इमरान ख़ान ने आधी रात को पाकिस्तान के लिए क्यों मांगी क़ुर्बानी
पाकिस्तान आर्थिक और राजनीतिक रूप से भारी उथल-पुथल के दौर से गुज़र रहा है. मंगलवार को विपक्षी पार्टियों के भारी हंगामे के बीच पाकिस्तान में बजट पेश किया गया. बजट पेश होने के बाद इमरान ख़ान ने आधी रात को देश को संबोधित किया. पीएम ख़ान के पूरे संबोधन में चिंता और डर की छाया रही. इमरान ख़ान ने कहा कि मुल्क मुश्किल में है.
पाकिस्तान आर्थिक और राजनीतिक रूप से भारी उथल-पुथल के दौर से गुज़र रहा है. मंगलवार को विपक्षी पार्टियों के भारी हंगामे के बीच पाकिस्तान में बजट पेश किया गया.
बजट पेश होने के बाद इमरान ख़ान ने आधी रात को देश को संबोधित किया. पीएम ख़ान के पूरे संबोधन में चिंता और डर की छाया रही. इमरान ख़ान ने कहा कि मुल्क मुश्किल में है और इस मुश्किल से निकलने के लिए पूरी कौम को एक साथ आना होगा.
पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने सवाल भी उठाया कि इमरान ख़ान डरे हुए हैं और इसलिए आधी रात को मुल्क को संबोधित कर रहे हैं.
बिलावल ने कहा, ''इमरान ख़ान को सरकार गिरने का डर है. मनमानी से काम नहीं चलेगा. टैक्स, महंगाई और बेरोज़गारी बढ़ाकर आप सराकार नहीं चला सकते हैं. यह बजट आर्थिक रूप से आत्महत्या करने की तरह है.''
#LiveNow: Prime Minister @ImranKhanPTI addresses the nation. @PTIofficial https://t.co/rC6dDxi9f4
— Radio Pakistan (@RadioPakistan) 11 June 2019
इमरान ख़ान ने कहा, ''पहले की सरकारों ने पिछले 10 सालों में पाकिस्तान का क़र्ज़ छह हज़ार अरब रुपए से 30 हज़ार अरब रुपए तक पहुंचाया. ज़रदारी और नवाज़ शरीफ़ की सरकार में पाकिस्तान पर विदेशी क़र्ज़ 41 अरब डॉलर से 97 अरब डॉलर हो गया. इनके 10 सालों के शासन में ऐसा हुआ है.''
ख़ान ने कहा, ''इसका नतीजा यह हुआ कि हमारे पास डॉलर की कमी हो गई. हमारे पास इतने डॉलर नहीं बचे कि हम क़र्ज़ों की किस्त अदा कर सकें. हम डर में रहे हैं कि कहीं पाकिस्तान डिफॉल्टर ना हो जाए. इन्हें अंदाज़ा नहीं था कि डिफॉल्टर होने पर क्या होता. बोरियों में रुपए भरकर ले जाते तो कुछ रोटियां मिलतीं. हमारा हाल भी वेनेज़ुएला वाला हो जाता. जब से सरकार में आया हूं तब से इसी दबाव में रहा. शुक्र है कि हमारे दोस्त मुल्क यूएई, सऊदी अरब और चीन से से मदद मिली.''
PM’s panicked midnight address to the nation. Fearing he’ll be unable to pass PTIMF budget & his government will fall. Coercion will not work. No one with a conscious could vote to increase taxes, inflation & unemployment. This budget is economic suicide we can NOT let it pass.
— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) 11 June 2019
इमरान ख़ान ने कहा, ''हमने भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ एक कमीशन बनाया है और यह काफ़ी ताक़तवर होगा. जिन्होंने मुल्क को तबाह किया वो हमसे जवाब मांगते हैं. अब वक़्त आ गया है कि हम उनसे जवाब मांगें. मैं प्रधानमंत्री के रूप में सुरक्षा को छोड़कर पूरा खर्च अपना उठाता हूं. मेरे अपने खर्च में पूरा नहीं होता है लेकिन यह क़ुर्बानी मुल्क के लिए है. मुझे ख़ुशी है कि यही क़ुर्बानी पाकिस्तानी की सेना ने भी दी है. हर दिन ये दहशतगर्दों के साथ लड़ाई में शहीद होते हैं लेकिन अपनी तनख़्वाहें नहीं बढ़ाईं.''
पाकिस्तानी पीएम ने कहा, ''हमने अपने खर्चों में 50 अरब रुपए की कटौती की है. कैबिनेट की 10 फ़ीसदी तनख़्वाहें कम की हैं. मुल्क मुश्किल में है. हम सबको मिलकर कुर्बानी देनी होगी. हम अपने लक्ष्य को हासिल करने में ज़रूर सफल होंगे. हम लोगों मसले दूर करेंगे. हम लोगों से ज़्यादा टैक्स लेंगे. ख़ुद्दार कौम बनने के लिए हमें ऐसा करना होगा. 30 जून के बाद जिनके पास भी बेनामी अकाउंट हैं वो जब्त किए जाएंगे. इसके पहले पाकिस्तानियों के पास मौक़ा है कि सार्वजनिक कर दें.''
इमरान ख़ान ने अपने संबोधन में कहा, ''लोग पूछते हैं कि नया पाकिस्तान कहां है? क्या नया पाकिस्तान बनाने के लिए हमारे पास कोई स्विच है जिसे दबाते ही नया पाकिस्तान बन जाएगा. इसके लिए पूरी कौम को साथ आना होगा. पाकिस्तान नया बन रहा है. सुप्रीम कोर्ट और जांच एजेंसियों पर कोई दबाव नहीं है. भ्रष्टाचार के मामले में बड़े-बड़े लोग जेल जा रहे हैं.''
