स्वाज़ीलैंड के राजा ने क्यों बदला देश का नाम?
दुनिया में बहुत कम ऐसे लोग हैं जो अपने देश का नाम बदल सकते हैं. उनमें से एक नाम है राजा मस्वाती का.
अफ्रीका के अंतिम साम्राज्य स्वाज़ीलैंड के राजा मस्वाती तृतीय ने बुधवार को अपने देश का नाम बदलकर 'द किंगडम ऑफ इस्वातिनी' रखने की घोषणा की है.
देश की आजादी के 50 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में राजा ने इसकी आधिकारिक घोषणा की.
दुनिया में बहुत कम ऐसे लोग हैं जो अपने देश का नाम बदल सकते हैं. उनमें से एक नाम है राजा मस्वाती का.
अफ्रीका के अंतिम साम्राज्य स्वाज़ीलैंड के राजा मस्वाती तृतीय ने बुधवार को अपने देश का नाम बदलकर 'द किंगडम ऑफ इस्वातिनी' रखने की घोषणा की है.
देश की आजादी के 50 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में राजा ने इसकी आधिकारिक घोषणा की.
नए नाम का मतलब
इस्वातिनी का मतलब है 'स्वाजियों की भूमि'. यह बदलाव अप्रत्याशित था, हालांकि राजा मस्वाती सालों से स्वाज़ीलैंड को इस्वातिनी कहते आ रहे थे.
साल 2017 में संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए और साल 2014 में देश के संसद के उद्घाटन के वक्त उन्होंने इस नाम का इस्तेमाल किया था.
देश का नाम बदले जाने से वहां के कुछ लोग खफा हैं. स्वाज़ीलैंड में बीबीसी संवाददाता नोम्स मसेको बताते हैं कि फैसले से खफा लोग चाहते हैं कि उनका राजा अपना ध्यान देश की सुस्त अर्थव्यवस्था को ठीक करने में लगाए.
सोभूज़ा द्वितीय के बेटे राजा मस्वाती की 15 बीवियां हैं. आधिकारिक रूप से उनकी बायोग्राफी लिखने वाले लोगों के मुताबित उनके पिता ने 82 सालों तक शासन किया. इस दौरान उनकी 125 बीवियां थीं.
यहां के लोग राजा को 'शेर' कह कर भी बुलाते हैं. वो बहुत सारी बीविया को रखने और अपने पारंपरिक परिधानों के लिए जाने जाते हैं.