'आईएस की दुल्हन' हुदा मुथाना को अमरीका आने से क्यों रोक रहे हैं डोनल्ड ट्रंप?
हुदा मुथाना का मामला ब्रिटेन में जन्मी शमीमा बेगम से मेल खाता है. शमीमा साल 2015 में 15 साल की उम्र में आईएस में शामिल होने के लिए लंदन से भाग गई थीं.
शमीमा ने हाल ही में एक बच्चे को जन्म दिया है और अब वह वापस ब्रिटेन लौटना चाहती हैं. हालांकि ब्रिटेन सरकार ने उनकी ब्रितानी नागरिकता ख़त्म कर दी है, जिसे शमीमा ने 'अन्यायपूर्ण' बताया है.
24 वर्षीय हुदा मुथाना के पिता ने अमरीकी सरकार पर मुक़दमा कर दिया है.
अमरीका में अल्बामा कॉलेज की छात्रा रहीं हुदा चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए सीरिया चली गई थीं. उस वक़्त उनकी उम्र 20 साल थी.
हुदा अपने परिवार से बिना बताए अपना कॉलेज छोड़कर और अपनी फ़ीस के पैसों से तुर्की का टिकट ख़रीदकर अमरीका से भाग गई थीं. बाद में तुर्की के रास्ते वो सीरिया पहुंच गई थीं.
इस वक़्त हुदा 18 महीने के बच्चे की मां भी हैं और वह अब अमरीका वापस आना चाहती हैं.
सीरिया में अमरीका समर्थित सुरक्षाबल आईएस लड़ाकों के आख़िरी गढ़ को ध्वस्त करने की तैयारी का दावा करते हैं. ऐसे में सीरिया के उन गांवों को खाली कराया जा रहा है जिन्हें इस्लामिक स्टेट के आख़िरी गढ़ के तौर पर जाना जाता है.
फ़िलहाल हुदा ने अपने बेटे के साथ सीरिया के एक कुर्दिश कैंप में पनाह ली हुई है. उन्होंने अमरीका वापस आने की इच्छा जताई जिसके बाद अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि हुदा को अमरीका में दोबारा प्रवेश नहीं दिया जा सकता.
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ट्रंप ने ट्वीट किया, "मैंने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को निर्देश दिया है कि हुदा मुथाना को वापस देश में न आने दिया जाए. पोम्पियो भी इससे पूरी तरह सहमत हैं."
'बच्चे की ज़िंदगी बर्बाद नहीं करना चाहतीं हुदा'
इसके बाद हुदा के पिता अहमद अली मुथाना ने गुरुवार को ट्रंप प्रशासन के ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर कर दिया. अहमद अली ने अमरीका प्रशासन पर उनकी बेटी की नागरिकता छीनने का 'ग़ैर-क़ानूनी प्रयास' करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा है कि उनकी बेटी अमरीका सरकार की तरफ़ से किसी भी तरह की कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार है लेकिन वह उसके लिए अमरीकी नागरिकता और क़ानूनी पहचान चाहते हैं.
मुक़दमे की जानकारी देते हुए एक बयान में कहा गया, "मुथाना ने अपने किए को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है और इसकी पूरी ज़िम्मेदारी ली है. मुथाना के शब्दों में कहें तो उन्होंने अपनी ज़िंदगी 'बर्बाद' कर ली है लेकिन अपने नन्हें बच्चे की ज़िंदगी नहीं बर्बाद करना चाहतीं."
https://twitter.com/realDonaldTrump/status/1098327855145062411
हुदा ने भी कहा है कि अगर उन्हें अमरीका आने दिया जाता है तो वह अदालत का सामना करने के लिए तैयार हैं लेकिन डोनल्ड ट्रंप ने साफ़ कहा है कि वो उन्हें वापस देश में नहीं आने देंगे.
अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भी स्पष्ट कह चुके हैं कि मुथाना के पास अब अमरीकी वीज़ा या पासपोर्ट किसी तरह का 'क़ानूनी अधिकार' या 'अधिकार' नहीं है.
पोम्पियो ने कहा कि हुदा के पिता यमन में संयुक्त राष्ट्र के राजदूत रह चुके हैं इसलिए भी ये फ़ैसला लेना ज़रूरी था. अमरीकी क़ानून राजनयिकों के बच्चों को अमरीकी नागरिक नहीं मानता.
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'एक ट्वीट से नहीं छिन सकती नागरिकता'
वहीं, हुदा के पिता का कहना है कि उसके जन्म के वक़्त से ही उन्होंने राजनायिक के तौर पर काम करना बंद कर दिया था.
हुदा के परिवार का कहना है कि अमरीकी विदेश मंत्रालय पहले उन्हें अमरीकी नागरिक मान चुका है और इस मद्देनज़र उन्हें साल 2004 में अमरीकी पासपोर्ट भी दिया गया था. हालांकि ट्रंप प्रशासन मुथानी परिवार की इस दलील को ख़ारिज कर रहा है.
इस मामले में हुदा के पिता के मुक़दमे का प्रतिनिधित्व अमरीका के 'कॉन्सिट्यूशनल लॉ सेंटर फ़ॉर मुस्लिम्स' कर रहा है.
'कॉन्सिट्यूशनल लॉ सेंटर फ़ॉर मुस्लिम्स' का कहना है कि मुथाना परिवार का मुक़दमा अमरीकी संविधान के तहत ही किया गया है. सेंटर का कहना है कि नागरिकता एक ऐसा अधिकार है जो अगर एक बार मिल गया तो उसे महज़ एकपक्षीय ट्वीट से नहीं छीना जा सकता.
मैं पूरी तरह बदल गई हूं: हुदा
हुदा ने सीएनएन से कहा था जब वो अमरीका छोड़कर आईएस में शामिल होने के लिए गई थीं तब वो एक 'मासूम, नाराज़ और घमंडी लड़की' थीं.
उन्होंने कहा, "सीरिया में मैंने एक अलग तरह की ज़िंदगी का अनुभव लिया. युद्ध के ख़तरनाक प्रभावों ने मुझे बदल दिया. इतने क़रीब से ख़ून-ख़राबा देखकर मैं बदल गई. मां बनने के बाद मैं बदल गई. मैंने दोस्तों, बच्चों और उन पुरुषों को मरते देखा जिनसे मैंने शादी की थी. इन सबने मुझे बदल दिया."
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हुदा जैसी और लड़कियां भी हैं...
हुदा मुथाना का मामला ब्रिटेन में जन्मी शमीमा बेगम से मेल खाता है. शमीमा साल 2015 में 15 साल की उम्र में आईएस में शामिल होने के लिए लंदन से भाग गई थीं.
शमीमा ने हाल ही में एक बच्चे को जन्म दिया है और अब वह वापस ब्रिटेन लौटना चाहती हैं. हालांकि ब्रिटेन सरकार ने उनकी ब्रितानी नागरिकता ख़त्म कर दी है, जिसे शमीमा ने 'अन्यायपूर्ण' बताया है.