भारत न अमेरिका, इजरायल मारेगा हाफिज सईद को!
इस्लामाबाद। अभी आपने पढ़ा (CLICK ON PREVIOUS) कि लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख हाफिज सईद अब फिलिस्तीन के गाजा तक पहुंच चुका है। यहां भी उसने फलाह-ए-इंसानियत के नाम से चैरिटी का नाटक शुरू कर दिया है। लेकिन अब जानिए कि आखिर ऐसा क्या होगा कि भारत नहीं बल्कि इजरायल हाफिज सईद का खात्मा करेगा और क्यों?
इजरायल को नहीं किसी का भी खौफ
भारत में अक्सर इस तरह की आवाजें उठती हैं कि पीओके स्थित मुजफ्फराबाद में लश्कर और हाफिज सईद की ओर से जितने भी आतंकी कैंप चलाए जा रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जाए।
भारत कहीं न कहीं अक्सर अंतराष्ट्रीय समुदाय के दबाव की वजह से कार्रवाई करने में असफल रहता है। वहीं खुद अमेरिका भी अभी तक कई सुबूतों के बाद भी सईद और पाक के खिलाफ कुछ भी कहने या करने में असफल ही रहा है।
विशेषज्ञों की मानें तो इजरायल वह देश नहीं है जो कभी कुछ भी बर्दाश्त नहीं करता है और वह हाफिज सईद और उसकी हरकतों को भी नजरअंदाज नहीं करेगा।
इजरायल गाजा में सईद की ओर से चलाए जा रहे आतंकी कैंपों को खत्म करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। वह इस बात की भी परवाह नहीं करेगा कि अतंराष्ट्रीय समुदाय उसके बारे में क्या सोचता है।
इजरायली
सेना
के
लिए
गोल्डेन
चांस
साथ
ही
यह
बात
भी
कहीं
न
कहीं
सच
है
गाजा
में
सईद
का
दाखिल
होने
बाद
अब
इस
बात
के
संकेत
हैं
कि
उसके
लिए
अमेरिका
से
बच
पाना
अब
काफी
मुश्किल
हो
जाएगा।
सईद की गाजा में मौजूदगी मतलब इजरायली सेना के लिए मुसीबत और यह काफी अच्छा मौका है कि वह उसे खत्म करके उसके कैंपों और मॉड्यूल्स को भी खत्म कर दें। यह अमेरिका के लिए काफी असहज स्थिति होगी क्योंकि वह अभी तक पाकिस्तान के खिलाफ कोई भी कड़ा कदम नहीं उठा पाया है।
आतंकी मकसद के लिए चैरिटी करता सईद
अगर हाफिज सईद की ओर से चलाए जा रहे चैरिटी कामों पर ध्यान दिया जा तो वह पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान में इस तरह के कामों को अंजाम देता आ रहा है।
दरअसल इस चैरिटी के कामों की आड़ में वह कई आतंकी गतिविधियों का संचालन कर रहा है। सईद जिस जमात-उद-दावा का प्रमुख है वह चैरिटी के नाम पर फंड इकट्ठा करने का काम करती है। लश्कर की शाखा जेयूडी की वजह से इकट्ठा होने वाला सारा फंड आतंकी गतिविधियों के लिए प्रयोग में आता है।
इस संस्था को कुछ माह पहले अमेरिका की ओर से आतंकी संगठन घोषित किया जा चुका है। वहीं यूनाइटेड नेशंस बहुत पहले ही यह कदम उठा चुका है। जेयूडी पर बैन लगने के बाद उसने फलाह-ए-इंसानियत के साथ चैरिटी के लिए फंड इकट्ठा करना शुरू कर दिया है।
यह वही संगठन है जिसने पिछले शुक्रवार को उरी में आतंकी हमले को आर्थिक मदद देने के लिए फंड इकट्ठा किया था। आईबी अधिकारियों की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है।
क्यों परेशान है भारत
वहीं अगर भारतीय एजेंसियों की बात करें तो उनका कहना है कि इजरायली सेना या सरकार को इस तरह के मुद्दों पर किसी तरह की सलाह की कोई जरूरत नहीं होती। वह ऐसे मुद्दों को काफी बेहतरी के साथ हैंडल करने में माहिर हैं।
भारत इस बात को लेकर काफी परेशान हैं कि भारत में उन लोगों की मानसिकता बदल सकती है तो उसके संगठन में भर्ती होने की चाह रखते हैं। हो सकता है कि अगले कुछ दिनों में भारत से उसके संगठन के लिए होने वाली भर्ती में इजाफा हो जाए।
भारत में ऐसे कई लोग हैं जो खतरे के बावजूद उसके संगठन में शामिल होने की चाह रखते हैं और जो इजरायल का विरोध करते हैं।
गाजा के नाम पर आज कई लोगों की भर्ती की जाती है और अगर कश्मीर की बात करें तो वह दूसरे नंबर पर आता है। युवाओं में उन संगठनों के लिए काफी आकर्षण है जो किसी भी कीमत पर इजरायल को बर्बाद करने की चाह रखते हैं।
गाजा जाने का ख्वाहिशमंद था सईद
इस बात के संकेत बहुत पहले से ही मिल गए थे सईद किसी भी कीमत पर गाजा में दाखिल होने की कोशिश कर सकता है। पाक सेना के चीफ राहील शरीफ ने कुछ दिनों पहले कहा था कि दुनिया में शांति सिर्फ कश्मीर और फिलिस्तीन जैसे मुद्दों के सुलझने के बाद ही आ पाएगी। वहीं सईद खुद भी हमेशा फिलिस्तीन के मुद्दे पर काफी कुछ कुछ कहता रहा है।