पाकिस्तान में पेश किए गए बजट पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ़ की छाया साफ़ दिखी. पाकिस्तान आईएमएफ़ की शरण में 22वीं बार क़र्ज़ के लिए गया है और छह अरब डॉलर के क़र्ज़ की मंज़ूरी भी मिल गई है. लेकिन इस क़र्ज़ के बदले पाकिस्तान को आईएमएफ़ की कई ऐसी शर्तें माननी पड़ी हैं जिनके लागू होने पर महंगाई और टैक्स का बढ़ना तय है.
मंगलवार को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में वित्त मंत्री हामद अज़हर ने इमरान ख़ान सरकार का पहला पूर्णकालिक बजट पेश किया. पूरे बजट में इनकम और सेल्स टैक्स बढ़ाने पर ज़ोर है. पाकिस्तान में एक जुलाई से शुरू हो रहे नए वित्तीय वर्ष में आय कर भरने वालों पर पहाड़ टूटने वाला है.
इमरान ख़ान की सरकार ने आय कर की अधिकतम दर 25 फ़ीसदी से बढ़ाकर 35 फ़ीसदी कर दी है. इसके साथ ही मासिक आय के ब्रैकेट को भी पहले से कम कर दिया गया है. 50 हज़ार प्रति महीना वेतनभोगियों के लिए और 33 हज़ार 333 रुपए ग़ैर-वेतनभोगियों के लिए रखा गया है. इमरान ख़ान सरकार का लक्ष्य है कि नए वित्तीय वर्ष में केवल आय कर से 258 अरब रुपए जुटाया जा सके.
इमरान ख़ान की सरकार ने बजट से पहले आर्थिक सर्वे पेश किया था, जिसमें देश की पूरी आर्थिक तस्वीर उभरकर सामने आई है. पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर गिरकर 3.3 फ़ीसदी तक पहुंच गई है जो पिछले नौ सालों में सबसे निचले स्तर पर है.
यह सालाना लक्ष्य 6.2% का आधा है क्योंकि कृषि और उद्योग में विकास नकारात्मक रहा है. आने वाले वित्तीय वर्ष में भी मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. एक साल पहले पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 315 अरब डॉलर की थी जो घटकर 280 डॉलर पर पहुंच गया है.
प्रति व्यक्ति आय भी प्रति वर्ष 1,652 डॉलर के घटकर 1,497.3 डॉलर पर आ गई है. आर्थिक सर्वे के अनुसार पाकिस्तान में विषमता की खाई भी और गहरी हुई है. पाकिस्तान के आर्थिक सलाहकार ने कहा है कि पाकिस्तान क़रीब 100 अरब डॉलर का विदेशी क़र्ज़ वापस करने की स्थिति में नहीं है.
हाल ही में पाकिस्तान को संयुक्त अरब अमीरात से दो अरब डॉलर का क़र्ज़ मिला था. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी एक एएओयू पर हस्ताक्षर किया है जिसमें अगले 6 सालों में 21 अरब डॉलर के निवेश की बात है. लेकिन पाकिस्तान को पटरी पर लाने के लिए इन दोस्त देशों का क़र्ज़ ही काफ़ी नहीं है. विश्व बैंक के अनुसार व्यापारिक सुगमता के मामले में पाकिस्तान 190 देशों में 136वें नंबर पर है. इस रैंकिंग से पता चलता है कि पाकिस्तान में कोई निवेश नहीं करना चाहता.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान का कहना है कि मुल्क को चलाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं इसलिए ज़्यादा से ज़्यादा पाकिस्तानी नागरिक टैक्स के दायरे में आएं. इमरान ख़ान ने पाकिस्तानी नागरिकों को अपनी संपत्ति को सार्वजनिक करने के लिए 30 जून तक का वक़्त दिया है और कहा है इसके बाद फिर मौक़ा नहीं मिलेगा. बेनामी संपत्ति के मामले में ही सोमवार को पाकिस्तान के नेशनल एकाउंटबिलिटी ब्यूरो ने पूर्व राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी को गिरफ़्तार किया है.
सवाल यह है कि पाकिस्तान के पास कितने पैसे हैं और जो हैं उन्हें कहां खर्च किया जा रहा है. सोमवार को राष्ट्र के संबोधन में इमरान ख़ान ने कहा कि पाकिस्तान में टैक्स से चार हज़ार अरब अरब रुपए सालाना इकट्ठा किए जाते हैं लेकिन आधी रक़म क़र्ज़ों की किस्तें अदा करने में चली जाती है. पीएम ख़ान का कहना है कि जितनी रक़म बचती है उसमें मुल्क का खर्चा नहीं चलाया जा सकता है.
पाकिस्तान ने 2018-19 वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित बजट 5.237 ट्रिलियन रुपए का रखा था. पाकिस्तानी अख़बार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून से पाकिस्तान के एक कैबिनेट मंत्री ने कहा है कि बजट का आधा हिस्सा यानी 53.7 फ़ीसदी या प्रस्तावित बजट 5.237 ट्रिलियन रुपए में से 2.8 ट्रिलियन रुपए रक्षा बजट और क़र्ज़ों की किस्त भरने में खर्च हुआ.
मतलब पाकिस्तान के कुल बजट का आधा से ज़्यादा रक्षा और क़र्ज़ों की किस्तों में खर्च हो जाता है. ऐसे में इमरान ख़ान का यह कहना कि मुल्क चलाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं बिल्कुल सही है.