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मौलाना की गिरफ़्तारी के बाद क्यों सुलग रहा है पाकिस्तान?

तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पार्टी के नेता साद हुसैन रिज़वी की गिरफ़्तारी के बाद देश के कई शहरों में व्यापक हिंसा और प्रदर्शन

By शुमायला जाफ़री
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तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के कार्यकर्ताओं ने देश में प्रदर्शन किया है
EPA
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के कार्यकर्ताओं ने देश में प्रदर्शन किया है

पाकिस्तान में धार्मिक नेता साद हुसैन रिज़वी और उनके कई सहयोगियों की गिरफ़्तारी के बाद देश के कई हिस्सों में तनाव है. इसी बीच पुलिस ने साद रिज़वी समेत तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पार्टी (टीएलपी) के कई नेताओं के ख़िलाफ़ आतंकवाद रोधी क़ानून के तहत मुकद़मा दर्ज कर लिया है.

लाहौर पुलिस ने तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान के मुखिया साद हुसैन रिज़वी और दूसरे नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं पर पाकिस्तान दंड संहिता की अलग-अलग धाराओं, आतंकवाद विरोधी क़ानून और लोक व्यवस्था अध्यादेश के तहत मामला दर्ज किया है.

ये मामला पुलिस की तरफ से दी गई शिकायत पर लाहौर के शाहदरा टाउन थाने में दर्ज हुआ है. साद रिज़वी के अलावा काज़ी महमूद रिज़वी, पीर सैयद ज़हीर अल हसन शाह, मेहर मुहम्मद क़ासिम, मोहम्मद एजाज़ रसूल, पीर सैयद इनायत अली शाह, मौलामा ग़ुलाम अब्बास फ़ैज़ी, मौलाना ग़ुलाम ग़ौस बग़ददादी का नाम भी रिपोर्ट में दर्ज है. इसके अलावा पाकिस्तान की इस धार्मिक पार्टी के अज्ञात कार्यकर्ताओं पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है.

एफ़आईआर में कहा गया है कि इन लोगों ने पूरे पाकिस्तान में लोगों को हिंसा करने और जाम लगाने के लिए उकसाया. इसके लिए लाउडस्पीकर से ऐलान करने और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के आरोप भी लगाए गए हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने नेताओं की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं ने जान लेने के इरादे से पत्थरबाज़ी की और पुलिसकर्मियों पर हमले किए. एफ़आईआर के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिसकर्मियों को पीटा और सिपाही मोहम्मद अफ़ज़ल की मौत हो गई.

सोमवार को पाकिस्तानी पुलिस ने साद रिज़वी को गिरफ़्तार कर लिया था. इसके बाद से ही देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं जिससे कई इलाक़ों में जनजीवन भी प्रभावित हुआ है.

साद रिज़वी की गिरफ़्तारी के बाद इस्लामाबाद और रावलपिंडी में प्रदर्शनस्थलों पर इंटरनेट भी बंद कर दिया गया था. वहीं गुजरांवाला में प्रदर्शनकारियों पर काबू करने के लिए पुलिस की कबड्डी टीम को भी बुलाया गया था.

पुलिस ने टीएलपी के कई कार्यकर्ताओं को भी गिरफ़्तार किया है
Getty Images
पुलिस ने टीएलपी के कई कार्यकर्ताओं को भी गिरफ़्तार किया है

साद रिज़वी की गिरफ़्तारी के बाद शुरू हुए प्रदर्शनों से सबसे ज़्यादा प्रभावित लाहौर ही रहा है. बीबीसी संवाददाता शहज़ाद मलिक के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री शेख राशिद अहमद के नेतृत्व में इस्लामाबाद में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदर्शनों से प्रभावित राष्ट्रीय राजमार्गों को खोलने का फैसला लिया गया है.

इस बैठक में प्रदर्शनों के बाद पैदा हुए सुरक्षा हालातों पर भी चर्चा की गई है. इसमें पंजाब के पुलिस प्रमुख और मुख्य सचिव वीडियो लिंक के ज़रिए शामिल हुए थे. धार्मिक मामलों के मंत्री नूर उल हक़ क़ादरी भी इस बैठक में शामिल रहे.

इस बैठक के बाद गृहमंत्री ने कहा कि गिरफ़्तार किए गए लोगों को रिहा नहीं किया जाएगा. सोशल मीडिया पर घायल पुलिसकर्मियों के अपुष्ट वीडियो भी शेयर किए जा रहे हैं. वहीं प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट भी बंद कर दिया है.

पाकिस्तान में कहां-कहां क्या-क्या हो रहा है

इस्लामाबाद

हिंसक प्रदर्शन
Getty Images
हिंसक प्रदर्शन

इस्लामाबाद और रावलपिंडी के कई इलाक़ों में प्रदर्शन की रिपोर्टें हैं. संवाददाता शहज़ाद मलिक के मुताबिक फ़ैज़ाबाद और भारा काहू इलाक़ों में प्रदर्शन हुए हैं. पुलिस ने आम लोगों से परिवर्तित रूटों पर सफर करने के लिए कहा है.

ट्रैफ़िक पुलिस के मुताबिक मरी रोड पर कई जगह प्रदर्शन हुआ है जिससे जाम की स्थिति हो गई. हालात काबू करने के लिए पुलिस के जवानों के अलावा रेंजर भी तैनात किए गए हैं.

इस्लामाबाद का अथल चौक भारा काहू इलाक़ा पूरी तरह बंद रहा. सौ से अधिक कार्यकर्ता सड़कों पर डटे रहे. उग्र प्रदर्शनकारी नारेबाज़ी कर रहे थे और मंच से उत्तेजक भाषण दे रहे थे. रिपोर्टों के मुताबिक कई जगह हाथों में लाठी लिए लोगों ने सड़कें जाम की हैं.

