आखिर तस्वीरों में क्यों खोई हुई हैं ये लड़कियां, क्या है खास बात?
मुर्यू कीनिया की एक युवा फ़ोटोग्राफ़र हैं जिनके इस फ़ोटोवर्क (काम) के मायने बहुत गहरे हैं.
फ़ोटोग्राफ़र थांडिवे मुर्यू चाहती हैं कि उनकी मॉडल्स कुछ अलग दिखें, वो अपने बैकग्राउंड में खो जायें, पर तस्वीरों में उनकी मौजूदगी को भी कोई नज़रअंदाज़ ना कर सके.
उनकी फ़ोटो सिरीज़ 'कैमो' देखने वालों की नज़र में एक दृष्टिभ्रम पैदा करती है जिसकी वजह से तस्वीर में खड़ा इंसान बिल्कुल खो जाता है, पर तस्वीर देखते समय आप उसे नज़रअंदाज़ नहीं कर पाते.
मुर्यू कीनिया की एक युवा फ़ोटोग्राफ़र हैं जिनके इस फ़ोटोवर्क (काम) के मायने बहुत गहरे हैं.
बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा, "मुझे फ़ैशन फ़ोटोग्राफ़ी पसंद है. मैं पूरा-पूरा दिन यह कर सकती हूँ. लेकिन मुझे लगता है कि वो फ़ैशन फ़ोटोग्राफ़ी ही है, जो यह बता सकती है कि आप कौन हैं और आप किस पृष्ठभूमि से आते हैं. इसी विचार के साथ मैंने कैमो सिरीज़ शुरू की."
ये चमकीले और रंग-बिरंगे कपड़े, अलग किस्म का हेयरस्टाइल, साथ में आँखों पर दिख रहे विचित्र तरह के आइवियर (चश्मे) 30 साल पुरानी संस्कृति का जश्न मनाने का एक आकर्षक तरीका हैं.
मुर्यू कहती हैं कि ये सिरीज़ यह जताने का एक तरीक़ा है कि कैसे मैं अपने बैकग्राउंड और संस्कृति में खो सकती हूँ.
मुर्यू एक पेशेवर फ़ोटोग्राफ़र हैं जिन्होंने कैमरे की कारीगरी यू-ट्यूब देखकर सीखी. वे कहती हैं कि उन्होंने ख़ुद ही इस विषय की पढ़ाई की. हालांकि, शुरुआती दिनों में उनके पिता ने उनकी इस काम में मदद की थी.
मुर्यू की तीन बहने हैं. उनका कोई भाई नहीं है और उनके पिता ने अपनी बेटियों को लड़कों की तरह पाला है, ताकि वे अपने समाज की पितृसत्तात्मक सोच में थोड़ा बदलाव देख सकें.
मुर्यू के पिता ने अपनी सभी बेटियों को सारी प्रैक्टिल चीज़ें सिखाईं. जैसे, उन्हें कार के टायर बदलना, बारबेक्यू करना और कैमरा इस्तेमाल करना सिखाया जो कीनिया में पुरुषों के शौक समझे जाते हैं.
मुर्यू के पिता ने अपने बेटी को फ़ोटोग्राफ़ी में करियर बनाने से कभी नहीं रोका. बल्कि शुरुआती दिनों में उसे बढ़ावा दिया.
वे कहती हैं कि फ़ोटोग्राफ़ी उनके लिए विज्ञान और कला का मिश्रण है.
उन्होंने अपनी बहन का मैग्ज़ीन कलेक्शन देखकर ही पेशेवर फ़ोटोग्राफ़ी शुरू की जो कीनिया में मुख्य रूप से लड़कों का पेशा है.
मुर्यू कहती हैं कि वे इस क्षेत्र में बहुत आगे जाना चाहती हैं. इसके लिए वे फ़ोटोग्राफ़रों के एक समूह का हिस्सा भी बनी हैं.
इसी ग्रुप के एक सीनियर फ़ोटोग्राफ़र के कहने पर मुर्यू ने यह कलात्मक सिरीज़ शुरू की. उनके अनुसार, साल 2015 में कैमो सिरीज़ की शुरुआत हुई थी.
वे बताती हैं, "शुरुआत में बात सिर्फ़ इन ख़ूबसूरत वस्त्रों को पेश करने तक थी. इसके लिए मैंने काली महिलाओं को जानकर चुना. पहली मॉडल जिसके साथ मैंने काम किया, उनके आगे के दाँतों के बीच गैप था जिसे स्थानीय संस्कृति में खूबसूरती का प्रतीक भी माना जाता है. मैं चाहती थी कि मेरी तस्वीरें अगर कोई दस साल की लड़की देखे, तो वो कहे कि ये मैं हूँ."
वे बताती हैं कि नैरोबी की दुकानों में फ़ोटोशूट के लिए कपड़े चुनना सबसे दिलचस्प काम था.
वे कहती हैं कि ये नया अफ़्रीका है. नई पीढ़ी जो अपने पुराने प्रिंट्स को पसंद करती है, लेकिन वो उन्हें पुराने ढंग से नहीं, बल्कि नये ढंगों से भी पहनकर देखना चाहती है.
मुर्यू के अनुसार, उनकी ये सिरीज़ अभी पूरी नहीं हुई है.
वे कहती हैं, "मैं अभी और काम करूंगी. मैं अपनी संस्कृति के सभी कपड़े और हेयरस्टाइल अपनी सिरीज़ में संजो लेना चाहती हूँ. इसके लिए अभी और आगे जाना होगा."
(सभी तस्वीरों पर थांडिवे मुर्यू का सर्वाधिकार सुरक्षित है.)