क्यों अमेरिकी-भारतीय H1B वीजा को लेकर व्हाइट हाउस के बाहर कर रहे प्रदर्शन
वॉशिंगटन। अमेरिका में रह रहे भारतीय एच1बी वीजा धारक पिछले कई दिनों से व्हाइट हाउस के आगे प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इमिग्रेशन कानून में बदलाव किया जाए, ताकि वैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीयों को इससे नुकसान न हो। इमिग्रेशन कानून में बदलाव के लिए इस प्रदर्शन का नेतृत्व रिपब्लिकन हिंदू कोएलिशन (RHC) कर रही है, जो अमेरिका में हिंदु अमेरिकी कम्युनिटी के लिए आवाज उठाती है। इंग्लिश डेली 'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 200 से 300 लोग इस प्रदर्शन में शामिल हुए थे।
इस ग्रुप के मांगों के बीच ग्रीन कार्ड बैकलॉग को 1-5 साल की अवधि के साथ मंजूरी दे दी गई थी। वर्तमान में भारतीयों के लिए रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के आधार पर दशकों तक अमेरिका में काम कर सकते हैं। साथ ही इस ग्रुप की मांग है कि अमेरिका में जो बच्चे अवैध रूप से एंट्री कर रहे हैं, उन्हे वैध रूप से व्यक्तिगत तौर पर हर प्रकार के फायदे मिले। बता दें कि अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले बच्चों को ड्रिमर्स कहते हैं, जो ओबाम प्रशासन के दौर में बनाए गए डीएसीए (Deferred Action for Childhood Arrivals) कानून के अंतर्गत आते हैं। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ओबामा के डीएसीए को खत्म करने की योजना बना चुकी है। यह केस फिलहाल कोर्ट में है।
वहीं, पिछले रविवार को भारतीय प्रदर्शनकारी एच-4 वीजा में भी बदलाव को लेकर मांग उठा रहे थे। एच4 वीजा एच1बी वीजा होल्डर्स के जीवनसाथी और बच्चों के लिए जारी किया जाता है। इनमें से बड़ी संख्या में भारतीय प्रोफेशनल्स हैं। इसे वर्क या वर्क परमिट वीजा कहा जाता है, जिसे ओबामा प्रशासन के कार्यकाल में जारी विशेष आदेश के जरिए मिला था। इस नियम का सबसे अधिक फायदा भारतीय-अमेरिकियों को मिला था। रविवार को रैली में आई एच1बी वीजा होल्डर ज्योत्सना शर्मा ने कहा कि एच4 के लिए 21 साल की उम्र निर्धारित करना डरावने जैसा है। इनकी मांग हैं कि एच4 वीजा धारकों को कम से कम ग्रीन कार्ड तो उपलब्ध करवा दिये जाए, ताकि 21 साल तक अमेरिका में रह सके।
रविवार की रैली में शामिल सैकड़ों लोग हाथों में तख्तियां लेकर व्हाइट हाउस के सामने प्रदर्शन कर रहे थे, जिनपर लिखा था, 'DCAA [DCAA for LCAs] बच्चों के लिए बेहतर है', 'कानूनी दुर्व्यवहार करना बंद करो' और 'हम अमेरिकी नौकरियों को विस्थापित नहीं कर रहे हैं'। वहीं, एक प्लेकार्ड पर लिखा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति को विवादास्पद सीमा पर दीवार बनाने के लिए ग्रीन कार्ड फीस से 25 बिलियन डॉलर की राशि जुटाई जा सकती है।