इंडोनेशिया अपनी राजधानी क्यों बदलना चाहता है ?
इंडोनेशिया अपनी राजधानी को जकार्ता से कहीं और ले जा सकता है. ये घोषणा इंडोनेशिया के योजना मंत्री ने की है.
सवाल: इंडोनेशिया की राजधानी क्या है? जवाब: 'जकार्ता'. लेकिन जल्द दी इस सवाल का जवाब बदल सकता है.
मतलब इंडोनेशिया अपनी राजधानी को जकार्ता से कहीं और ले जा सकता है. ये घोषणा इंडोनेशिया के योजना मंत्री ने की है.
बमबैंग ब्रोजेनेगोरो ने कहा कि राष्ट्रपति जोको विडोडो ने 'एक अहम फैसले' में राजधानी को दूसरी जगह ले जाने के बारे में कहा है.
नई राजधानी किस जगह होगी, अभी तक इस बारे में तो कोई जानकारी नहीं दी गई है.
हालांकि स्थानीय मीडिया के मुताबिक 'पलानकोराया' का नाम सबसे आगे है.
'पलानकोराया' बोर्नियो द्वीप पर स्थित है और सेंट्रल कालिमैनटन के उत्तर-पूर्व में कुछ सौ किलोमीटर दूर है.
लेकिन राजधानी को बदला क्यों जा रहा है
डूबता शहर:
जकार्ता एक करोड़ लोगों का घर है. लेकिन इंडोनेशिया की ये मौजूदा राजधानी दुनिया में सबसे तेज़ी से डूबते शहरों में से एक है.
दरअसल इंडोनेशिया दलदली ज़मीन के किनारे पर बसा है, जहां 13 नदियां एक दूसरे को काटती हैं.
शोधकर्ताओं के मुताबिक इस शहर का बड़ा हिस्सा साल 2050 तक डूब सकता है.
उत्तरी जकार्ता हर साल औसतन 1-15 सेंटीमीटर डूबता जा रहा है.
आधा जकार्ता समुद्र तल से नीचे है. इसकी मुख्य वजहों में से एक है पीने और नहाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ग्राउंडवाटर की निकासी.
ट्रैफिक की समस्या:
साल 2016 के एक सर्वे में सामने आया था कि महानगर जकार्ता का ट्रैफिक दुनिया में सबसे ज़्यादा खराब है. सरकार के मंत्रियों को बैठकों में समय पर पहुंचने के लिए पुलिस की मदद लेनी पड़ती है.
योजना मंत्री के मुताबिक जकार्ता की ट्रैफिक की समस्या की वजह से अर्थव्यवस्था को हर साल 6.8 अरब डॉलर का नुकसान होता है.
पिछले दो दशकों से सरकार को विकेंद्रित करने का बड़ा प्रोग्राम चल रहा है, ताकि नगरपालिकाओं को ज़्यादा वित्तीय संसाधन और राजनीतिक ताकत दी जा सके.
विकल्प क्या हैं?
ख़बर है कि मंत्रिमंडल की बैठक में तीन विकल्पों पर चर्चा हुई.
एक था कि मौजूदा राजधानी में सरकारी दफ्तरों के लिए एक स्पेशल ज़ोन बनाया जाए; दूसरा था कि उन्हें जकार्ता के बाहर भेज दिया जाए; और तीसरा विकल्प था कि किसी दूसरे द्वीप पर एक बिल्कुल नई राजधानी बना दी जाए. राष्ट्रपति को तीसरा विकल्प ठीक लगा.
ख़बरें तो हैं कि पलानकोराया को इंडोनेशिया की नई राजधानी बनाया जा सकता है, लेकिन पलानकोराया के लोगों ने इस मुद्दे पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी.
हाईस्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र ने बीबीसी से कहा, "मुझे उम्मीद है कि शहर का विकास होगा और यहां भी जकार्ता जितनी अच्छी शिक्षा मिल सकेगी. लेकिन यहां की खाली ज़मीन और जंगलों का इस्तेमाल किया जाएगा. कालिमैनटन दुनिया के फेफड़े हैं और मैं चिंतित हूं कि हम अपने बचे हुए जंगलों को खो देंगे."
योजना मंत्री ब्रोजेनेगोरो का कहना है कि इस प्रक्रिया में 10 साल लग सकते हैं. उन्होंने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि अगर दूसरे देश ये कर सकते हैं तो इंडोनेशिया भी कर सकता है.
उन्होंने कहा, "ब्राज़िल, कज़ाकस्तान, म्यांमार ने राजधानियां बदली हैं."
ये घोषणा ऐसे वक्त में हुई है जब राष्ट्रपति विडोडो ने पूरे देश के हर हिस्से में आर्थिक तरक्की करने की प्रतिबद्धता जताई है.
इंडोनेशिया में इस महीने की शुरुआत में ही आम चुनाव हुए हैं, जिसमें विडोडो ने जीत की घोषणा की है. हालांकि आधिकारिक नजीते 22 मई तक घोषित नहीं किए जाएंगे.
इंडोनेशिया के संस्थापक सुकार्णों ने भी पलानकोराया को राजधानी बनाने का प्रस्ताव दिया था.
साल 1945 में डचों से आज़ादी मिलने के बाद से इंडोनेशिया की राजधानी को बदलने पर कई बार विचार हुआ है. लेकिन छह राष्ट्रपति ये नहीं कर पाए.