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रोमन लोगों को क्यों देना पड़ता था पेशाब पर टैक्स?

इसके जवाब में सम्राट ने एक सोने का सिक्का लेकर टिटो की नाक पर लगाया और पूछा कि क्या ये बुरा महकता है. उनके पिता ने उनसे कहा है कि ये ''पेशाब से आता है''.

यहीं से 'एक्ज़ियम ऑफ़ वेस्पासियान' नाम से मशहूर कहावत निकली, जिसका मतलब है कि 'पैसे से कभी दुर्गंध नहीं आती.'

By BBC News हिन्दी
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मैनकेन पिस
Getty Images
मैनकेन पिस

क्या पेशाब कर रहे बच्चे की इस मूर्ति की ख्याति आप तक पहुंची है?

बेल्जियम के ब्रसेल्स में मैनकेन पिस नाम की यह मूर्ति एक छोटे बच्‍चे की है जो सू-सू करता हुआ दिखाई देता है. इसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.

यह मूर्ति ब्रसेल्स के लोगों और उनके सेंस ऑफ ह्यूमर की प्रतीक मानी जाती हैं.

पेशाब का प्रयोग प्राचीन समय से ही रोगों के निदान के लिए किया जाता रहा है. इसके कई और उपयोग भी थे.

इतिहास में पेशाब के उपयोग का पहला सिरा रोम सम्राट टिटो फ्लेविओ वेस्पासियानो (9-79 ईस्वी) के समय का मिलता है.

धोबीघाट

रोमन साम्राज्य के धोबीघाट या फुलोनिकस में पेशाब एकत्र किया जाता और उसे सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता था.

इकट्ठा किया गया पेशाब अमोनिया बन जाता था.

और वह अमोनिया एक तरह का डिटर्ज़ेंट था जिसका इस्तेमाल कपड़े धोने के लिए किया जाता था.

भीगे हुए कपड़ों पर कूदते धोबी.
Getty Images
भीगे हुए कपड़ों पर कूदते धोबी.

रोमन दर्शनशास्त्री और लेखक सेनेका बताते हैं कि सफ़ेद ऊन के कपड़ों को भिगोने के बाद मजदूर या धोबी उन पर कूदते या डांस करते थे. रंग को निखारने और उनकी चिकनाई खत्म करने के लिए मुल्तानी मिट्टी, पेशाब और सल्फर का इस्तेमाल किया जाता था.

इसके बाद कपड़ों की गंध खत्म करने के लिए सुगंधित डिटर्ज़ेंट का इस्तेमाल किया जाता और उसमें उन कपड़ो को भिगोया जाता था.

हालांकि ये सेहत के लिए ठीक नहीं था.

पैसों की गंध

धोबियों का काम अच्छे व्यवसाय में बदल रहा था लेकिन जब वेस्पासियानो सत्ता में आये तो उन्होंने पेशाब पर टैक्स लगाना शुरू कर दिया. ये टैक्स उन लोगों के लिए था जो रोम के सीवेज सिस्टम में जमा किए गए पेशाब का इस्तेमाल करना चाहते थे.

उनमें लेदर या चमड़े का काम करने वाले भी शामिल थे.

पेशाब जानवरों की खाल को नरम बनाने और उसे पकाने के काम में भी ली जाती थी क्योंकि अमोनिया का अधिक पीएच कार्बनिक पदार्थों को गला देता है.

पेशाब में जानवरों की खाल को गलाने से उनके बाल और मांस के टुकड़ों को अलग करने में आसानी होती है.

रोमन इतिहासकार स्युटोनियस बताते हैं कि वेस्पासियान के बेटे टिटो ने अपने पिता से कहा कि उन्हें पेशाब पर जुर्माना लगाना सबसे घिनौना काम लगा.

इसके जवाब में सम्राट ने एक सोने का सिक्का लेकर टिटो की नाक पर लगाया और पूछा कि क्या ये बुरा महकता है. उनके पिता ने उनसे कहा है कि ये ''पेशाब से आता है''.

यहीं से 'एक्ज़ियम ऑफ़ वेस्पासियान' नाम से मशहूर कहावत निकली, जिसका मतलब है कि 'पैसे से कभी दुर्गंध नहीं आती.'

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English summary
Why did Roman people have to pay tax on urine
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