डोनाल्ड ट्रंप से मीटिंग से पहले शी जिनपिंग ने किम जोंग उन को टिप्स देने बुलाया चीन!
बीजिंग। नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन के बीजिंग पहुंचने की खबर ने दुनिया में हलचल मचा दिया है। 2011 में नॉर्थ कोरिया के राष्ट्रपति बनने के बाद किम जोंग उन पहली बार किसी देश की यात्रा पर निकले हैं और इस सीक्रेट दौरे पर उनके साथ नॉर्थ कोरियाई प्रतिनिधि भी मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि किम जोंग उन अपने इस दौरे पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं, जहा नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर प्रोग्राम और यूएन प्रतिबंधों पर चर्चा संभव बताई जा रही है। वहीं, शी जिनपिंग दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार किसी विदेशी नेता (डिक्टेटर) से मुलाकात करेंगे। इस बीच मई में ट्रंप और किम जोंग उन की भी मुलाकात होनी है, लेकिन किम और शी मुलाकात कई सवाल खड़े कर रही है।
क्या शी ने बुलाया किम को?
साउथ कोरिया की कोशिशों के बाद, भले ही अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि नॉर्थ कोरिया और अमेरिका के बीच मीटिंग कहां पर होगी, लेकिन इतना तय माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच इसी साल मई में मीटिंग हो सकती है। शी और किम की मीटिंग को लेकर चीन में प्रसिद्ध इतिहासकार शेन झीहुआ ने कहा कि अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच मीटिंग की संभावनाओं को देखते हुए चीन थोड़ा सहमा हुआ है। क्योंकि कोरिया प्रायद्वीप में चीन अपने प्रभुत्व को बिल्कुल भी कम नहीं होना देखना चाहता है।' शी और किम के बीच अगर मुलाकात होती है, तो कोरियाई प्रायद्वीप में चीन अपनी भूमिका को फिर से चाहेगा। चीन चाहता है कि कोरियाई प्रायद्वीप में उनका भी दबदबा बना रहे।
कोरियाई प्रायद्वीप में तेजी से बदल रहा है घटनाक्रम
चीन लंबे समय से नॉर्थ कोरिया का सहयोगी और मित्रता की भूमिका में रहा है। अमेरिका और यूएन प्रतिबंधों को बावजूद भी चीन ने नॉर्थ कोरिया की हर संभव मदद की थी और किम जोंग उन भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ने के बाद बीजिंग से मदद मांगते रहे हैं। पिछले माह साउथ कोरिया में विंटर ओलंपिक गेम्स के दौरान नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के बीच कई बार डिप्लोमेटिक मीटिंग हुई थी। उसी के बाद नॉर्थ कोरिया ने अमेरिका से मीटिंग करने के प्रस्ताव को स्वीकार किया था। कोरियाई प्रायद्वीप में तेजी से घटनाक्रम को देखते हुए शी जिनपिंग ने किम जोंग उन को बीजिंग बुलाया है, ताकि इस क्षेत्र में अपना प्रभुत्व कम ना हो।
किम अब अर्थव्यवस्था पर फोकस करना चाहते हैं...
हालांकि, अभी तक आधिकारिक रूप से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि चीन और नॉर्थ कोरिया की इस मीटिंग का असल उद्देश्य क्या है और इस सीक्रेट दौरे वाली मीटिंग में कौन-कौन भाग लेने वाले हैं। अमेरिका और यूएन प्रतिबंधों को बाद नॉर्थ कोरिया की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ा है, हालांकि किम जोंग उन अपनी जनता से कह चुके हैं कि उन्होंने अपने अमेरिका पर अटैक करने के लिए मिसाइल बना ली है और वे अब अर्थव्यवस्था पर फोकस करने वाले हैं।
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