क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

जापान ने क्‍यों कहा नॉर्थ कोरिया के किम जोंग उन भरोसे के लायक नहीं, जानिए क्‍या हैं कारण

Google Oneindia News

नई दिल्ली। नॉर्थ कोरिया पर अमेरिकी और यूएन आर्थिक प्रतिबंधों का बाद किम जोंग उन ने अपने न्यूक्लियर टेस्ट को सस्पेंड करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। किम जोंग उन ने कहा कि उनके अंडरग्राउंड न्यूक्लियर टेस्ट साइट को बंद कर दिया जाएगा, जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने इस दुनिया के लिए एक गुड न्यूज बताया है। लेकिन, नॉर्थ कोरिया से सबसे ज्यादा खतरा महसूस कर रहे, जापान को अभी भी नहीं लगता कि किम जोंग उन अपने न्यूक्लियर साइट को बंद कर देगा। पिछले साल जापान सागर पर दो मिसाइलें लॉन्च करने वाले नार्थ कोरिया के दावों पर टोक्यो के विश्वास नहीं करने के कई कारण हैं।

1990 से वार्ता की कोशिश लेकिन हमेशा असफल

1990 से वार्ता की कोशिश लेकिन हमेशा असफल

जापान और नॉर्थ कोरिया ने रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए कई वार्ता हुई, लेकिन हर बार लगभग असफल रही है। 1990 में जापान ने सियोल के साथ रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए नॉर्थ कोरिया के साथ भी वार्ता शुरू की थी। सितंबर में 1990 में जापान का एक प्रतिनिधि मंडल नॉर्थ कोरिया से वार्ता के लिए प्योंगयांग पहुंचा। उस दौरान जापान के पूर्व डिप्टी प्राइम मिनिस्टर शीन कानेमारू और नॉर्थ कोरियाई लीडर किम ईल सुंग से प्राइवेट मीटिंग हुई। उस दौरान नॉर्थ कोरिया ने जापान से माफी मांगने और अपने औपनिवेशिक शासन के दौरान में हुए नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति की मांग की थी। हालांकि, जापान ने नॉर्थ कोरिया पर किए शासन (1910-45) के लिए माफी भी मांगी, लेकिन उसके बाद भी रिश्ते नहीं सुधरे।

मुआवजा मांगने पर जापान ने की मांग

मुआवजा मांगने पर जापान ने की मांग

1991 में वार्ता के दौरान, प्योंगयांग ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद और औपनिवेशिक काल में हुई "पीड़ा और हानि" के लिए जापान से मुआवजा मांगा। हालांकि, जापान ने जोर देते हुए कहा कि नॉर्थ कोरिया पहले द्विपक्षीय परमाणु निरीक्षण के सवाल पर साउथ कोरिया के साथ अपने मतभेदों को हल करें। वहीं, जापान ने अपने उन नागरिकों के बारे में जानकारी मांगी, जो 1960 में अपने कोरियाई पेरेंट्स के साथ नॉर्थ कोरिया चले गए थे। साथ ही जापान ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गिरफ्तार हुए, उन सैनिकों के बारे में भी जानकारी दें, जिन्हें सोवियत यूनियन ने गिरफ्तार कर उन्हें नॉर्थ कोरिया भेज दिया था। इसके अलावा, जापान का आरोप है कि उनके पश्चिमी तट से 1970 में 17 युवाओं को जासूस समझ कर नॉर्थ कोरिया ने गायब कर दिया था, जिस पर किम सरकार ने आज तक चुप्पी साध रखी है।

जापान अकेला नहीं पड़ना चाहता

जापान अकेला नहीं पड़ना चाहता

रूस और चीन हमेशा से ही नॉर्थ कोरिया के दोस्त रहे है, जिसे जापान अपना खतरा मानता है। वहीं, साउथ चाइना सी में चीन और जापान को सबसे ज्यादा बार आमने सामने होते देखा गया है। इस बीच जापान को लगता है कि अगर नॉर्थ कोरिया के दावे पर अमेरिका भरोसा करता है, तो उनको दी जाने वाली सैन्य सहायता में वॉशिंगटन कटौती कर सकता है। नॉर्थ कोरिया और चीन के बढ़ते खतरे के खिलाफ जापान ने हमेशा आवाज उठाई है, जिसके बाद अमेरिका को अपने सहयोगी देश के साथ खड़े होते देखा गया है। इस बीच कोरियाई प्रायद्वीप में पनपा यह नया डिवेलपमेंट जापान को थोड़ा अकेला महसूस जरूर कराएगा, जिसे शिंजो आबे बिल्कुल नहीं चाहते।

नॉर्थ कोरिया क्यों न्यूक्लियर प्रोग्राम छोड़ना चाहेगा

नॉर्थ कोरिया क्यों न्यूक्लियर प्रोग्राम छोड़ना चाहेगा

शिकागो यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर कार्यक्रम के सह-निदेशक जॉन मिर्सहाइमर कहते हैं कि नॉर्थ कोरिया क्यों अमेरिका पर विश्वास कर अपने परमाणु महत्वाकांक्षाओं को त्यागने का मन बनाएगा। मिर्सहाइमर की मानें तो, 'नॉर्थ कोरिया अपने परमाणु हथियार छोड़ने वाला नहीं है। इसका कारण यह है कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में आप कभी भी किसी पर भरोसा नहीं कर सकते, क्योंकि आप निश्चित नहीं हो सकते कि उनके इरादे क्या हैं।' मिर्सहाइमर के अनुसार, नॉर्थ कोरिया जैसा मुल्क अमेरिका और खासकर डोनाल्ड ट्रंप जैसे शख्स पर भरोसा बिल्कुल नहीं कर सकता।

Comments
English summary
Why Japan doesn't believe on North Korea's abandon its nuclear ambitions, 4 reasons
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X