जानिए Coronavirus को क्यों दिया गया नया नाम Covid-19?
जेनेवा। चीन में कोरोना वायरस की वजह से मंगलवार को भी 90 लोगों की मौत हो गई है। इस नए आंकड़ें के बाद अब तक इस जानलेवा वायरस ने 1,114 लोगों की जान ले ली है। चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों की तरफ से इस बात की जानकारी बुधवार को दी गई है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने इस वायरस को नया नाम दिया है और अब संस्था की तरफ से इसे कोविड-19 के नाम से जाना जाता है। वायरस की वजह से अब तक 44,742 लोग संक्रमित हैं जिसमें से 33,300 केसे अकेले हुबेई प्रांत से हैं। हुबेई का वुहान ही इस महामारी का केंद्र है।
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क्या है Covid-19 का मतलब
जेनेवा स्थित डब्लूएचओ की तरफ से मंगलवार को वायरस के नए नाम का ऐलान किया गया है। संगठन ने वायरस को कोविड-19 नाम दिया है। हालांकि संगठन ने नाम तय करते समय किसी भी जगह या फिर जानवर का जिक्र नहीं किया है। संगठन के चीफ टेडरॉस एबहानोम ने इस बारे में ऐलान किया और कहा, 'हमें एक नाम की तलाश करनी थी जिसमें किसी भी जगह या फिर जानवर या फिर किसी व्यक्ति या संगठन का जिक्र न आता हो, जिसका उच्चारण आसान हो और जो किसी बीमारी से सबंधित न हो।' उन्होंने कहा कि एक नाम होने की वजह से दूसरे नामों का प्रयोग करने से बचा सकेगा। साथ ही आने वाले समय में अगर कोई महामारी फैलती है तो फिर इसी क्रम में कोरोना वायरस का प्रयोग हो सकेगा। कोविड-19 कोरोना, वायरस और डिजीज को मिलाकर बना है और इसमें 19 का मतलब साल 2019 से है। दिसंबर 2019 में इस महामारी का पहला केस हुबेई में देखा गया था। डब्लूएचओ की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, 'कोविड-19 का मतलब 2019 में कोरोना वायरस बीमारी है।'
जानवरों को बताया गया वजह
दिसंबर में हुबेई प्रांत के वुहान में इस वायरस के लक्षण सबसे पहले देखे गए थे। जैसे ही वायरस ने पैर पसारने शुरू किए डब्लूएचओ की तरफ से कुछ निर्देश जारी किए गए जो उन देशों के लिए थे जहां पर वायरस की मौजूदगी देखी गई थी। संस्था की तरफ से उस समय बताया गया है कि कैसे देश इस वायरस का सामना कर सकते हैं और कैसे मरीजों पर नजर रखकर उनका इलाज किया जाए। यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक इस वायरस के बारे में जो बात सबसे अहम है उसके मुताबिक कोरोना वायरस एक बड़े ग्रुप में जानवरों में पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों ने इन्हें जूनोटिक नाम दिया है यानी ऐसा वायरस जो जानवरों से इंसानों में ट्रांसफर हो सकता है। कौन सा जानवर इस वायरस के लिए जिम्मेदार है इस बात की पुष्ट जानकारी अभी तक नहीं मिल सकी है। मगर कभी कोबरा सांप तो कभी बिल्ली और हाल ही में चमगादड़ को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।
वुहान की बाजार में बिकता है सांप
सांप, वुहान में सी-फूड के थोक बाजार में भारी मात्रा में बिकता है। वुहान ही इस वायरस का केंद्र बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि वुहान की होल सेल मार्केट को बंद करने से पहले सांप की बिक्री जमकर हुई थी। सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक वुहान की बाजार में बिकने वाला करैत जिसे ताइवानी या चीनी करैत कहते हैं, सांपों की काफी जहरीली प्रजाति है। इस सांप की सेंट्रल और सदर्न चीन के अलावा साउथ ईस्ट एशिया में भारी तादाद में पाया जाता है। दिसंबर 2019 में पहली बार इस वायरस की वजह से बीमारी का पहला केस दर्ज किया गया था। वुहान, सेंट्रल चीन का घनी आबादी वाला शहर है। इसके बाद से काफी तेजी से यह वायरस फैला और अब तक इसने 24 देशों के 400 लोगों को संक्रमित कर दिया है।
क्यों पड़ा नाम कोरोना वायरस
चीन में साइंटिस्ट्स ने मरीजों में पाए गए वायरस के सैंपल लिए थे। इसके बाद वायरस के जेनेटिक कोड का पता लगा सका है। माइक्रोस्कोप की मदद से इसकी फोटो भी ली गई है। यह वायरस उसी वायरस से संबधित है जिसकी वजह से साल 2004 में चीन और हांगकांग में सीवियर एक्यूट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम यानी सार्स और मिडिल ईस्ट में मिडिल ईस्ट रेस्पीरेटरी सिंड्राम यानी मार्स फैला था। पिछले 17 वर्षों में इस वायरस की वजह सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की तरफ से नए कोरोनावायरस को coronavirus 2019-nCoV नाम दिया गया है। इस वायरस को यह नाम इसके आकार की वजह से दिया गया है। यह वायरस किसी क्राउन यानी ताज की तरह नजर आता है। इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप से देखने पर इसकी शेप का पता चल सका है।
क्या हैं इनफेक्शन के लक्षण
इस वायरस का इनफेक्शन होने के बाद पीड़ित वयक्ति बीमार हो जाता है और उसे सांस से जुड़ी बीमारी होती है। सांस लेने में बिल्कुल उसी तरह तकलीफ होती है जैसे सर्दी जुकाम के समय होती है। कोरोना वायरस के इनफेक्शन की वजह से नाक से पानी निकलता रहता है, कफ की शिकायत होती है, गला में खरास रहती है और बुखार के साथ ही सिर दर्द भी होता है। यह लक्षण कुछ दिनों तक रह सकते हैं। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता (इम्यून सिस्टम) कमजोर है जैसे की वृद्ध और बहुत छोटे बच्चे, उनमें इस वायरस से इनफेक्टेड होने की आशंका काफी ज्यादा है। वायरस की वजह से हल्की और गंभीर दोनों ही प्रकार की सांस की बीमारियां जैसे न्यूमोनिया या फिर ब्रोकाइटिस हो सकती है।
कोई निश्चित इलाज नहीं, बचाव जरूरी
इस वायरस का कोई निश्चित इलाज नहीं है। लक्षण अपने आप ही जाते हैं। डॉक्टर सिर्फ बुखार या दर्द की ही दवाई देते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक कमरे को नम रखने वाला यंत्र यानी ह्यूमिडफायर या फिर गर्म पानी का शॉवर खराब गले और कफ से निजात दिला सकता है। खूब पानी पिएं, आराम करें और जितना हो सके उतना सोएं। अगर लक्षण सर्दी जुकाम से बढ़ जाएं तो फिर डॉक्टर के पास जाने में देर न करें। उन लोगों से मिलने से बचें जो इस वायरस के शिकार हैं। अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचे। हर 20 सेकेंड्स में अपने हाथ को साबुन और पानी से साफ करें। अगर आप बीमार हैं तो फिर घर पर रहें, भीड़ से बचें और दूसरे लोगों से संपर्क कम करें। जब कभी भी छींक आए तो अपना मुंह और नाक ढंक लें।