क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

हाफ़िज़ सईद को इस वक़्त क्यों सुनाई जा रही है सज़ा?

2008 के मुंबई हमलों के कथित मास्टरमाइंड हाफ़िज़ मोहम्मद सईद जेल में हैं मगर इस मामले में पाकिस्तान में चल रहे मुक़दमों में उनका नाम शामिल नहीं है.

By इबादुल हक़
Google Oneindia News
हाफ़िज़ मोहम्मद सईद
Getty Images
हाफ़िज़ मोहम्मद सईद

प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा के लीडर हाफ़िज़ मोहम्मद सईद इस वक़्त जेल में अपनी सज़ा काट रहे हैं.

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अलग-अलग शहरों में हाफ़िज़ मोहम्मद सईद के ख़िलाफ़ सात केस दर्ज हैं.

इनमें से अब तक तीन मामलों में उन्हें सज़ा मिल चुकी है.

अमेरिका और भारत लंबे समय से 2008 के मुंबई हमलों के कथित मास्टरमाइंड हाफ़िज़ मोहम्मद सईद को गिरफ़्तार करने और उनके ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने की माँग कर रहे थे.

इस हमले में 160 लोगों की मौत हो गई थी. पिछले 20 साल के दौरान उन्हें कई बार हिरासत में लेकर नज़रबंद रखा गया. लेकिन कभी मुक़दमा नहीं चलाया गया. हर बार वह छोड़ दिए गए.

अमेरिका में 9/11 के हमलों के बाद पाकिस्तान सरकार ने उन्हें कई बार गिरफ़्तार किया है. कई बार वह नज़रबंद रखे गए.

पहली बार उन्हें, तब नज़रबंद किया गया जब भारत सरकार ने 2001 में उन्हें अपनी संसद पर हमले की साज़िश रचने का ज़िम्मेदार क़रार दिया.

मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड

सईद पर 2008 में हुए मंबई अटैक का मास्टरमाइंड होने का आरोप है
Getty Images
सईद पर 2008 में हुए मंबई अटैक का मास्टरमाइंड होने का आरोप है

भारत सरकार ने इसके बाद उन्हें 2006 में मुंबई में हुए ट्रेन बम विस्फोट का मास्टरमाइंड क़रार दिया.

2008 और 2009 के बीच उन्हें कई बार गिरफ़्तार कर नज़रबंद रखा गया. कहा गया कि मुंबई हमले में लश्कर-ए-तैय्यबा का हाथ है. इसकी कमान हाफ़िज़ मोहम्मद सईद के हाथों में है. लिहाज़ा वही इसके मास्टरमाइंड हैं.

लेकिन हर बार, जब भी भारत ने आरोप लगाए, पाकिस्तानी सरकार ने हाफ़िज़ मोहम्मद सईद के ख़िलाफ़ आरोप दर्ज नहीं किए. इसके बजाय वह अदालत में उनकी नज़रबंदी बढ़ाने की दरख़्वास्त करती रही.

अदालत ने आख़िरकार इन दरख़्वास्तों को ख़ारिज कर उन्हें रिहा कर दिया. लेकिन जुलाई, 2019 में उन्हें गुजरांवाला में अदालत जाने के वक़्त रास्ते में रोक लिया गया. आतंकवादी निरोधक पुलिस की एक टीम ने उन्हें लाहौर से 50 किलोमीटर उत्तर कामोक टोल प्लाजा पर गिरफ़्तार कर लिया.

इस साल फ़रवरी में, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स यानी FATF की एक प्रमुख बैठक से कुछ दिनों पहले जमात-उद-दावा के चीफ हाफ़िज़ सईद को साढ़े पांच साल की जेल की सज़ा सुनाई गई. लाहौर के एंटी टेररिज्म कोर्ट ने उन्हें दोनों सज़ाएं साथ-साथ दीं. उन पर आतंकवाद निरोधक क़ानून के तहत मुक़दमा चलाया गया था.

भारत को उनकी कई वर्षों से तलाश है. सईद का नाम संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका की ग्लोबल टेररिस्ट लिस्ट में है. उन पर एक करोड़ डॉलर का ईनाम है. सईद की गिरफ़्तारी पर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया, "दस वर्षों की तलाश के बाद आख़िर मुंबई आतंकी हमलों के तथाकथित ''मास्टर माइंड'' को गिरफ़्तार कर लिया गया. पिछले दो साल से उन्हें तलाश कर गिरफ़्तार करने का बहुत अधिक दबाव डाला जा रहा था.".

पुलवामा हमले के बाद पाबंदी

हाफ़िज़ मोहम्मद सईद
Getty Images
हाफ़िज़ मोहम्मद सईद

फ़रवरी, 2019 में भारत के जम्मू-कश्मीर के पुलवामा ज़िले में हमले के बाद पाकिस्तान ने हाफ़िज़ सईद के जमात-उद-दावा और इसके चैरिटी विंग फ़लाह-ए-इंसानियत फ़ाउंडेशन समेत देश के कई चरमपंथी संगठनों पर बैन लगाने का ऐलान किया था.

इसके बाद सरकार ने इन संगठनों के ख़िलाफ़ कड़े अभियान चलाए थे. इसके तहत जमात-उद-दावा के शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले लिया गया और उनके ख़िलाफ़ मुक़दमे दर्ज कर दिए गए. पंजाब के कई शहरों में हाफ़िज़ सईद के ख़िलाफ़ केस दर्ज किए गए. उन पर प्रतिबंधित संगठन की सदस्यता रखने और उसके लिए फ़ंड इकट्ठा करने के आरोप में मुक़दमे दर्ज किए गए थे.

