क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पुराने दोस्त पाकिस्तान के पीछे क्यों पड़ा अमरीका?

पाकिस्तान को भारी भरकम मदद देने वाला अमरीका अचानक इतनी बेरुखी क्यों दिखा रहा है?

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
डोनल्ड ट्रंप
Getty Images
डोनल्ड ट्रंप

पाकिस्तान को लेकर अमरीका का रवैया नरम रहा है और वह इसे आर्थिक मदद भी देता रहा है. लेकिन अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के हालिया ट्वीट के बाद हालात बदलते दिख रहे हैं.

ट्रंप का कहना है कि बीते वर्षों में पाकिस्तान को अरबों डॉलर की मदद देना बेवकूफ़ी थी और इसके बदले में उन्हें पाकिस्तान की तरफ़ से धोखे के सिवाय कुछ नहीं मिला.

इसके बाद अंतत: पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद रोक दी गई है.

लेकिन ऐसा क्यों है कि कभी पाकिस्तान को भारी भरकम आर्थिक मदद देने वाला अमरीका, अचानक उससे इतनी बेरुखी दिखा रहा है?

इस बारे में बीबीसी ने पाकिस्तान और अमरीका के रिश्तों पर नज़र रखने वाले अमरीका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर डेनियल मार्की से बात की. मार्की ने 'नो एग्ज़िट फ़्रॉम पाकिस्तान' नाम की किताब भी लिखी है.

क्या पाकिस्तान से ऊब गया है अमरीका?

ट्रंप के वार पर चीन बना पाकिस्तान की ढाल

'और सख़्त हो सकता है अमरीका'

मार्की कहते हैं कि ट्रंप के हालिया बयानों से ऐसा लगता है कि पाकिस्तान को लेकर अमरीका का रवैया अब ज़्यादा सख़्त हो रहा है.

उन्होंने कहा, "इससे पहले के राष्ट्रपतियों जैसे ओबामा और बुश को लगता था कि पाकिस्तान को फंडिंग देने से फ़ायदा होगा लेकिन अब पाकिस्तान को पुचकारने के बजाय डंडा दिखाया जाने लगा है."

अमरीका अब पाकिस्तान को दी जाने वाले साढ़े पच्चीस करोड़ डॉलर की सैनिक मदद रोक रहा है जो फैसला अब तक टलता आ रहा था. अमरीका पाकिस्तान को ये राशि हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करने की शर्त पर दे रहा था लेकिन इसका कोई ख़ास असर दिख नहीं रहा था.

डेनियल मार्की
BBC
डेनियल मार्की

मार्की का अनुमान है कि आने वाले वक़्त में अमरीका के फ़ैसलों में और सख़्ती आ सकती है.

मसलन आईएमएफ़ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोश) जैसे संगठनों से अंतरराष्ट्रीय कर्ज़ के लिए समर्थन देने से पीछे हट सकता है.

पाकिस्तान पर 'ट्रंप कार्ड' का भारत को कितना फ़ायदा?

'कई साल से डबल गेम खेल रहा है पाकिस्तान'

'अमरीका को अब भी पाकिस्तान की ज़रूरत'

प्रोफ़ेसर मार्की मानते हैं कि बेशक़ अमरीका को भी पाकिस्तान की ज़रूरत है क्योंकि अफ़गानिस्तान में उसके सैनिक हैं और उनके आने-जाने के लिए दुनिया के नक्शे पर ज़्यादा रास्ते नहीं बचे हैं.

ईरान बंद है और मध्य एशिया में रूस के साथ भी अमरीका के सम्बन्ध अच्छे नहीं हैं. ऐसे में पाकिस्तान से होकर जाना ही एकमात्र विकल्प है.

'हक्क़ानी नेटवर्क का ख़ात्मा पाक के पक्ष में भी'

डोनल्ड ट्रंप
BBC
डोनल्ड ट्रंप

उन्होंने कहा, "अमरीका के लिए पाकिस्तान के अपने फ़ायदे हैं. दूसरी बात ये कि पाकिस्तान परमाणु शक्ति संपन्न देश है जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है. ऐसा भी नहीं है कि पाकिस्तान एकदम अकेला है. चीन उसका पुराना साथी है जो उसे अरबों डॉलर की मदद देता आ रहा है."

क्या पाकिस्तान पर इन धमकियों और चेतावनियों का असर होगा?

इसके जवाब में प्रोफ़ेसर मार्की कहते हैं, "पाकिस्तान पर असर होने के बहुत कम आसार हैं. अफ़गानिस्तान उसके लिए भी बेहद अहम है. कड़े रवैये के साथ अमरीका को उसे समझाना भी होगा कि हक्कानी नेटवर्क का ख़ात्मा पाकिस्तान के अपने हित में ही है."

मार्की के मुताबिक, पाकिस्तान को अब भी यही लगता है कि अमरीका अफ़गानिस्तान की मुसीबतें उनके लिए छोड़ जाएगा और उसके पास मदद के लिए कोई दोस्त नहीं बचेगा.

ट्रंप के बयान पर क्या बोले पाकिस्तानी?

अमरीका, पाकिस्तान
Getty Images
अमरीका, पाकिस्तान

ट्रंप ने सोमवार को ट्वीट करके कहा था, "अमरीका ने पिछले 15 सालों में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर से ज्यादा की मदद दी और उसने बदले में झूठ और छल के सिवाय कुछ नहीं दिया. वह सोचता है कि अमरीकी नेता मूर्ख हैं. हम अफ़ग़ानिस्तान में जिन आतंकवादियों को तलाश रहे हैं, उन्होंने उन्हें पनाह दी. अब और नहीं."

ट्रंप के इस बयान पर पाकिस्तानी सोशल मीडिया में कड़ी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली थीं और चीन भी उसके बचाव में उतर आया था.

BBC Hindi
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Why did the old friend Pakistan lie behind
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X