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ईरान की इकलौती महिला ओलंपिक मेडल विनर को क्यों छोड़ना पड़ा देश

ईरान की इकलौती महिला ओलंपिक पदक विजेता किमिया अलीज़ादेह ने देश छोड़ने का फ़ैसला लिया है. 21 साल की किमिया ने इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा है जिसके मुताबिक़ वह ईरान में, 'पाखंड, झूठ, अन्याय और चापलूसी' का हिस्सा नहीं बनाना चाहती हैं. उन्होंने ख़ुद को ईरान की लाखों सताई हुई महिलाओं में एक माना है. किमिया इस वक़्त कहां हैं

By BBC News हिन्दी
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किमिया अलीज़ादेह
EPA
किमिया अलीज़ादेह

ईरान की इकलौती महिला ओलंपिक पदक विजेता किमिया अलीज़ादेह ने देश छोड़ने का फ़ैसला लिया है.

21 साल की किमिया ने इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा है जिसके मुताबिक़ वह ईरान में, 'पाखंड, झूठ, अन्याय और चापलूसी' का हिस्सा नहीं बनाना चाहती हैं.

उन्होंने ख़ुद को ईरान की लाखों सताई हुई महिलाओं में एक माना है. किमिया इस वक़्त कहां हैं, इसके बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन ईरानी मीडिया की ख़बरों में कहा जा रहा है कि वह ट्रेनिंग के सिलसिले में नीदरलैंड्स में हो सकती हैं.

उन्होंने 2016 के रियो ओलंपिक में ताइक्वांडो में कांस्य पदक जीतकर ईरान के लिए इतिहास रचा था.

अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा है कि ईरान के अधिकारियों ने उनकी कामयाबी को अपने प्रोपगैंडा के लिए इस्तेमाल किया.

किमिया ने ईरान छोड़ने का फ़ैसला तब लिया है जब ईरान में भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है, बुधवार को यूक्रेन के एक यात्री विमान को ग़लती से मिसाइल से मार गिराने और अगले दो दिनों तक इससे इनकार करने के चलते ईरान की जनता सड़कों पर उतरकर अपनी सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही है.

इसके अलावा ईरान और अमरीका के बीच संघर्ष की स्थिति बनी हुई है.

अधिकारियों ने किया अपमान

किमिया ने अपनी सोशल पोस्ट में लिखा है, "मैं ईरान की लाखों सताई गई महिलाओं में से एक हूं जो सालों तक देश के लिए खेलती रही हूं. अधिकारियों ने जो भी कहा मैं उसे मानती रही. हर आदेश का पालन किया है, लेकिन उनके लिए हममें से कोई भी अहमियत नहीं रखता. हम उनके लिए केवल इस्तेमाल होने वाले हथियार भर हैं."

किमिया अलीज़ादेह ने ये भी लिखा है कि सरकार उनकी कामयाबी को राजनीतिक तौर पर भुनाती रही लेकिन अधिकारी उनका अपमान करते रहे. उन्होंने यह बताया है कि अधिकारी उनपर कमेंट करते थे, "किसी महिला के लिए अपने पैरों को स्ट्रेच करना पुण्य का काम नहीं है."

अलीज़ादेह ने इससे भी इनकार किया है कि उन्हें यूरोप से कोई आकर्षक प्रस्ताव मिला है और ना ही उन्होंने यह बताया है कि वह कहां जाएंगी.

पिछले सप्ताह जब उनके ग़ायब होने की ख़बर आई थी तब ईरान के लोगों ने झटका लगने जैसी प्रतिक्रियाएं दी थीं.

ईरान
AFP
ईरान

ईरान के राजनेता अब्दुलकरीम हुसेनज़ादेह ने मानव संसाधन के देश छोड़ने के लिए अयोग्य अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहराया था.

बीते गुरुवार को ईरान की समाचार एजेंसी इसना की एक रिपोर्ट में कहा गया, "ईरानी ताइक्वांडो को झटका. किमिया अलीज़ादेह नीदरलैंड्स में बसीं."

इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अलीज़ादेह को उम्मीद है कि वो 2020 के टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेंगी लेकिन वह वहां ईरान के बैनर तले नहीं होंगी.

ईरान छोड़ने के अपने इरादे की घोषणा करते हुए किमिया ने अपने आगे की योजनाओं के बारे में जानकारी तो नहीं दी है लेकिन उन्होंने कहा है कि वह जहां भी रहेंगी ईरान की बेटी बनकर रहेंगी.

BBC Hindi
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English summary
Why Iran's only female Olympic medal winner had to leave the country
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