जुलाई, 2019 में गिरफ़्तारी के बाद सईद के ख़िलाफ़ तुरंत सुनवाई हुई. दिसंबर में उन्हें दोषी ठहराया गया और दो महीनों के अंदर सज़ा सुना दी गई.

सईद पर प्रतिबंधित संगठन के कामकाज के लिए धन मुहैया कराने और जमात-उद-दावा जैसे प्रतिबंधित संगठनों के लिए संपत्ति रखने का आरोप लगाया गया था.

अमेरिका ने उनकी गिरफ्तारी का समर्थन किया. ट्रंप प्रशासन ने ट्वीट करते हुए कहा, "आज हाफ़िज़ सईद और उसके सहयोगियों को सज़ा सुनाया जाना लश्कर-ए-तैय्यबा को उसके अपराधों के लिए ज़िम्मेदार ठहराए जाने की ओर अहम क़दम है. साथ ही यह पाकिस्तान के लिए भी अहम क़दम है क्योंकि वह टेरर फ़ाइनेंसिंग को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पालन करता हुआ दिख रहा है".

हाफ़िज़ सईद के ख़िलाफ़ मामले

हाफ़िज़ मोहम्मद सईद
Getty Images
हाफ़िज़ मोहम्मद सईद

पंजाब की अलग-अलग अदालतों में हाफ़िज़ सईद के ख़िलाफ़ सात केस दर्ज हैं. लाहौर में उनके ख़िलाफ़ दो केस दर्ज हुए थे. दो केस गुजरांवाला, दो साहिवाल और एक मुल्तान में दर्ज था.

हाफ़िज़ सईद को अब तक तीन अलग-अलग मामलों में 21 साल की जेल की सज़ा सुनाई जा चुकी है.

इस साल फ़रवरी में जमात-उद-दावा के चीफ़ को दो मामलों में (दोनों में साढ़े पांच-पांच साल) की सज़ा सुनाई गई थी. लाहौर और गुजरांवाला के मामलों में उन्हें एक स्पेशल एंटी टेररिज्म कोर्ट ने ये सज़ा सुनाई थी.

कुछ दिनों पहले लाहौर के उसी एंटी टेररिज्म कोर्ट ने एक अलग केस में लगभग उसी तरह आरोप में सईद को सज़ा सुनाई थी. तीसरे केस में उन्हें कुल साढ़े दस साल की सज़ा सुनाई गई. उनके ख़िलाफ़ चार अन्य मामलों में फ़ैसला सुनाया जाना बाक़ी है.

हालांकि मुंबई हमले के दोषियों के ख़िलाफ़ पाकिस्तानी अदालतों में जो मुक़दमे चल रहे हैं, उनमें अभी तक सईद का नाम नहीं आया है.

पाकिस्तान का दावा है कि मुंबई हमलों से जुड़े मुक़दमों में आगे की सुनवाई भारत के असहयोग की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रही है. उसका कहना है कि पाकिस्तानी पक्ष की ओर से गवाहों से पूछताछ पूरी हो चुकी है. भारत की ओर से इन गवाहों की पूछताछ होनी है. पाकिस्तान सरकार ने इसके लिए भारत सरकार से कई बार अनुरोध किया है, लेकिन उसने अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं दिया है.

हाफ़िज़ के ख़िलाफ़ अब क्यों सुनाई जा रही सज़ा?

विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान पर इस वक़्त फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स यानी FATF का दबाव है. उसकी बात मानने के अलावा पाकिस्तान के पास और कोई चारा नहीं है. यही वजह है कि पाकिस्तान की ओर से सईद के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है.

जून, 2018 में फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को अपनी 'ग्रे' लिस्ट में डाल दिया था. जो देश कालेधन और टेरर फाइनेंसिंग को रोकने के FATF के मानक नहीं अपनाते, उन्हें 'ग्रे' लिस्ट में डाल दिया जाता है.

इसके बाद पाकिस्तान ने अपने ऊपर संभावित अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचने के लिए चरमपंथी गतिविधियों में लिप्त कई संदिग्धों को गिरफ़्तार किया. साथ ही प्रतिबंधित संगठनों की सैकड़ों संपत्तियों को अपने क़ब्ज़े में ले लिया या फिर उन्हें सील कर दिया.

राजनीतिक टिप्पणीकारों का कहना है कि जमात-उद-दावा के चीफ हाफ़िज़ सईद की गिरफ़्तारी और उनके ख़िलाफ़ सज़ा सुनाया जाना पाकिस्तान की इसी स्ट्रेटजी का हिस्सा है.

पाकिस्तान इस वक़्त गहरे आर्थिक संकट में फँसा हुआ है. पाकिस्तान को कहा गया है कि अगर उसे 'ग्रे' लिस्ट से हटना तो टेरर फाइनेंसिंग और काले धन के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी होगी.

इसके लिए फ़रवरी तक का वक़्त दिया गया है. बगैर 'ग्रे' लिस्ट से हटे पाकिस्तान को मिलने वाली अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मदद रुक जाएगी.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Why is Hafiz Saeed being heard at this time?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X