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इसलिए यूरोप हमेशा मिस करेगा जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल को

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बर्लिन। सोमवार को जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने राजनीति से अपने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया। मार्केल के इस ऐलान ने दक्षिणी यूरोप में एक बड़े तबके को दुखी कर दिया और कुछ लोग तो रोने भी लगे थे। मार्केल जर्मनी की ऐसी चांसलर के तौर पर याद की जाएंगी जिन्‍होंने संकट के समय ग्रीस से लेकर इटली तक यूरोप को एक करके रखा था। मार्केल ससल 2005 से जर्मनी की चांसलर है और यूरोपियन यूनियन की वजह एक ऐसी नेता हैं जिन्‍होंने सबसे ज्‍यादा समय तक अपने देश की कमान संभाली है। मार्केल को 'यूरोप की रानी'भी कहा जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो मार्केल के जाने के बाद यूरोप की राजनीति का एक अध्‍याय खत्‍म हो जाएगा। जो लोग उनसे नफरत करते थे, वे भी उनके जाने के बाद मार्केल को याद करेंगे।

यूरो संकट के समय मार्केल की भूमिका

यूरो संकट के समय मार्केल की भूमिका

साल 2012 में यूरोप की मुद्रा यूरो कर्ज की वजह से संकट में घिरी, इटली की राइट विंग मीडिया ने उनकी फुटबॉल टीम की जर्मनी पर हुई जीत पर टीम को सैल्‍यूट किया। इटली की मीडिया ने फ्रंट पेज पर यूरो कप में उनकी टीम की जीत की खबर छापी थी। उस समय इसे मार्केल का अपमान कहा गया था। ग्रीस में जब इसी वर्ष संकट पैदा हुआ तो लोगों ने नाजी यूनिफॉर्म पहनकर और हिटलर की तरह मूंछ लगाकर मर्केल की तुलना उस तानाशाह तक से कर डाली थी। लेकिन इन सबके बाद भी यूरोप में उनके जाने का गम लोगों को कई वर्षों तक सालता रहेगा। मार्केल ने ऐलान कर दिया है कि दिसंबर में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता का चुनाव वह नहीं लड़ेंगी। साल 2021 में जर्मनी में चुनाव होने हैं और मार्केल ने इन चुनावों में किस्‍मत आजमाने से मना कर दिया है।

आलोचनाओं के बाद भी लोकप्रिय मार्केल

आलोचनाओं के बाद भी लोकप्रिय मार्केल

मार्केल के विरोधियों की मानें तो ग्रीस में संकट के समय उन्‍होंने काफी देर से एक्‍शन लिया। लेकिन इसके बाद भी मार्केल हर संकट के समय लोगों के साथ खड़ी नजर आईं। इसके बाद मार्केल ने वोर्ट्स से सिंगल करेंसी के लिए वोट मांगे। मार्केल ने सुधार के कई उपाय किए और उन सुधारों की वजह से यूरो ने जो स्‍तर गवां दिया था, उसे फिर से हासिल कर लिया। इसके अलावा मार्केल पर ग्रीस के कर्ज संकट को ठीक से और समय रहते सुलझा ना पाने के आरोप भी लगते रहते हैं। मार्केल ने खुले दिमाग के साथ मौद्रिक नीतियों को आगे बढ़ाया। पिछले कुछ सात वर्षों में यूरोपियन सेंट्रल बैंक में भी तेजी देखी गई है। विशेषज्ञों की मानें तो जिस तरह से मार्केल ने साल 2012 में मुद्रा संकट को सुलझाने के लिए काम किए, उन्‍होंने मार्केल को एक अलग नेता बनाया।

रिसर्च साइंटिस्‍ट रह चुकी हैं मार्केल

रिसर्च साइंटिस्‍ट रह चुकी हैं मार्केल

जर्मनी की पहली महिला चासंलर एंजेला एक रिसर्च साइंटिस्‍ट रह चुकी हैं और उनके पास फिजिकल केमेस्‍ट्री में डॉक्टरेट की उपाधि है। मार्केल वर्ष 1989 में राजनीति का हिस्‍सा बनीं और वर्ष 2005 में पहली बार जर्मनी की चांसलर के पद पर आईं। वर्ष 2015 में उन्‍होंने शरणार्थियों के लिए जर्मनी के दरवाजे खोले तो दुनियाभर में उनकी तारीफ हुई तो साल 2017 में उन्‍होंने सार्वजनिक तौर पर स्‍वीकार किया कि यह एक गलत फैसला था। मार्केल को फोर्ब्‍स मैगजीन ने दुनिया का सबसे ताकतवर शख्‍स घोषित किया जा चुका है। दिसबंर 2015 में उन्‍हें टाइम मैगजीन ने पर्सन ऑफ द इयर चुना। वर्ष 2014 में व‍ह जर्मनी की सबसे ज्‍यादा लंबे समय तक शासन करने वाली मुखिया बनीं।

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English summary
Germany Chancellor Angela Merkel has announced her planned retirement on Monday.
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