बर्गर किंग के नए विज्ञापन पर क्यों मचा है हंगामा?
बर्गर किंग ने गायों के आहार को लेकर एक वीडियो विज्ञापन बनाया है जिससे अमरीका के किसान खासा नाराज़ हैं. ये विज्ञापन यूट्यूब पर ट्रेंड कर रहा है.
फ़ास्ट फ़ूड चेन बर्गर किंग ने एक नया विज्ञापन जारी किया है, जिसमें अमरीकी किसानों को गाय के खान-पान में बदलाव लाने की सलाह दी गई है ताकि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम किया जा सके. इस विज्ञापन को लेकर अब विवाद हो रहा है.
इस विज्ञापन में कॉउबॉय हैट में बच्चों को दिखाया गया है, जो गाय के ग्लोबल वॉर्मिग पर असर और कैसे वह मीथेन गैस के उत्सर्जन पर असर डालती हैं, ये बता रहे हैं.
बर्गर किंग का दावा है कि गाय के खाने में लेमनग्रास का सेवन उनके पाचन तो बेहतर बनाता है और भारी मात्रा में मीथेन का उत्सर्जन कम होता है.
वहीं,किसानों का कहना है कि ये विज्ञापन '’ पाखंड और तुच्छ दिखाने की मानसिकता '’ से भरा है.
ये विज्ञापन यूट्यूब पर ट्रेंड कर रहा है और अब तक 20 लाख लोगों ने इसे देखा है. लोग इस विज्ञापन का मज़ाक उड़ा रहे हैं और कई इस ब्रांड से अपने संबंध ख़त्म करने की बात भी कह रहे हैं.
cow farts & burps are no laughing matter. they release methane, contributing to climate change. that’s why we’re working to change our cows’ diet by adding lemongrass to reduce their emissions by approximately 33%. learn about our ongoing study: https://t.co/kPCXpjfbGL #CowsMenu pic.twitter.com/DnmF8gVVL0
— Burger King (@BurgerKing) July 14, 2020
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कुछ वैज्ञानिकों ने बर्गर किंग की आलोचना ये कहते हुए की है कि विज्ञापन का संदेश गायों की डकार की जगह फार्ट कम करने पर फ़ोकस है.
यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया डेविस में एनिमल साइंस के प्रोफ़ेसर फ्रैंक मिट्लॉनर ने इस विवाद पर ट्विट किया, '’ये बेहद निशानाजनक है कि कंपनी एक ऐसे अध्ययन का प्रचार कर रही है जो अभी पूरा नहीं हुआ है और फार्ट पर फ़ोकस है बल्कि गायों की डकार इससे कई ज्यादा बड़ी समस्या है.’’
उन्होंने लिखा, '’ज़्यादातर मीथेन गैस पशुओं की डकार से निकलती है. लेकिन यहाँ इस गंभीर मुद्दे को मज़ाक बना दिया गया.'’
IT'S. NOT. THE. COW. FARTS.
Nearly all enteric methane from cattle is from belching. Suggesting otherwise turns this serious climate topic into a joke.Reducing methane is a HUGE opportunity. That should be a goal. But we shouldn't trivialize it for trendy marketing. #COWSMENU https://t.co/BjZMsWACUb
— Frank Mitloehner (@GHGGuru) July 14, 2020
नेशनल कैटलमेन बीफ़ एसोसिएशन समूह, ने भी इस मुद्दे पर कहा है कि बर्गर किंग "भ्रामक जनसंपर्क अभियान के ज़रिए उपभोक्ताओं को लुभाने" की कोशिश कर रहा है.
दूसरी ओर इन आलोचनाओं के बीच बर्गर किंग ने कहा, "वो ऐसे मुद्दे पर प्रकाश डालना चाहता है जो व्यापार और इंडस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण हैं." अपने विज्ञापन के बचाव में उन्होंने कहा कि वह इस अध्ययन के संभावित परिणामों पर डेटा भी पेश करेंगे.’’
