होंने कहा, ''अगर पुलिस ने अपना काम ठीक से किया होता तो वह सीसीटीवी फुटेज मिलने के तुरंत बाद ही उसे ढूंढ़ लेती.''
इस रेप केस में अदालत ने क़ायम की मिसाल
वहीं, स्थानीय नेताओं ने ज़ैनब के परिवार से मुलाकात की और अपराधी के जल्द से जल्द पकड़े जाने का वादा किया.
पाकिस्तान में लोग लगातार पुलिस और सरकार पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों, कारों और एक स्थानीय राजनेता के कार्यालय को आग के हवाले कर दिया.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने बच्चों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए कोई ख़ास क़दम नहीं उठाए.
हत्यारे की सूचना पर एक करोड़ ईनाम
एक स्थानीय पुलिस प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी एएफ़पी को बताया, ''करीब 1000 लोग सड़कों पर उतर आए थे. वे सरकारी अस्पतालों, पुलिस और पुलिस उपायुक्त के कार्यालय पर पत्थर फेंक रहे थे...''
क्या फांसी से बच्चों के ख़िलाफ़ रेप का अपराध रुकेगा?
उन्होंने बताया, ''पुलिस तैनात की जा रही है और हालात पर क़ाबू पाने की कोशिश की जा रही है.''
बुधवार को एक भीड़ के स्थानीय पुलिस मुख्यालय पर हमला करने के बाद पुलिस ने फ़ायरिंग शुरू कर दी थी जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई.
पंजाब सरकार ने ज़ैनब के हत्यारे को पकड़ने में पुलिस की मदद करने वाले को एक करोड़ रुपये ईनाम देने की घोषणा की है. साथ ही पुलिस फ़ायरिंग में जान गंवाने वाले प्रदर्शनकारियों के परिवार को 30 लाख रुपये मुआवजा भी दिया जाएगा.
टीवी एंकर साथ लेकर आई बेटी
पाकिस्तान में फूटे गुस्से का असर वहां के मीडिया में भी नज़र आया. समा टीवी की एक एंकर किरन नाज़ गुरुवार को एक बुलेटिन में अपनी बच्ची को लेकर आईं और उसे गोद में बैठाकर ज़ैनब की ख़बर दी.
बुलेटिन की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, ''आज में किरन नाज़ नहीं हूं बल्कि एक मां हूं और इसलिए आज मैं अपनी बच्ची के साथ बैठी हूं.''
जैनब के बारे में बाते हुए उन्होंने कहा, ''जनाज़ा जितना छोटा होता है उतना ही भारी होता है और पूरा समाज उसके बोझ तले दब जाता है.''
वहीं, सोशल मीडिया पर लोगों ने न्यूज एंकर के बुलेटिन में बच्ची को लेकर आने पर अपनी राय जाहिर की.
https://twitter.com/omar_quraishi/status/951119489776738305
एक यूजर 'उमर आर क़ुरैशी' ने ट्वीट किया, ''अमूमन किसी टीवी एंकर को ख़बर देने के दौरान अपनी बच्ची को लाते नहीं देखा जाता- समा टीवी की किरन नाज़ ने विशेषतौर पर ऐसा किया ताकि यह अहसास कराया जा सके कि पाकिस्तान की मां कैसा महसूस कर रही है.''
https://twitter.com/GargiRawat/status/951320269590740992
भारतीय न्यूज़ एंकर 'गार्गी रावत' ने ट्वीट किया, ''यह थोड़ा नाटकीय है... एक न्यूज़ एंकर के ऐसा करने को लेकर सुनिश्चित नहीं हूं लेकिन यह एक बहुत ही भावुक मसला है और एक घिनौना अपराध है.''
ज़ैनब के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के विरोध में सड़कों पर उतरा लोगों का आक्रोश ऑनलाइन भी नज़र आ रहा है.
बच्ची के बलात्कार के बाद पाक में गुस्सा, हिंसक प्रदर्शन
पांच लाख से अधिक सोशल मीडिया यूजर्स ने #जस्टिसफॉरज़ैनब लिखकर बच्चों के यौन शोषण की व्यापक समस्या पर गहरी चिंता जताते हुए अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है.
ट्विटर पर 9 जनवरी के बाद से # जस्टिसफॉरज़ैनब छह लाख से अधिक बार इस्तेमाल किया गया है. इंस्टाग्राम पर भी 30,000 से अधिक बार इसका इस्तेमाल किया गया है.
अधिकतर संदेशों में लोगों ने भय और शोक जताया है. हालांकि ऐसा लगता है कि इस हैशटैग की शुरुआत राजनीतिक थी.
अधिकतर संदेशों में लोगों ने भय और शोक जताया है. हालांकि ऐसा लगता है कि इस हैशटैग की शुरुआत राजनीतिक थी.
#जस्टिसफॉरज़ैनब का सबसे पहले विपक्षी पार्टी पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) ने इस्तेमाल किया.