चीन ने कोरोना वायरस को क्यों छिपाया, अमेरिका ने कारण बताया
नई दिल्ली- अमेरिकी खुफिया दस्तावेजों से पता चलता है कि अमेरिका यह मान रहा है कि चीन भारी मात्रा में मेडिकल साजो-सामान जुटाने के लिए कोरोना वायरस के प्रकोप को काफी समय तक छिपाए रहा। इसके मुताबिक चीन चाहता था कि दुनिया को इस बीमारी की भयानकता का एहसास हो उससे पहले वह अपनी जरूरतों की चीजें जुटा ले, ताकि उसे अपने यहां इसके संक्रमण को कंट्रोल में करना आसान हो जाए। हालांकि, अमेरिकी खुफिया एजेंसी इस बात की तहकीकात में अभी भी जुटी हुई है क्या यह वायरस वुहान की लैब से किसी दुर्घटना की वजह से तो बाहर नहीं आया, जिससे चीन लगातार इनकार करता रहा है।
मेडिकल जरूरतें पूरा करने में जुटा था चीन-रिपोर्ट
अमेरिकी न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने एक मई को दिए अपने चार पेज की रिपोर्ट में कहा है कि चीन के नेताओं ने इस महामारी के तेजी से फैलने की बात जनवरी की शुरुआत से ही जानबूझकर छिपाए रखी। यह खुलासा ऐसे वक्त में हुआ है जब ट्रंप प्रशासन ने चीन के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं। रविवार को अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पॉम्पियो ने कहा कि चीन इसके फैलने के लिए जिम्मेदार है और उसे इसका उत्तरदायी ठहराया ही जाना चाहिए। इस बीच अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी का विश्लेषण ये है कि जिस समय चीन कोरोना वायरस की भयानकता को दबाए हुए था, उस दौरान उसने मेडिकल जरूरतों का आयात बढ़ा लिया था, जबकि निर्यात को घटा रखा था।
आयात बढ़ाकर निर्यात घटाने में लगा था चीन
अमेरिकी आंतरिक सुरक्षा विभाग के मुताबिक इन सब हरकतों को छिपाने के लिए वह निर्यात में किसी तरह की पाबंदियों से लगातार इनकार करता रहा और अपने ट्रेड डाटा को या तो गोलमोल करता रहा या उसे लटकाए रखा। उसने लगभग पूरे जनवरी विश्व स्वास्थ्य संगठन को यह नहीं बताया कि कोरोना वायरस एक छूत का रोग है, ताकि विदेशों से मेडिकल साजो-सामान आसानी से मंगवाता रहे। यही वजह है कि उस दौरान उसने बड़े पैमाने पर फेस मास्क और सर्जिकल गाउन और ग्लोव्स का भारी मात्रा में आयात किया था। यह विश्लेषण 95 फीसदी उस समय के चीन के आयात और निर्यात के पैटर्न पर आधारित है।
वुहान के प्रयोगशाला से आया वायरस- अमेरिका
हालांकि, कोरोना वायरस के चीन के लैब से दुर्घटना की वजह से निकलने के अपने राष्ट्रपति ट्रंप के आरोपों पर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि वह अभी भी इसकी तहकीकात कर रहे हैं। इस बीच रविवार को पॉम्पियो ने एक चैनल से बातचीत के दौरान कहा है कि उनके पास यह मानने का कोई कारण नहीं है कि वायरस को जानबूझकर फैलाया गया। लेकिन, साथ ही उन्होंने कहा कि, 'याद रखिए कि दुनिया को संक्रमित करने का चीन का एक इतिहास (SARS) रहा है और उनका निम्न दर्जे के प्रयोगशाला चलाने का भी अपना एक इतिहास है।' उन्होंने साफ कहा कि, 'यह पहली बार नहीं हुआ है कि चीन की लैब में हुई गलतियों की वजह से दुनिया में वायरस फैला हो।' उन्होंने ये भी कहा कि 'इसलिए खुफिया समुदाय को अपना काम जारी रखना चाहिए, उन्हें वह करते रहना चाहिए, और पुख्ता करें ताकि हम सच जान सकें, मैं आपसे कह सकता हूं कि इस बात के कई सारे सबूत हैं कि यह वुहान के प्रयोगशाला से आया है।'
वायरस को फैलने से रोक सकता था चीन- अमेरिका
उधर सीनेटर टेड क्रूज ने भी अमेरिकी सरकार की बातों का समर्थन किया है। उनका मानना है कि चीन इसके लिए जिम्मेदार है और उसने इसपर पर्दा डालने की कोशिश की है। क्रूज ने कहा है, 'अगर वह जिम्मेदारी निभाए होते और वहां स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भेजकर और संक्रमित लोगों को क्वारंटीन कर देते तो इस बात की पूरी संभावना थी कि यह सिर्फ उसी क्षेत्र में ही फैलकर रह जाता और वैश्विक महामारी नहीं बनता। और दुनिया में लाखों लोगों की मौतों के लिए निश्चित तौर पर चीन की वामपंथी सरकार की झूठ जिम्मेदार है।'
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