'’हमारा 'काऊ मेन्यू’ कैंपेन जलवायु परिवर्तन की परेशानियों का शॉट-टर्म हल नहीं देता बल्कि इसका असर भविष्य में नज़र आएगा. हमारे इस कैंपेन पर हमें ज़्यादातर प्रतिक्रियाएं सकारात्मक ही मिली हैं. '’
जलवायु परिवर्तन पर ख़ास ध्यान
ये विज्ञापन बर्गर किंग के स्वामित्व वाली कंपनी रेस्तरां ब्रांड्स इंटरनेशनल (RBI) ने जारी किया गया.
बर्गर किंग पर पिछले साल से दबाव था, क्योंकि उपभोक्ता के बीच स्वास्थ्य और जलवायु प्रभाव को लेकर जागरूकता के कारण बीफ़ की खपत में तेज़ी से कमी आ रही है
फास्ट फूड चेन ने कहा कि वह अपने फ़ूड प्रोडक्ट से होने वाले जलवायु प्रभाव से निपटने के लिए '’समाधान" खोजने की कोशिश कर रहा है.
आरबीआई ने मवेशियों के लिए एक नया आहार विकसित करने के लिए कई वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम किया. आरबीआई की रिसर्च कहती है कि गायों को तीन से चार महीने 100 ग्राम सूखे लेमनग्रास खिलाने से मीथेन उत्सर्जन औसतन 33% तक कम हो जाएगा है.
ये नए डायट वाले बीफ़ बर्गर इस महीने से कुछ चुनिंदा अमरीकी शहरों में बर्गर किंग रेस्तरां में उपलब्ध होंगे.
मवेशियों को पालने वाली मिशेल मिलर ने सोशल मीडिया पर अपने फॉलोअर्स से इस फ़ूड चेन ब्रांड को बायकॉट करने को कहा है.
Fire your marketing team, @BurgerKing. You've lost my business & everyone else responding to your disgusting, ludicrous ad. @Aginspirations @AGDAILYMedia @BuildUpRDNs @foodscibabe @drdairy50 @drsplace @beefrunner @petefarmbros @BeefCheckoff @KnowIdeasMedia @farmdaughterusa https://t.co/W4iTkSe5j6
— Farm Babe (@thefarmbabe) July 14, 2020
लेमनग्रास रिसर्च से जुड़े यूसी डेविस की प्रोफ़ेसर एर्मियास केबरेब ने बीबीसी को बताया कि अब तक के परिणाम आशाजनक रहे हैं, लेकिन स्टडी अभी भी जारी है.
इस ऐड पर उन्होंने कहा कि वह वीडियो के लहजे से हैरान और चिंतित हैं क्योंकि जिस तरह से इसे पेश किया गया है उससे किसानों की राय बँट सकती है.
'’अध्ययन का वैज्ञानिक आधार वास्तव में मज़बूत है, लेकिन वीडियो के लहजे से बहुत सारे लोग, विशेषकर किसान समुदाय के लोग ख़ुश नहीं हैं’’
अमरीका के खाद्य और कृषि विभाग के मुताबिक़ मवेशियों जैसे गाय, सूअर, भेड़ आदि से सबसे ज्यादा ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन होता है. ये आँकड़ा 14.5% है, और इनमें भी सबसे अधिक गाय-बैलों से होता है.
मवेशियों की किसान मिलर कहती हैं कि किसान उत्सर्जन को कम करने के लिए अपने हिस्से का काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन मवेशियों को बड़ी समस्याओं को छिपा कर बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
ऐड में बच्चों को एक गैस मास्क पहना हुआ दिखाया गया है, मिलर इस पर आपत्ति जताती हैं. वह कहती हैं, '’इससे लोगों में एक तरह का डर पैदा किया जा रहा है. '’
वह कहती हैं कि कंपनी को रिसर्च का प्रचार-प्रसार करने के लिए दूसरे तरीक़ों का इस्तेमाल करना चाहिए और वीडियो को वापस लेना चाहिए.