ईरान में अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ सड़क पर क्यों हैं लोग
अपनी ही सेना की मिसाइल से यूक्रेन के यात्री विमान मारकर गिराए जाने के ख़िलाफ़ ईरान सरकार को दूसरे दिन सड़क पर विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. यह यात्री विमान आठ जनवरी को तेहरान से यूक्रेन की राजधानी कीएफ़ जा रहा था. तेहरान से उड़ान भरने के बाद ही ईरान की सेना ने 'ग़लती' से मार गिराया था. इसमें 176 लोग सवार थे
अपनी ही सेना की मिसाइल से यूक्रेन के यात्री विमान मारकर गिराए जाने के ख़िलाफ़ ईरान सरकार को दूसरे दिन सड़क पर विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ा.
यह यात्री विमान आठ जनवरी को तेहरान से यूक्रेन की राजधानी कीएफ़ जा रहा था. तेहरान से उड़ान भरने के बाद ही ईरान की सेना ने 'ग़लती' से मार गिराया था. इसमें 176 लोग सवार थे, जिसमें से 86 ईरान के नागरिक थे. प्लेन पर मिसाइल हमले के बाद सभी पैसेंजरों की मौत हो गई थी.
ईरान ने पहले विमान को मार गिराने से इनकार किया था लेकिन अंतरराष्ट्रीय ख़ुफ़िया सूचना से तथ्य सामने आए तो ईरान को स्वीकार करना पड़ा था.
ईरान के लोग इसी को लेकर सड़क पर हैं. विरोध-प्रदर्शन तेहरान के अलावा कई और शहरों में हो रहे हैं. ख़बर है कि सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों में झड़प हुई है और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए हैं.
अमरीका से तनाव के बीच 11 जनवरी को ईरान ने स्वीकार किया था कि उसी ने यूक्रेन के यात्री विमान को 'ग़लती' से मार गिराया था. ईरान ने इसे मानवीय भूल कहा था.
इसी महीने दो जनवरी को इरानी सैन्य कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी को अमरीका ने मार दिया था. इसी के पलटवार में ईरान ने इराक़ में आठ जनवरी को अमरीकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल से हमला किया था.
इसके ठीक बाद ईरानी सेना ने यूक्रेन के यात्री प्लेन को मार गिराया था. इस प्लेन में ईरान के अलावा कनाडा, यूक्रेन, यूके, अफ़ग़ानिस्तान और स्वीडन के नागरिक सवार थे.
रविवार को विरोध-प्रदर्शन में क्या हुआ?
सुरक्षाबलों की भारी तैनाती के बावजूद प्रदर्शनकारी सड़क पर आए. प्रदर्शन को रोकने के लिए दंगा निरोधी पुलिस, इस्लामिक रिवॉल्युशनरी गार्ड और सिविल ड्रेस में सुरक्षाकर्मी मौजूद थे.
एक वीडियो में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी ईरान की सरकार के एक प्रॉपेगैंडा को ख़ारिज कर रहे हैं. तेहरान स्थित शाहिद बेहिश्ति यूनिवर्सिटी के ग्राउंड पर इसराइल और अमरीका के राष्ट्रध्वज पेंट किए गए थे, जिस पर प्रदर्शनकारी चढ़ने से बचते दिखे. सारे प्रदर्शनकारी झंडे के बगल से गुजर रहे थे.
कई सोशल मीडिया पोस्ट में प्रदर्शनकारियों को ईरान में सरकार विरोधी नारे लगाते हुए सुना जा सकता है. ये नारे हैं- ये झूठ बोल रहे हैं कि हमारा दुश्मन अमरीका नहीं है. हमारा दुश्मन देश के भीतर ही है.''
ज़्यादातर प्रदर्शनकारी महिलाएं थीं. सोशल मीडिया पर डाले गए क्लिप में देखा जा सकता है कि महिलाएं तेहरान में आज़ादी स्क्वेयर पर ज़ोरदार नारे लगा रही हैं. बीबीसी फ़ारसी के अनुसार पुलिस ने यहां आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया है.
ईरान की अर्द्ध-सराकरी न्यूज़ एजेंसी फ़ार्स का कहना है कि राजधानी तेहरान के कई इलाक़ों में एक हज़ार से ज़्यादा लोग सड़क पर थे. तेहरान के अलावा भी कई शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं.