पेशावर

शहर के रिंग रोड पर टीएलपी के समर्थकों ने प्रदर्शन किए. हालांकि बाद में नेशनल हाइवे को खोल दिया गया.

गुजरांवाला

प्रदर्शनकारी
Getty Images
प्रदर्शनकारी

यहां रह-रहकर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें होती रहीं. पुलिस ने लाठीचार्ज के बाद शहर के चंदा क़िला चौक को खाली कराया. इस्लामाबाद से लाहौर जाने वाले वाहन जीटी रोड पर इसी चौक से होकर गुज़रते हैं. गुजरांवाला पुलिस के मुताबिक पुलिस की कबड्डी टीम के ख़िलाड़ियों को भी भीड़ से निबटने के लिए बुलाया गया था.

प्रदर्शनकारियों ने कबड्डी खिलाड़ियों पर भी पत्थरबाज़ी की है. हालांकि पुलिस ने दावा किया है कि चंदा क़िला चौक को खाली करा लिया गया था.

लाहौर

यहां पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला है. इसमें लाहौर पुलिस की डॉलफ़िन फ़ोर्स और इलीट फ़ोर्स के जवानों ने भी हिस्सा लिया. टीएलपी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शनों की वजह से शहर के कम से कम 17 इलाक़े बंद हैं.

यतीमख़ाना चौक से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. बीबीसी संवाददाता उमर दराज़ नांगियाना के मुताबिक यहां पुलिस ने कई मदरसों और टीएलपी नेताओं के घरों पर छापेमारी की है. गिरफ्तारी से बचने के लिए कई कार्यकर्ता घरों से भाग गए हैं.

कराची

संवाददाता रियाज़ सोहैल के मुताबिक शहर के कई इलाक़ों में टीएलपी कार्यकर्ता धरनों पर बैठे हैं. हालांकि पुलिस की तरफ से लाठीचार्ज और आंसूगैस के गोले छोड़े जाने के बाद कई जगह प्रदर्शन ख़त्म हो गए हैं.

बलोचिस्तान

संवाददाता मोहम्मद काज़िम के मुताबिक सोमवार से शुरू हुए प्रदर्शन चल रहे हैं. क्वेटा-कराची हाइवें को खुज़दार शहर में बंद कर दिया गया है जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है.

कराची के पास हब इलाके में भी कार्यकर्ताओं ने क्वेटा-कराची हाईवे को जाम कर दिया है. डेरा जमाल मुराद इलाक़े में भी क्वेटा-जैकबाबाद रोड को जाम कर दिया गया था जिसे पुलिस ने बाद में खाली करा लिया.

क्यों गिरफ़्तार हुए साद रिज़वी?

पुलिस ने रिज़वी को हिरासत में लेने के बाद कोई कारण नहीं बताया था. साद रिज़वी ईशनिंदा विरोधी फ़ायरब्रांड धर्मगुरू ख़ादिम हुसैन रिज़वी के बेटे हैं.

हालांकी तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के नेता पुलिस के इस क़दम को 20 अप्रैल को प्रस्तावित इस्लामाबाद मार्च को रोकने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं.

साद रिज़वी जब एक दफ़न में शामिल होने जा रहे थे तब उन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया. जैसे ही उनकी गिरफ़्तारी की ख़बर फैली तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन शुरू कर दिए.

प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं?

टीएलपी पाकिस्तान सरकार से फ़्रांस के राजदूत को देश से निकालने की मांग कर रही है
AFP
टीएलपी पाकिस्तान सरकार से फ़्रांस के राजदूत को देश से निकालने की मांग कर रही है

पाकिस्तान की केंद्रीय सरकार ने तहरीक-ए-लब्बैक के पूर्व प्रमुख ख़ादिम हुसैन रिज़वी के साथ 16 नवंबर 2020 को चार सूत्रीय समझौता किया था. ख़ादिम फ्रांस के राजदूत को देश से निकालने की मांग कर रहे थे. सरकार ने वादा किया था कि वो इस मुद्दे को संसद के सामने ले जाएगी और जैसा संसद में तय होगा वैसा किया जाएगा. ये समझौता ख़ादिम हुसैन रिज़वी को इस्लामाबाद की तरफ मार्च करने से रोकने के लिए किया गया था.

जब इस समझौते का पालन नहीं हुआ तो पार्टी ने सरकार के साथ फ़रवरी 2021 में एक और समझौता किया. इसके तहत टीएलपी ने पाकिस्तान सरकार को फ्रांसीसी राजदूत को वापस भेजने के लिए 20 अप्रैल तक का समय दिया है.

कौन हैं साद रिज़वी?

मौलाना ख़ादिम हुसैन रिज़वी का बीते साल निधन हो गया था
AFP
मौलाना ख़ादिम हुसैन रिज़वी का बीते साल निधन हो गया था

ख़ादिम रिज़वी का पिछले साल निधन हो गया था. उनकी पार्टी की 18 सदस्यीय समिति ने उनके बेटे साद हुसैन रिज़वी को नया प्रमुख चुन लिया है.

ख़ादिम रिज़वी के बेटे साद रिज़वी ने अपने पिता के मिशन को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है. वो इस समय अपने पिता के बनाए मदरसे में दर्स निज़ामी के अंतिम वर्ष के छात्र हैं. इस्लामी शिक्षा में ये डिग्री स्नातकोत्तर के बराबर होती है.

BBC Hindi
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English summary
Why is Pakistan burning after Maulana Saad Rizvi's arrest
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