बीबीसी अरब अफ़ेयर्स के संपादक सेबैस्टियन अशर का कहना है कि जिन्होंने लगातार प्रदर्शन करने का फ़ैसला किया है वो सुरक्षाबलों के साथ हिंसा को लेकर सतर्क होंगे क्योंकि अतीत में बहुत ही सख़्ती से ऐसे आंदोलनों को दबाया गया है.
Thanks for the many goodwill messages. Can confirm I wasn’t taking part in any demonstrations! Went to an event advertised as a vigil for victims of #PS752 tragedy. Normal to want to pay respects- some of victims were British. I left after 5 mins, when some started chanting.
— Rob Macaire (@HMATehran) January 12, 2020
शनिवार को ईरान में प्रदर्शनकारी छात्र यूनिवर्सिटी के बाहर इकट्ठा हुए थे. शुरू में इन्होंने विमान में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी लेकिन बाद में लोगों का ग़ुस्सा फूट पड़ा. शाम में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
ईरान के कई अख़बारों ने इस प्रदर्शन को कवर किया है. इसमें यूक्रेन के विमान में मारे गए लोगों के मामले में ईरान की सेना के प्रति ग़ुस्से का इज़हार किया गया है. अख़बारों में इसे शर्मनाक और अक्षम्य बताया गया है.
हालांकि सरकार समर्थित अख़बारों ने सरकार की ओर से ग़लती स्वीकार करने को साहसिक बताया गया है. तेहारन में अमरीका और ब्रिटेन के ख़िलाफ़ भी सुलेमानी के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन हुए हैं.
अंतर्राष्ट्रीय प्रक्रिया क्या है?
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने रविवार को फिर से अपनी चेतावनी दोहराई है. ट्रंप ने कहा कि ईरान सरकार विरोधी प्रदर्शन को टारगेट नहीं कर सकता है.
ट्रंप ने कहा, ''दुनिया देख रही है. इससे ज़्यादा अहम है कि अमरीका देख रहा है.'' ब्रिटेन ने तेहरान में अपने राजदूत की गिरफ़्तारी की आलोचना की है. ब्रिटेन ने कहा है कि ईरान ने राजदूत को गिरफ़्तार कर अंतर्राष्ट्रीय नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है.
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने कहा कि उनके राजदूत रोब मैकाइरे को प्रदर्शन स्थल पर जाने के कारण गिरफ़्तार किया गया है.
डॉमिनिक ने कहा कि उनके राजदूत पीड़ितों को श्रद्धांजिल देने गए थे क्योंकि प्लेन क्रैश में मारे गए लोग ब्रिटेन के भी हैं. मैकाइरे का कहना है कि जब लोगों ने नारा लगाना शुरू किया तो वो वहां से निकल गए थे.
सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों ने तेहरान में ब्रिटिश दूतावास के सामने ब्रिटेन के राष्ट्रध्वज को जलाया है.
ईरान ने रविवार को ब्रिटेन के राजदूत को समन भेजा था और पूछा था रैली में उनका जाना बिल्कुल ग़लत था. ईरान ने ब्रिटिश राजदूत से जवाब मांगा है. ट्रंप ने ट्वीट कर ईरान से कहा है, ''अपने प्रदर्शनकारियों को मारो मत. पूरी दुनिया देख रही है और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि अमरीका देख रहा है.''
अमरीका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने सीबीएस से कहा है कि ट्रंप अब भी ईरान से बातचीत कर मुद्दों को सुलझाना चाहते हैं. मार्क ने कहा, ''हमलोग बिना कोई शर्त के बातचीत करना चाहते हैं. अगर ईरान कुछ क़दम उठाता है तो वो एक सामान्य देश बन सकता है.''
पिछले साल भी तेहरान और वॉशिंगटन में तनाव बढ़ा था तो लोग सड़क पर सरकार के ख़िलाफ़ उतरे थे. नवंबर में गैस की क़ीमत बढ़ी तो लोग सड़क पर उतरे.
तब भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों में साफ़ दिख रहा था कि बैंकों, पेट्रोल पंपों और सरकारी इमारतों में आग लगाई गई है. वीडियो में कुछ प्रदर्शनकारी ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयतोल्लाह ख़ामेनेई के ख़िलाफ़ नारे लगा रहे थे.
ईरान की सरकार ने प्रतिक्रिया में इंटरनेट को बंद कर दिया था ताकि सूचनाओं के प्रसार पर नियंत्रण रखा जा सके. अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने ईरान की सरकार की आलोचना की थी कि वो प्रदर्शनकारियों को मार रही है.